कांकेर: कांकेर में मंगलवार को छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा नक्सल एनकाउंटर हुआ. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के जवानों ने कुल 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया. हिदुर और कल्पर गांवों से लगी पहाड़ियों के बीच जंगल में सुरक्षाबलों ने यह ऑपरेशन चलाया था. बुधवार को इन जंगलों में सन्नाटा पसरा दिखाई दिया. जंगल में पेड़ों पर गोलियों के निशान थे और जमीन पर खून के धब्बे दिखाई दिए.
छोटेबेठिया के आस पास के ग्रामीण बोलने से बच रहे: मीडिया की टीम एनकाउंटर स्थल के आस पास के गांवों का दौरा किया. यहां रहने वाले गांव वाले इस मुठभेड़ पर बोलने से हिचकते दिखे. कई गांववालों ने इस मुठभेड़ के बारे में बताया. ऐसे ही एक ग्रामीण लिंगाराम ने दावा किया कि उसका चचेरा भाई सक्रिय नक्सली सुक्कू मुठभेड़ में मारा गया है. इस बारे में उनके परिवार को बुधवार को पता चला है.
"सुक्कू बचपन से ही प्रतिबंधित सीपीआई माओवादी संगठन में शामिल हो गया था. उसके परिवार के सदस्यों द्वारा उसे नक्सली गतिविधियों को छोड़ने के लिए कई बार कहा गया. लेकिन वह नहीं माना और माओवादी संगठन से जुड़ा रहा. अभी तक सुक्कू के परिवार वालों ने पुलिस से कोई दावा नहीं किया है.": लिंगाराम, नक्सली सुक्कू का भाई
"मंगलवार दोपहर को कल्पर गांव से सटी एक पहाड़ी से गोलियों की आवाज सुनी": आयातु, ग्रामीण
आस पास के जंगलों में माओवादी स्मारक मौजूद: आस पास के जंगलों में माओवादी स्मारक मौजूद है. जिसे भविष्य में गिराया जासकता है. नक्सलियों की उत्तर बस्तर डिवीजन कमेटी का गढ़ कांकेर का यह इलाका माना जाता है. छोटेबेठिया में पहुंचने के लिए कोटरी नदी को पार करना पड़ता है. यह नदी गर्मी के महीने में सूख जाती है इसलिए इसे इस सीजन में पार करना आसान होता है. यहां के एक अधिकारियों ने दावा किया कि प्रशासन लंबे समय से इस इलाके में पुल बनाने की कोशिश कर रहा है लेकिन ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.