पुणे : ईडी पिछले कुछ दिनों से राज्य समेत देशभर में विपक्षी दलों के कई नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. ईडी की इस कार्रवाई पर एनसीपी शरद चंद्र पवार पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने बीजेपी की आलोचना की, साथ ही कहा कि भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद से शरद पवार ने विपक्षी दल के नेताओं के खिलाफ जिस तरह से कार्रवाई की गई है वह काफी निंदनीय है.
उन्होंने पुणे के मोदी बाग में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा 'आज देश के साथ-साथ प्रदेश में भी ईडी एवं अन्य जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है'. इसका उदाहरण कर्नाटक में डीके शिवकुमार की जांच में देखने को मिला. जहां दो मंत्री अनिल देशमुख और संजय राउत को बिना वजह गिरफ्तार किया गया. साथ ही रोहित पवार के मामले में उनकी फैक्ट्री को जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
उन्होंने आगे कहा कि ईडी के पांच हजार मामलों में से केवल पच्चीस मामले ही सुलझ पाए हैं. उन मामलों में दोषी पाए गए लोगों की संख्या शून्य प्रतिशत से भी कम है. खासकर 2014 के बाद से एक भी व्यक्ति को ईडी ने हिरासत में नहीं लिया है. ये सभी विपक्षी पार्टी से हैं. साथ ही 2004 से 2014 तक कांग्रेस के सत्ता काल के दौरान ईडी ने 26 कार्रवाई की है. इनमें से 4 नेता कांग्रेस के थे और तीन नेता बीजेपी के थे. इसका मतलब है कि कांग्रेस शासन के दौरान ईडी का दुरुपयोग नहीं किया गया था. आज ईडी का गलत उपयोग किया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि ईडी ने 18 वर्षों में 147 नेताओं की जांच की है. उनमें से 85 प्रतिशत विपक्षी दल से हैं. 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद 121 लोगों की जांच की गई है. उनमें से 115 विपक्षी दल से हैं., टीएमसी 19, एनसीपी 11, शिवसेना 8, डीएमके 6, बीजेडी 6, राजद 5, बसपा 5, सपा 5, टीडीपी 5, आप 3, इनेलो 3, वाईएसआरसीपी 3, सीपीएम 2, एनसी 2, पीडीपी 2, आईएनडी पर कार्रवाई हुई है 2, एमएनएस 1 जैसी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ. भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद से आठ वर्षों में 121 नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिनमें एक मुख्यमंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री, विभिन्न विपक्षी सरकारों के 14 मंत्री, 24 सांसद, 21 विधायक, 7 पूर्व सांसद, 11 पूर्व विधायक शामिल हैं. वे सभी विपक्षी दलों से हैं और एक इनमें से कोई भी नेता भारतीय जनता पार्टी से नहीं हैं.