दिल्ली:बिहार की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर है. जेडीयू ने आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कई बड़े फैसले लिए हैं. उन्हीं फैसलों में से एक संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाना है. दिल्ली में हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
संजय झा को नीतीश ने दी बड़ी जिम्मेदारी: मधुबनी जिले के झंझारपुर प्रखंड के अररिया संग्राम गांव से आने वाले संजय झा का जन्म 1 दिसंबर 1967 को हुआ था. संजय झा ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया है. संजय जहां पहले बीजेपी में थे लेकिन नीतीश कुमार से निकटता के कारण जदयू में शामिल हो गए.
नीतीश के करीबी संजय झा को बड़ी जिम्मेदारी (ETV Bharat) नीतीश के करीबी हैं संजय झा: केंद्र में उस समय अरुण जेटली बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते थे. उनके साथ बेहतर संबंध था और नीतीश कुमार के लिए संजय झा तब से एनडीए में सेतु का काम कर रहे हैं. महागठबंधन से नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी में इस बार भी संजय झा ने बड़ी भूमिका निभाई है और इसीलिए नीतीश कुमार ने संजय झा पर लगातार विश्वास भी जताया हैं, बड़ी जिम्मेदारी भी दी है.
2004 से राजनीति में सक्रिय:संजय कुमार झा ने 2004-5 में सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया. 2006 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बने. नीतीश कुमार के सबसे करीबी लोगों में से एक माने जाते हैं. पार्टी में उन्हें बड़े अभियान में हमेशा लगाया जाता रहा है. बिहार सरकार के मंत्री के रूप में तीन कार्यकाल दे चुके हैं. बिहार सरकार में जल संसाधन विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मंत्री के रूप में उन्होंने काम किया है. जल संसाधन विभाग की तीन बार कमान संभाली है.
तीन बार जल संसाधन मंत्री रहे:2 जून 2019 से 16 नवंबर 2020 तक, 9 फरवरी 2021 से 9 अगस्त 2022 तक और 16 अगस्त 2022 से 28 जनवरी 2024 तक जल संसाधन मंत्री की जिम्मेदारी संभाली.
ईटीवी भारत GFX (ETV Bharat) कई अहम जिम्मेदारियां निभा रहे संजय:संजय झा जदयू में राष्ट्रीय महासचिव हैं, विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं और अब राज्यसभा के सदस्य हैं. नीतीश कुमार ने राज्यसभा में उन्हें संसदीय दल का नेता भी बनाया है. संजय झा ने अपने काम के बदौलत मिथिलांचल में विशेष पहचान बनाई है. जदयू को उसका लाभ भी मिला है. हालांकि संजय झा अब तक ना तो विधानसभा का चुनाव लड़े हैं और ना ही लोकसभा चुनाव में कोई सफलता पाई है.
मजबूती से रखते हैं पार्टी का पक्ष:संजय झा कई मौके पर नीतीश कुमार को लेकर और पार्टी का मजबूती से पक्ष रखते रहे हैं. सबसे बड़ी बात विवादों से हमेशा दूरी बनाते रहे हैं. विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव नीतीश कुमार संजय झा को हमेशा विशेष जिम्मेवारी देते रहे हैं. संजय झा 2014 में दरभंगा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. नीतीश कुमार उस समय एनडीए से बाहर निकल गए थे और अकेले चुनाव लड़े थे. केवल दो सीटों पर ही उनकी पार्टी को जीत मिली थी.
राज्यसभा में जदयू के संसदीय दल के नेता: संजय झा भी चुनाव हार गए. 2019 में दरभंगा से फिर चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही थी, लेकिन नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी के बाद दरभंगा सीट बीजेपी के पास चली गई. 2024 में भी उनके चुनाव लड़ने की शुरुआत में चर्चा हो रही थी लेकिन बीजेपी के पास यह सीट नीतीश कुमार के फिर से nda में आने के बाद चली गई. इसलिए संजय झा को नीतीश कुमार ने वशिष्ठ नारायण सिंह के खाली हुए स्थान पर राज्यसभा भेज दिया और अब राज्यसभा में जदयू के संसदीय दल के नेता हैं.
यह भी पढ़ें-संजय झा बने JDU के कार्यकारी अध्यक्ष, CM नीतीश ने दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ऐलान - JDU Meeting