बस्तर(सुनील कश्यप): जगदलपुर जिला मुख्यालय का अंतिम गांव चांदामेटा को माना जाता है. चांदामेटा गांव की भौगोलिक स्थिति काफी दुर्गम है. चांदामेटा गांव में सुविधाओं को पहुंचाना और जुटाना प्रशासन के लिए हमेशा से मुश्किलों भरा काम रहा है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग ने वहां पर न सिर्फ मतदान केंद्र बनाया बल्कि आजादी के बाद पहली बार वहां पर वोट भी डाले गए. चांदामेटा के जिस स्कूल में पहली बार स्कूल की घंटी बजी वहां पर लोकतंत्र के महापर्व में ग्रामीणों ने अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल भी किया. लेकिन इस बार पंचायत चुनाव में चांदामेटा में मतदान केंद्र नहीं बनाया गया.
आजादी के बाद पहली बार पड़े वोट: विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जब यहां पर मतदान केंद्र बनाया गया तो गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. गांव वाले इससे पहले छिनगुर ग्राम पंचायत में जाकर वोट डाला करते थे. छिनगुर ग्राम पंचायत चांदामेटा गांव से करीब 6 से 7 किमी की दूरी पर है. दुर्गम और नक्सल प्रभावित इलाका होने के चलते गांव वाले काफी परेशान रहते थे. इसी परेशानी के चलते चांदामेटा के कई लोग वोट नहीं कर पाते थे, पर जब विधानसभा और लोकसभा में उनके यहां पोलिंग बूथ बनाए गए तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में लोगों ने जमकर मतदान किया, चुनाव आयोग भी उनके मतदान प्रतिशत से खुश हुआ.
हमारे गांव में ही अगर हमारा पोलिंग स्टेशन बनाया जाता तो अच्छा होता. पोलिंग स्टेशन दूर होने से बड़ी दिक्कत हुई - युवा वोटर
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चांदामेटा में फिर वही हालात: पंचायत चुनाव में चांदामेटा में मतदान केंद्र नहीं बनाया गया. ऐसा किसी ने सोचा तक नहीं था. जिला प्रशासन ने जब वोटरों को बताया कि आपको वोट देने के लिए छिनगुर ग्राम पंचायत जाना होगा तो करीब 6 से 7 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत छिनगुर में मतदान केंद्र बनाए जाने से लोग काफी निराश हुए. जिनके पास गाड़ी की सुविधा थी, वो वोट देने पहुंच गए लेकिन कई वोटर ऐसे थे जो दूरी के चलते वोट देने नहीं गए. गांव के युवा वोटरों का कहना है कि अगर गांव में मतदान केंद्र बनाया जाता तो शत प्रतिशत मतदान होता.
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हमें अपना वोट डालने के लिए कई किमी का सफर तय करना पड़ता है. दुर्गम इलाका होने के चलते हमें बड़ी दिक्कत होती है - युवा वोटर
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हमें बताया गया कि आपका वोट अब छिनगुर ग्राम पंचायत में पड़ेता तो हम यहां देने आए हैं. हमारे पास गाड़ी थी तो हम इतनी दूर आ गए. सबके पास गाड़ी नहीं है. कई लोग इतनी दूर वोट डालने नहीं आए - युवा वोटर
मतदान केंद्र दूर होने के चलते वोटिंग प्रतिशत पर जरूर थोड़ा बहुत अंतर पड़ेगा. अगर हमारे गांव चांदामेटार में ही मतदान केंद्र होता तो शत प्रतिशत वोटिंग होती - युवा वोटर
ग्रामीण निराश: चांदामेटा गांव के लोगों का कहना है कि निर्वाचन आयोग ने ऐसा फैसला क्यों किया ये तो उनको नहीं पता, लेकिन इस फैसले से मतदान प्रतिशत पर जरुर असर पड़ेगा. गांव के बुजुर्ग और बीमार लोग ज्यादा चल फिर नहीं सकते, वो इतनी दूर वोट देने कैसे जाएंगे? ऐसे में चांदामेटा में जो पोलिंग बूथ बनाने की शुरुआत चुनाव आयोग ने की थी, वो जारी रखने की जरुरत थी.