देहरादून:जंगल का राजा टाइगर जितना ताकतवर होता है, उतना ही समझदार भी. इसीलिए टाइगर कभी अपनी ताकत और एनर्जी को बेकार नहीं जाने देता. बाघों के खाने को लेकर हुए अध्ययन में कुछ ऐसी ही बातें सामने आई हैं. दरअसल उत्तराखंड में हुए शोध में यह बात पता चली है कि बाघ सांभर का शिकार करना सबसे ज्यादा पसंद करता है. इसके पीछे कुछ खास वजह है. क्या है ये कारण जानिए ईटीवी भारत की रिपोर्ट.
पता चल गया बाघ का फेवरेट शिकार:वैसे तो जंगल में बाघ की निगाहें जिस शिकार पर पड़ती हैं, उसे पाने के लिए वो पूरी ताकत लगा देता है. लेकिन रोचक तथ्य यह है कि बाघों को सबसे ज्यादा सांभर का शिकार करना पसंद है. उत्तराखंड में मौजूद बाघों के भोजन को लेकर हुए अध्ययन में कुछ ऐसी ही बातें निकलकर सामने आई हैं. पता चला है कि बाघों को सांभर की दावत उड़ानी पसंद है और जंगल में सबसे ज्यादा बाघों के लिए सांभर का शिकार ही मुफीद भी रहता है.
बाघ को पसंद है सांभर का शिकार:इसके पीछे अध्ययन के दौरान कुछ खास वजह भी मानी गई हैं. बताया गया है कि बाघ सांभर का शिकार करने के बाद कई दिनों तक अपने भोजन की व्यवस्था करने को लेकर चिंता से दूर हो जाता है. बड़ी बात यह है कि टाइगर सांभर का शिकार करने के बाद कई दिनों तक उसे खाता है और शिकार करने में लगने वाली एनर्जी को भी बचा लेता है. इसके उलट जंगली सूअर, हिरण या काकड़ का शिकार करने में उसे उतनी ही ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है और इसके बावजूद उसे भरपेट खाना नहीं मिल पाता. इसके कारण उसे फिर से जंगल में नए शिकार के लिए निकलना पड़ता है.
बाघों की संख्या में तीसरे नंबर पर है उत्तराखंड:टाइगर के संवर्धन को लेकर उत्तराखंड राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर स्थिति में दिखाई देता है. बाघों की संख्या के लिहाज से उत्तराखंड देश में तीसरे स्थान पर है. सबसे बड़ी बात यह है कि घनत्व के लिहाज से सबसे ज्यादा बाघ देश में उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास के क्षेत्र में भी बाघों की संख्या लगातार बढ़ी है. इससे यह साफ हुआ है कि यह पूरा क्षेत्र बाघों के लिहाज से सबसे मुफीद है.