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एक ऐसा कब्रिस्तान, जहां डर के बजाय मिलती है शांति! मॉर्निंग वॉक और शादियों से रहता है गुलजार - Unique cemetery in Gaya

UNIQUE CEMETERY OF BIHAR : कब्रिस्तान एक ऐसी सुनसान जगह होती है, जहां जाने तक से लोग कतराते हैं. रात में तो इसके आस-पास जाने में भी लोग डरते हैं, लेकिन बिहार के गया में एक ऐसा शानदार कब्रिस्तान है, जहां पहुंचकर लोग सुकून और आनंद महसूस करते हैं.

अनोखा कब्रिस्तान
अनोखा कब्रिस्तान

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 27, 2024, 10:47 AM IST

Updated : Mar 27, 2024, 1:52 PM IST

गया का अनोखा कब्रिस्तान

गया:बिहार के गया में ऐसाकब्रिस्तानहै, जो दिन भर गुलजार रहता है. सुबह से लेकर रात तक लोगों की आवाजाही लगी रहती है. इस कब्रिस्तान में 2000 पेड़-पौधे और फूल पत्तियां लगी हुईं हैं. यहां की खूबसूरती देखने से लगता ही नहीं कि यह कब्रिस्तान है. यहां सुबह में मॉर्निंग वॉक और सुकून के पल बिताने के लिए लोग पहुंचते हैं. हैरानी की बात तो ये है कि इस कब्रिस्तान परिसर में शादी की शहनाई तक बजती है. यानी निकाह जैसे शुभ कार्यक्रम करने का भी यहां इंतेजाम है.

अनोखा कब्रिस्तान

डेढ़ सौ साल पुराना अनोखा कब्रिस्तान: गया में डेढ़ सौ साल पुराना ये अनोखा कब्रिस्तान शहर के करीमगंज इलाके में करीब 6 एकड़ में फैला हुआ है. जिसे दूर से देखने से लगता ही नहीं कि यह कब्रिस्तान है. इसमें 2000 पेड़-पौधे, फूल पत्तियां लगी हुईं हैं. कोई नया व्यक्ति आ जाए, तो इसे पार्क ही समझेगा, लेकिन पार्क जैसा दिखने वाला यह स्थान कब्रिस्तान है, जहां हजारों शव दफनाए हुए हैं. इस कब्रिस्तान में एक मैरिज हाॅल भी बना हुआ है, जिसमें शहनाइयों की गूंज के बीच निकाह की रस्में भी अदा की जाती हैं.

डेढ़ सौ साल पुराना अनोखा कब्रिस्तान

सुबह में मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं लोग: इस अनोखे कब्रिस्तान में लोग फजिर (सुबह) की नमाज पढ़ने के बाद फातिहा (प्रार्थना) भी करते हैं. कब्रिस्तान परिसर में एक बड़ा हॉल है, जिसमें बैठकें और शादी समारोह भी होते हैं. कब्रिस्तान में चारों ओर टाइल्स और पत्थरों से खूबसूरत कुर्सीनुमा स्थान बैठने के लिए बनाया गया है, जिस पर लोग शांति और आराम के लिए बैठते हैं. कब्रों के पास बनी कुर्सी पर बैठे लोग इतना सुकून और इत्मीनान महसूस करते हैं कि उन्हें मन में कहीं भी यह नहीं लगता, कि वे कब्रिस्तान के परिसर में बैठे हैं, जहां पर इतने सारे शव दफन हैं.

सुबह में मॉर्निंग वॉक के लिए आते हैं लोग

फूलों और पेड़ों से पटा है ये कब्रिस्तान: बिहार का यह संभवता पहला कब्रिस्तान है, जिसमें इतनी खूबसूरती है. इस कब्रिस्तान में चारों ओर हजारों की संख्या में शव दफनाए हुए हैं, ठीक इसके बीचो-बीच मॉर्निंग वॉक के लिए सुंदर रास्ता बनाया गया है. रास्ते में किनारे पर फूलों और पेड़ों से सजावट की गई है. यहां गुलाब, चमेली, गेंदा के फूलों से लेकर आम, अमरूद, शीशम समेत अन्य पेड़ मिल जाएंगे. तकरीबन 2000 के करीब यहां पेड़ और फूल- पत्ती लगाए गए हैं. यहां की गई लाइटिंग भी इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देती है. रात में यह और खूबसूरत नजर आता है.

2002 में हुई थी इसे बनाने की शुरुआत

2002 में हुई थी इसे बनाने की शुरुआतःकरीमगंज कब्रिस्तान के पूर्व सेक्रेटरी नेहाल अहमद बताते हैं कि वर्ष 2002 से यह पहल शुरू हुई. तब इस कब्रिस्तान में आने से लोग परहेज करते थे, लेकिन 2002 के बाद स्थानीय वार्ड पार्षद अबरार अहमद उर्फ भोला मियां के पहल से कब्रिस्तान को लेकर लोगों की सोच बदली. अबरार अहमद ने इस कब्रिस्तान को इस कदर सौंदर्यीकरण में ढाल दिया कि यह कब्रिस्तान खूबसूरत स्थान लगने लगा. कब्रिस्तान परिसर में ही 30 लाख की लागत से एक सामुदायिक भवन भी बना है. यहां एक मंजिल पर फुल एसी हॉल है.

"यहां कब्रिस्तान में चारों ओर शव दफनाए जाते हैं, लेकिन इसके सौंदर्यीकरण के कारण लोग यहां मॉर्निंग वॉक करने आते हैं. कब्रिस्तान परिसर में फातिहा भी पढ़े जाते हैं, शादियां भी होती हैं, गरीब परिवारों के लिए निकाह-शादियां निशुल्क रहती हैं"- नेहाल अहमद, पूर्व सेक्रेटरी, करीमगंज कब्रिस्तान

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Last Updated : Mar 27, 2024, 1:52 PM IST

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