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केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी बोले- हुक्मरानों ने की गलती, क्या जरूरत थी बांग्लादेश को अलग करने की - UNION MINISTER JITAN RAM MANJHI

उत्तराखंड में केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने बांग्लादेश की स्थिति पर कांग्रेस को घेरा, पानी नाक के ऊपर जाएगा तो करेंगे हस्तक्षेप

UNION MINISTER JITAN RAM MANJHI
टिहरी में जीतन राम मांझी (फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 6, 2024, 5:17 PM IST

टिहरी (उत्तराखंड):केंद्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी उत्तराखंड दौरे पर हैं. इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री मांझी टिहरी पहुंचे. जहां वे टिहरी की भौगोलिक स्थिति से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा हालात और हिंसा को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि हिंदू हो या मुसलमान, अगर कहीं कोई अपने नागरिकों के प्रति इस तरह की हिंसा करता है, तो वो निंदनीय और दंडनीय है.

बांग्लादेश की स्थिति पर कही ये बात:केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंसा के मामले में भारत को सुरक्षा परिषद या संयुक्त राष्ट्र संघ को देखना चाहिए. भारत सरकार लगातार बांग्लादेश की घटना पर पैनी दृष्टि रखे हुए है कि वहां क्या हो रहा है? अभी वहां के लोगों को कहा जा रहा है कि वो अस्थायी घरों पर रहें. अगर नाक से पानी ऊपर जाने लगेगा तो भारत निश्चित ही हस्तक्षेप करेगा.

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का बयान (वीडियो- ETV Bharat)

हमारे हुक्मरानों ने की गलतियां:मंत्री मांझी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि 'हमारे हुक्मरानों ने गलतियां की हैं, जिसका खामियाजा कश्मीर में भोगना पड़ा, लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार ने कश्मीर मसले पर दृढ़ निश्चय कर 370 हटाने का काम किया.' उन्होंने इंदिरा गांधी की ओर से लिए गए फैसले पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 'क्या जरूरत थी बांग्लादेश को अलग बनवाने की? अगर आज बांग्लादेश हमारे साथ होता तो इस तरह की घटना वहां नहीं होती.'

कांग्रेस सरकार पर फोड़ा ठीकरा:केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि 'कांग्रेस सरकार ने यहां भारी गलती की है. जिसका खामियाजा आज बांग्लादेश में देखने को मिल रहा है. साथ ही सवाल उठाते हुए कहा कि क्या जरूरत थी? जब 96,000 सैनिकों को सरेंडर कर बांग्लादेश बनाने की. अगर वो आज भारत का हिस्सा होता तो इस तरह की घटनाएं बांग्लादेश में नहीं होती.'

गरीब कामगारों के लिए गेम चेंजर है पीएम विश्वकर्मा योजना:इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की तीसरी शक्ति वाला देश बनने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगामी 2047 तक भारत को दुनिया की प्रथम शक्ति बनाने का प्रयास किया जा रहा है. केंद्रीय एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना गरीब, अपवंचित वर्ग के कामगारों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है.

उत्तराखंड दौरे पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (फोटो- ETV Bharat)

पीएम विश्वकर्मा योजना में 5 करोड़ से ज्यादा कामगारों का पंजीकरण:इस योजना के तहत छोटे उद्यमी को भी बिना बैंक गारंटी के स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके लिए उन्हें विभागीय पोर्टल उद्यम पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. अब तक देशभर के 5 करोड़ से ज्यादा कामगार इस पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं. उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी में कृषि के बाद एमएसएमई का करीब 31 फीसदी का योगदान है.

पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए अहम विभाग है एमएसएमई:केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा कि वो निजी दौरे पर उत्तराखंड आए हैं. यह एक तरह से लिटमस टेस्ट था. ताकि, विभागीय योजनाओं की उन्हें जानकारी हो सके. एमएसएमई पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों के लिए अहम विभाग है. खादी ग्रामोद्योग, उद्योग विभाग समेत संबंधित विभाग को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाना चाहिए.

मंत्री मांझी ने दिए कई सुझाव:उन्होंने कहा कि अभी तक यहां इन योजनाओं का लोगों ने प्रचार-प्रसार के अभाव में लाभ नहीं लिया है. ऐसे में प्रदेश और जिले के अधिकारियों को इन योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को देना चाहिए. साथ ही कहा कि वर्तमान में उनके विभाग से 23 करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है. किसी भी देश की प्रगति उसके निर्यात पर निर्भर है. उनके विभाग से 35 प्रतिशत निर्यात किया जाता है.

टिहरी झील में उठाया बोटिंग का लुत्फ: पहाड़ों में दोने-पत्तल, जंगली फ्रूट्स, बांस आधारित उद्यम, अगरबत्ती, धूपबत्ती के क्षेत्र में स्थानीय युवा काम कर सकते हैं. पीएम विश्वकर्मा योजना में 18 ट्रेड शामिल किए हैं. पहाड़ों का शानदार मौसम, जीरो प्रदूषण, शानदार आबोहवा काम करने के लिए मुफीद है. वो विभागीय योजनाओं के संबंध में सीएम पुष्कर धामी से बात करेंगे. वहीं, मंत्री मांझी ने परिजनों के साथ टिहरी बांध और झील का भ्रमण कर बोटिंग का भी लुत्फ उठाया.

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