रायपुर: पंचायत चुनाव के पहले चरण में आज वोटरों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. कोई बुजुर्ग लाठी टेकता मतदान केंद्र तक पहुंचा तो कोई व्हील चेयर पर आया. किसान भी गांव की सरकार चुनने के लिए खेतों को छोड़ पोलिंग स्टेशनों पर कतारों में खड़े नजर आए. घंटों लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया. वोट हमारा अधिकार है और वोट देना हमारी जिम्मेदारी इस बात को अब सभी लोग समझ रहे हैं. माताएं और बहनें भी अपने छोटे छोटे बच्चों को साथ लेकर बूथों तक पहुंची. हर वोटर के चेहरे पर गांव की सरकार चुनने का उत्साह नजर आया. औसतन 75.86 फीसदी वोटिंग हुई है.
कहां पड़े कितने फीसदी वोट
कवर्धा में 73.41 फीसदी मतदान.
सहसपुर लोहारा में 75.39 प्रतिशत वोटिंग.
सरगुजा में 73 फीसदी मतदान.
बेमेतरा जनपद में कुल 71.05% मतदान दर्ज.
नवागढ़ जनपद में 71.16% मतदान.
सोनहत में कुल 65.5 फीसदी मतदान.
बुलेट का जवाब बैलेट से दिया: नक्सलवाद का दंश झेल रहे बस्तर से सबसे खूबसूरत तस्वीर सामने आई. यहां इंद्रावती नदी पर पुल बन जाने के बाद पहली बार बड़ी संख्या में वोटर वोट देने पहुंचे. गांव वालों का कहना है कि नक्सल प्रभावित तुमरीगुंडा गांव में पहली बार मतदान हुआ है. इसके पहले गांव के पास पुल नहीं होने से लोग या तो वोट नहीं देते थे या फिर वोट देने के लिए बारसूर जाया करते थे. बारसूर जाने में लोगों का काफी मशक्कत करनी पड़ती थी. तुमरीगुंडा के लोगों का कहना है कि उनके घरों में भी बिजली, पानी और गांव तक सड़क पहुंचे इसलिए वोट देना जरुरी है.
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चुनाव में नक्सलियों का खौफ खत्म: बीजापुर में सुबह 7 बजे से ही सभी पोलिंग बूथों पर महिलाओं की लंबी लंबी कतारें नजर आने लगी. नक्सल प्रभावित गंगालूर, रेड्डी, पुसनार, चेरपाल, पालनार जैसे इलाकों में मतदान को लेकर ग्रामीणों में गजब का उत्साह देखने को मिला. कभी नक्सलियों के खौफ से गंगालूर जैसे इलाकों में पोलिंग बूथों पर सन्नाटा रहता था. नक्सली चुनाव से पहले ही चुनाव बहिष्कार की धमकी जारी कर लोगों में दहशत फैला दिया करते थे. अब बस्तर में बढ़ते विकास और फोर्स के नए कैंपों की मदद से नक्सली पूरी तरह से सिमट कर रह गए हैं. सुरक्षा का दायरा बढ़ने से लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है. उसी का नतीजा है कि लोग बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए पहुंचे.
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दूल्हे ने किया मतदान: गरियाबंद के मैनपुर के ग्राम पंचायत भैंसमुड़ी में शादी से पहले दूल्हा मतदान करने पहुंचा. दूल्हे सोमनाथ का कहना था कि लोकतंत्र के महापर्व में सबको अपना योगदान देना चाहिए. दूल्हे सोमनाथ ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि गांव की सरकार चुनने का अधिकारी हमें संविधान ने दिया है, सबको इस अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए. अभनपुर के ग्राम पंचायत टीला में भी दूल्हे ने शादी से पहले मतदान किया. छुई खदान में भी बरात से पहले दूल्हे ने मतदान कर लोगों को वोटिंग के लिए जागरुक किया.
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दुर्ग में बुजुर्गों ने किया मतदान: लोकतंत्र के महापर्व की अच्छी तस्वीरें दुर्ग से भी आई. यहां बड़ी संख्या में बुजुर्ग मतदान करने के लिए पहुंचे. कई बुजुर्ग तो यहां लाठी टेकते हुए पहुंचे तो कई बुजुर्ग व्हील चेयर पर आए. 70 साल से पार के बुजुर्गों ने मतदान कर बता दिया कि उनके लिए भी वोटिंग कितना जरुरी है. बुजुर्गों को मतदान केंद्र पर दिक्कत नहीं हो इसके लिए व्हील चेयर और रैंप तक की व्यवस्थाएं की गई थी.
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धमतरी कलेक्टर ने दिया संदेश: कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी होता है. चुनाव के दौरान उसे सांस लेने तक की फुर्सत नहीं होती. इसके बाद भी धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने लाइन में खड़े होकर अपना वोट दिया. रुद्री के पोलिंग बूथ पर पहुंची कलेक्टर ने अपनी बारी आने का इंतजार किया और वोट किया. कलेक्टर ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि आप अपने गांव और उसके विकास के लिए वोट जरुर दें.
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मंत्री ने किया मतदान: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदान करने के लिए खाद्य मंत्री दयालदास बघेल भी पहुंचे. मंत्री दयाल दास बघेल ने कुंरा में अपना वोट परिवार के साथ डाला. मंत्री ने कहा कि गांव की सरकार आपकी पंसद की बने इसके लिए आपको वोट जरुरी है. उप जिला निर्वाचन अधिकारी अंकिता गर्ग ने भी मतदान किया और लोगों से भी अपील कि की वो अपने मताधिकार का इस्तेमाल जरुर करें. बेमेतरा एडीएम डॉ. अनिल वाजपेयी, एसडीएम दिव्या पोटाई ने भी ग्राम गुनरबोड मतदान किया.
कोरिया में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न: सोनहत विकासखंड में बड़ी संख्या में महिला मतदाताओं ने अपने वोट का बढ़ चढ़कर इस्तेमाल किया. मतदान शुरु होते ही बूथों पर महिला मतदाताओं की लंबी लंबी कतारें लग गई. वोट डालने आई फूल कुंवर ने बताया कि उसके पैरों में हमेशा दर्द रहता है इसके बावजूद उसने अपने वोट के अधिकार का इस्तेमाल किया. वोट देने आई महिलाओं ने कहा कि गांव में अच्छी सरकार बने और विकास के काम तेजी से हो इसके लिए उनका वोट देना जरुरी है. यहां पर 477 वार्ड पंचों के लिए 650 उम्मीदवार मैदान में हैं. जबकि 42 सरपंच पदों के लिए 198 और 10 जनपद सदस्यों के लिए 60 प्रत्याशी हैं. इसके अलावा दो जिला पंचायत सदस्यों के लिए 8 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. सोनहत विकासखंड के 42 ग्राम पंचायत के 90 केंद्रों में वोटिंग हुई. कुल 65.5 प्रतिशत मतदान हुआ.
सभी धर्मों के लोगों की लगी ड्यूटी: कवर्धा के एक बूथ पर सभी धर्मों के मतदान कर्मियों की ड्यूटी लगाई है. मतदान दल के सदस्य ने कहा कि यहां सभी धर्म के लोग अपनी ड्यूटी पूरी जिम्मेदारी के साथ निभा रहे हैं. आपसी प्रेम और भाईचारे की ये मिसाल भी है. लोकतंत्र के महापर्व में हम सब मिलकर इस काम को पूरा कर रहे हैं.
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शांतिपूर्ण मतदान संपन्न: एक वक्त था जब नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटिंग के दौरान नक्सली हिंसा करने से बाज नहीं आते थे. नक्सलवाद पर कसता शिकंजा और सिमटते माओवादियों के चलते अब बस्तर के लोग सिर्फ विकास की बात कर रहे हैं. बस्तर में शांतिपूर्ण मतदान इस बात का साफ संकेत है कि अब बुलेट पर बैलेट भारी पड़ा है. गांव के लोग भी समझ चुके हैं कि उनका भला अपनी पंसद की गांव की सरकार चुनने मे हैं न कि हिंसा के रास्ते पर चल रहे माओवादियों से डरने में.