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NLDC से टिहरी पावर प्लांट को मिलने वाला सिग्नल होगा हैक फ्री, IIT रुड़की ने डेवलप किया सिस्टम - HACK FREE HYDRO PLANT CONTROL

हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम हैकर्स की साजिश को करेगा फेल, आईआईटी रुड़की के रिसर्च एसोसिएट डॉ पुलकराज आर्यन से एक्सक्लूसिव बातचीत

HACK FREE HYDRO PLANT CONTROL
टिहरी पावर प्लांट के लिए हैक फ्री सिस्टम डेवलप (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 5, 2025, 2:33 PM IST

Updated : Feb 5, 2025, 3:20 PM IST

देहरादून (रोहित सोनी): डिजिटलाइजेशन के इस युग में हैकिंग एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में आज हैकिंग के जरिए साइबर ठगी के मामले काफी देखे जा रहे हैं. इन घटनाओं पर लगाम लगाए जाने को लेकर भारत सरकार तमाम बड़ी पहल कर रही है.

वहीं अब ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश भर के पावर प्लांट को नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (एनएलडीसी) से मिलने वाले सिग्नल को हैकिंग से बचाते हुए सिक्योर किया जा सके इस पर जोर दिया जा रहा है. इसको लेकर उत्तराखंड स्थित आईआईटी रुड़की ने हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम को डेवलप किया है.

IIT रुड़की ने डेवलप किया हैक फ्री सिस्टम (VIDEO- ETV Bharat)

आखिर क्या है हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम और ये कैसे काम करता है? देखिए ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

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आईआईटी रुड़की ने टिहरी पावर प्लांट के लिए हैक फ्री सिस्टम डेवलप किया है (PHOTO- ETV BHARAT)

टिहरी पावर प्लांट के सिग्नल होंगे हैक फ्री: भारत सरकार का एनएलडीसी (National Load Dispatch Centre) एक ऐसा केंद्र है, जो देश में में बिजली व्यवस्था के संचालन को मैनेज करता है. यानी यह सेंटर देश में मौजूद सभी पावर प्लांट्स को एजीसी सिग्नल (Automatic gain control) भेज कर ऊर्जा को संतुलित करने के लिए जनरेटर के आउटपुट को समायोजित करता है.

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टिहरी पावर प्लांट हैक फ्री होगा (ETV Bharat Graphics)

इसके अलावा एनएलडीसी तमाम अन्य दिशा निर्देशों के साथ ही सुझाव भी पावर प्लांट्स को देता है. लेकिन जिस तरह से देश दुनिया में हैकिंग खास का टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, इसका असर ऊर्जा के क्षेत्र में ना पड़े, इसको लेकर आईआईटी रुड़की ने प्रोजेक्ट तैयार किया है.

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हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम हैकर्स की साजिश को फेल कर देगा (PHOTO- ETV BHARAT)

मुख्य रूप से आईआईटी रुड़की की ओर से तैयार-

हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम, उत्तराखंड स्थित टिहरी पावर प्लांट के सिग्नल को हैक फ्री करने के लिए किया गया है. ताकि भविष्य में टिहरी पावर प्लांट को एनएलडीसी से मिलने वाला सिग्नल हैक ना हो.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए आईआईटी रुड़की के रिसर्च एसोसिएट डॉ पुलकराज आर्यन ने बताया कि-

आईआईटी रुड़की ने जो हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम डेवलप किया है, ये टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन) स्पॉन्सर्ड है. टीएचडीसी की ओर से आईआईटी रुड़की को ये बताया गया कि वो एजीसी (Automatic generation control) में पार्टिसिपेट करते हैं. यानी दिल्ली स्थित एनएलडीसी, देश में मौजूद सभी हाइड्रो पावर प्लांट को एजीसी सिग्नल भेजते हैं कि किस हाइड्रो पावर प्लांट को कितना विद्युत उत्पादन करना है. ऐसे में एनएलडीसी जो एजीसी सिग्नल सभी पावर प्लांट्स को भेजता है, उसको ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क के जरिए भेजता है. ऐसे में अगर यह नेटवर्क हैक हो जाता है, तो विद्युत जेनरेशन के लिए भेजे जाने वाले सिग्नल से गलत जानकारी मिलेगी. इसको देखते हुए आईआईटी रुड़की ने हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम को डेवलप किया है.
-डॉ पुलकराज आर्यन, रिसर्च एसोसिएट, आईआईटी रुड़की-

आईआईटी रुड़की ने डेवलप किया हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम: आईआईटी रुड़की ने जो सिस्टम डेवलप किया है, उसका काम जो सिग्नल एनएलडीसी से पावर प्लांट में आ रही है, उसको यह स्टडी करना है.

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हैकर्स से बचाने के लिए आईआईटी रुड़की ने सॉफ्टवेयर डेवलप किया (ETV Bharat Graphics)

अगर स्टडी के दौरान इस सिस्टम को यह पता चलेगा कि सिग्नल हैक है, तो ये सिस्टम पावर प्लांट को सूचना देगा कि एजीसी में पार्टिसिपेट ना करें, बल्कि लोकल मोड ऑफ ऑपरेशन में काम करें, जब तक कि सिग्नल को ट्रेस और डिटेक्ट करके आइसोलेट नहीं कर दिया जाता है.

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सिग्नल की स्टडी करेगा हैक फ्री सिस्टम (ETV Bharat Graphics)

इस पूरे सिस्टम के लिए आईआईटी रुड़की ने एक हार्डवेयर डेवलप किया है. इसके अलावा एक सॉफ्टवेयर भी डेवलप किया गया है, जो डायरेक्ट टीएचडीसी में इंटीग्रेटेड हो सकता है.

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एनएलडीसी बिजली व्यवस्था को मैनेज करता है (ETV Bharat Graphics)

आईआईटी रुड़की के एसोसिएट रिसर्चर पुलकराज आर्यन ने बताया कि-

हैकिंग पावर सेक्टर के क्षेत्र में बिल्कुल नया है. लेकिन टेलीकॉम सेक्टर में अमूमन, हैकिंग के मामले सामने आते रहते हैं. यूरोप, यूक्रेन और चीन में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसके अलावा अमेरिका से भी इस तरह के कुछ मामले सामने आ चुके हैं. लिहाजा, इन चुनौतियों को देखते हुए टीएचडीसी ने आईआईटी रुड़की से ये कहा था कि उनके कम्युनिकेशन चैनल को सिक्योर किए जाने को लेकर हैक फ्री सिस्टम डेवलप करें. इसके बाद आईआईटी रुड़की ने ये डिवाइस तैयार किया है. यह प्रोजेक्ट अब अंतिम चरण में है. संभवत अप्रैल 2025 में प्रोजेक्ट का काम पूरा कर लिया जाएगा.
-डॉ पुलकराज आर्यन, रिसर्च एसोसिएट, आईआईटी रुड़की-

डॉ पुलकराज आर्यन ने साथ ही बताया कि आईआईटी रुड़की ने ये प्रोजेक्ट साल 2023 में शुरू किया था. यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का है. जिसका सारा खर्च आईआईटी रुड़की के इनक्यूबेशन सेंटर, आई हब, दिव्य संपर्क और टीएचडीसी ने उठाया है.

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टीएचडीसी ने हैक फ्री सिस्टम बनाने को कहा था (ETV Bharat Graphics)

इस पूरे प्रोजेक्ट की स्टडी करने में टीम को लगभग एक साल का वक्त लगा. हमने रिसर्च की कि किस तरह से सिग्नल ट्रांसमिट होती है और हैक होने की क्या-क्या संभावना हैं. लिहाजा, एक गहन अध्ययन के बाद एक हार्डवेयर और एक सॉफ्टवेयर डेवलप कर लिया गया है. जिसके मैथड को आईआईटी रुड़की ने पेटेंट भी करवा लिया है.
-डॉ पुलकराज आर्यन, रिसर्च एसोसिएट, आईआईटी रुड़की-

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर चली कवायद: वर्तमान समय में आईआईटी रुड़की की ओर से तैयार किए गए इस सिस्टम की टेक्नोलॉजी को ट्रांसफर करने की बात चल रही है. दरअसल, टीएचडीसी का इंडस्ट्री पार्टनर सीमेंस इंडिया लिमिटेड है. इसी कंपनी से ही टीएचडीसी प्रोडक्ट खरीद सकती है. जबकि, आईआईटी रुड़की ने जो सिस्टम डेवलप किया है, उसको पेटेंट करवा चुकी है.

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अब टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की कवायद चल रही है (ETV Bharat Graphics)

लिहाजा टीएचडीसी के इंडस्ट्री पार्टनर सीमेंस इंडिया लिमिटेड को इस तरह का प्रोडक्ट डेवलप करने के लिए आईआईटी रुड़की से प्रिक्योर करना होगा. इसके बाद अपनी इंडस्ट्री में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डेवलप करेंगे.

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टिहरी पावर प्लांट के सिग्नल होंगे हैक फ्री (PHOTO- ETV BHARAT)

उत्तराखंड के सरकारी विभागों में हो चुका है साइबर अटैक: गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में उत्तराखंड में साइबर अटैक से सरकारी कामकाज ठप हो गया था. साइबर अटैक इतना तगड़ा था कि इसने CM हेल्पलाइन समेत 186 वेबसाइट को हैक कर दिया था.

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आईआईटी रुड़की के रिसर्च एसोसिएट डॉ पुलकराज आर्यन के नेतृत्व में हैक फ्री सिस्टम डेवलप किया गया है (PHOTO- ETV BHARAT)

साइबर अटैक से प्रदेश का पूरा आईटी सिस्टम ठप हो गया था. सचिवालय समेत सभी दफ्तरों कामकाज ठप हो गया था.

यह साइबर हमला इतना जबदस्त था कि इससे न केवल यूके स्वान (UK SWAN) जैसी सुरक्षित इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हुईं थी, बल्कि उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण स्टेट डेटा सेंटर भी इसकी चपेट में आ गया था. इस साइबर हमले से निपटने में आईटी तकनीशियन को पसीने छूट गए थे.
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देहरादून (रोहित सोनी): डिजिटलाइजेशन के इस युग में हैकिंग एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में आज हैकिंग के जरिए साइबर ठगी के मामले काफी देखे जा रहे हैं. इन घटनाओं पर लगाम लगाए जाने को लेकर भारत सरकार तमाम बड़ी पहल कर रही है.

वहीं अब ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश भर के पावर प्लांट को नेशनल लोड डिस्पैच सेंटर (एनएलडीसी) से मिलने वाले सिग्नल को हैकिंग से बचाते हुए सिक्योर किया जा सके इस पर जोर दिया जा रहा है. इसको लेकर उत्तराखंड स्थित आईआईटी रुड़की ने हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम को डेवलप किया है.

IIT रुड़की ने डेवलप किया हैक फ्री सिस्टम (VIDEO- ETV Bharat)

आखिर क्या है हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम और ये कैसे काम करता है? देखिए ईटीवी भारत की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट.

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आईआईटी रुड़की ने टिहरी पावर प्लांट के लिए हैक फ्री सिस्टम डेवलप किया है (PHOTO- ETV BHARAT)

टिहरी पावर प्लांट के सिग्नल होंगे हैक फ्री: भारत सरकार का एनएलडीसी (National Load Dispatch Centre) एक ऐसा केंद्र है, जो देश में में बिजली व्यवस्था के संचालन को मैनेज करता है. यानी यह सेंटर देश में मौजूद सभी पावर प्लांट्स को एजीसी सिग्नल (Automatic gain control) भेज कर ऊर्जा को संतुलित करने के लिए जनरेटर के आउटपुट को समायोजित करता है.

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टिहरी पावर प्लांट हैक फ्री होगा (ETV Bharat Graphics)

इसके अलावा एनएलडीसी तमाम अन्य दिशा निर्देशों के साथ ही सुझाव भी पावर प्लांट्स को देता है. लेकिन जिस तरह से देश दुनिया में हैकिंग खास का टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, इसका असर ऊर्जा के क्षेत्र में ना पड़े, इसको लेकर आईआईटी रुड़की ने प्रोजेक्ट तैयार किया है.

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हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम हैकर्स की साजिश को फेल कर देगा (PHOTO- ETV BHARAT)

मुख्य रूप से आईआईटी रुड़की की ओर से तैयार-

हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम, उत्तराखंड स्थित टिहरी पावर प्लांट के सिग्नल को हैक फ्री करने के लिए किया गया है. ताकि भविष्य में टिहरी पावर प्लांट को एनएलडीसी से मिलने वाला सिग्नल हैक ना हो.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए आईआईटी रुड़की के रिसर्च एसोसिएट डॉ पुलकराज आर्यन ने बताया कि-

आईआईटी रुड़की ने जो हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम डेवलप किया है, ये टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन) स्पॉन्सर्ड है. टीएचडीसी की ओर से आईआईटी रुड़की को ये बताया गया कि वो एजीसी (Automatic generation control) में पार्टिसिपेट करते हैं. यानी दिल्ली स्थित एनएलडीसी, देश में मौजूद सभी हाइड्रो पावर प्लांट को एजीसी सिग्नल भेजते हैं कि किस हाइड्रो पावर प्लांट को कितना विद्युत उत्पादन करना है. ऐसे में एनएलडीसी जो एजीसी सिग्नल सभी पावर प्लांट्स को भेजता है, उसको ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क के जरिए भेजता है. ऐसे में अगर यह नेटवर्क हैक हो जाता है, तो विद्युत जेनरेशन के लिए भेजे जाने वाले सिग्नल से गलत जानकारी मिलेगी. इसको देखते हुए आईआईटी रुड़की ने हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम को डेवलप किया है.
-डॉ पुलकराज आर्यन, रिसर्च एसोसिएट, आईआईटी रुड़की-

आईआईटी रुड़की ने डेवलप किया हैक फ्री हाइड्रो प्लांट कंट्रोल सिस्टम: आईआईटी रुड़की ने जो सिस्टम डेवलप किया है, उसका काम जो सिग्नल एनएलडीसी से पावर प्लांट में आ रही है, उसको यह स्टडी करना है.

HACK FREE HYDRO PLANT CONTROL
हैकर्स से बचाने के लिए आईआईटी रुड़की ने सॉफ्टवेयर डेवलप किया (ETV Bharat Graphics)

अगर स्टडी के दौरान इस सिस्टम को यह पता चलेगा कि सिग्नल हैक है, तो ये सिस्टम पावर प्लांट को सूचना देगा कि एजीसी में पार्टिसिपेट ना करें, बल्कि लोकल मोड ऑफ ऑपरेशन में काम करें, जब तक कि सिग्नल को ट्रेस और डिटेक्ट करके आइसोलेट नहीं कर दिया जाता है.

HACK FREE HYDRO PLANT CONTROL
सिग्नल की स्टडी करेगा हैक फ्री सिस्टम (ETV Bharat Graphics)

इस पूरे सिस्टम के लिए आईआईटी रुड़की ने एक हार्डवेयर डेवलप किया है. इसके अलावा एक सॉफ्टवेयर भी डेवलप किया गया है, जो डायरेक्ट टीएचडीसी में इंटीग्रेटेड हो सकता है.

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एनएलडीसी बिजली व्यवस्था को मैनेज करता है (ETV Bharat Graphics)

आईआईटी रुड़की के एसोसिएट रिसर्चर पुलकराज आर्यन ने बताया कि-

हैकिंग पावर सेक्टर के क्षेत्र में बिल्कुल नया है. लेकिन टेलीकॉम सेक्टर में अमूमन, हैकिंग के मामले सामने आते रहते हैं. यूरोप, यूक्रेन और चीन में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसके अलावा अमेरिका से भी इस तरह के कुछ मामले सामने आ चुके हैं. लिहाजा, इन चुनौतियों को देखते हुए टीएचडीसी ने आईआईटी रुड़की से ये कहा था कि उनके कम्युनिकेशन चैनल को सिक्योर किए जाने को लेकर हैक फ्री सिस्टम डेवलप करें. इसके बाद आईआईटी रुड़की ने ये डिवाइस तैयार किया है. यह प्रोजेक्ट अब अंतिम चरण में है. संभवत अप्रैल 2025 में प्रोजेक्ट का काम पूरा कर लिया जाएगा.
-डॉ पुलकराज आर्यन, रिसर्च एसोसिएट, आईआईटी रुड़की-

डॉ पुलकराज आर्यन ने साथ ही बताया कि आईआईटी रुड़की ने ये प्रोजेक्ट साल 2023 में शुरू किया था. यह पूरा प्रोजेक्ट लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का है. जिसका सारा खर्च आईआईटी रुड़की के इनक्यूबेशन सेंटर, आई हब, दिव्य संपर्क और टीएचडीसी ने उठाया है.

HACK FREE HYDRO PLANT CONTROL
टीएचडीसी ने हैक फ्री सिस्टम बनाने को कहा था (ETV Bharat Graphics)

इस पूरे प्रोजेक्ट की स्टडी करने में टीम को लगभग एक साल का वक्त लगा. हमने रिसर्च की कि किस तरह से सिग्नल ट्रांसमिट होती है और हैक होने की क्या-क्या संभावना हैं. लिहाजा, एक गहन अध्ययन के बाद एक हार्डवेयर और एक सॉफ्टवेयर डेवलप कर लिया गया है. जिसके मैथड को आईआईटी रुड़की ने पेटेंट भी करवा लिया है.
-डॉ पुलकराज आर्यन, रिसर्च एसोसिएट, आईआईटी रुड़की-

टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर चली कवायद: वर्तमान समय में आईआईटी रुड़की की ओर से तैयार किए गए इस सिस्टम की टेक्नोलॉजी को ट्रांसफर करने की बात चल रही है. दरअसल, टीएचडीसी का इंडस्ट्री पार्टनर सीमेंस इंडिया लिमिटेड है. इसी कंपनी से ही टीएचडीसी प्रोडक्ट खरीद सकती है. जबकि, आईआईटी रुड़की ने जो सिस्टम डेवलप किया है, उसको पेटेंट करवा चुकी है.

HACK FREE HYDRO PLANT CONTROL
अब टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की कवायद चल रही है (ETV Bharat Graphics)

लिहाजा टीएचडीसी के इंडस्ट्री पार्टनर सीमेंस इंडिया लिमिटेड को इस तरह का प्रोडक्ट डेवलप करने के लिए आईआईटी रुड़की से प्रिक्योर करना होगा. इसके बाद अपनी इंडस्ट्री में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर डेवलप करेंगे.

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टिहरी पावर प्लांट के सिग्नल होंगे हैक फ्री (PHOTO- ETV BHARAT)

उत्तराखंड के सरकारी विभागों में हो चुका है साइबर अटैक: गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में उत्तराखंड में साइबर अटैक से सरकारी कामकाज ठप हो गया था. साइबर अटैक इतना तगड़ा था कि इसने CM हेल्पलाइन समेत 186 वेबसाइट को हैक कर दिया था.

HACK FREE HYDRO PLANT CONTROL
आईआईटी रुड़की के रिसर्च एसोसिएट डॉ पुलकराज आर्यन के नेतृत्व में हैक फ्री सिस्टम डेवलप किया गया है (PHOTO- ETV BHARAT)

साइबर अटैक से प्रदेश का पूरा आईटी सिस्टम ठप हो गया था. सचिवालय समेत सभी दफ्तरों कामकाज ठप हो गया था.

यह साइबर हमला इतना जबदस्त था कि इससे न केवल यूके स्वान (UK SWAN) जैसी सुरक्षित इंटरनेट सेवाएं प्रभावित हुईं थी, बल्कि उत्तराखंड का सबसे महत्वपूर्ण स्टेट डेटा सेंटर भी इसकी चपेट में आ गया था. इस साइबर हमले से निपटने में आईटी तकनीशियन को पसीने छूट गए थे.
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Last Updated : Feb 5, 2025, 3:20 PM IST
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