भोजपुर: बिहार का सबसे पुराना चर्च पटना स्थित 'पादरी की हवेली' है. इसका निर्माण 1713 में और फिर 1772 में विस्तार किया गया. इसके अलावे कई ऐसे चर्च हैं जो खुद में इतिहास को समेटे हैं. इसी में एक भोजपुर के आरा में होली सेवियर चर्च शामिल है. इसका इतिहास 100 साल से भी अधिक पुराना है. क्रिसमस-डे के मौके पर इस चर्च के बारे में विस्तार से जानेंगे.
1911 में निर्माण: 'द होली सेवियर चर्च' के पादरी बताते हैं कि इसका इतिहास 100 साल पुराना है. बात उस समय की है जब 1911 में ब्रिटिश शासन के दौरान यूनाइटेड किंगडम के महाराजा जॉर्ज पंचम (पूरा नाम जॉर्ज फ्रेडरिक अर्नेस्ट अल्बर्ट) भारत दौरा पर आए थे. अंग्रेजों ने इन्हीं के स्वागत के लिए इस चर्च का निर्माण कराया था.
एक दिन के लिए बना था चर्च: पादरी बताते हैं कि जॉर्ज पंचम का एक दिन आरा में ठहराव हुआ था. जॉर्ज पंचम भगवान ईशा मसीह की प्रार्थना करना चाहते थे. इसलिए एक दिन की प्रार्थना के लिए इस चर्च को बनाया गया था. जॉर्ज के बाद इसमें अंग्रेजी फौजी आते थे. अंग्रेज जब भारत से चले गए तो आम लोगों (ईसाई) के लिए इसे खोल दिया गया.
कौन थे जॉर्ज पंचम?: आपकों बता दें कि जॉर्ज पंचम यूनाइटेड किंगडम व अन्य राष्ट्रमंडल समूह का महाराजा थे. ये प्रथम ब्रिटिश शासक जो विंडसर राजघराने से संबंध रखते थे. इन्होंने 1910 से 1936 तक राज किया. जानकार बताते हैं कि जब ये भारत दौरे पर आए उसी दौरान 12 दिसंबर 1911 को भारत की राजधानी कोलकाता से बदलकर दिल्ली कर दी गयी थी.
जॉर्ज पंचम के नाम पर सड़क: भोजपुर में इनके नाम का मार्ग भी है, जिसे जॉर्ज रोड कहा जाता है. पादरी बताते हैं कि इसी जगह पर जॉर्ज पंचम के लिए अंग्रेज लाल कार्पेट बिछाया था. तब से इस जगह का नाम जॉर्ज रोड(किंग जॉर्ज रोड) पड़ गया.
'धूमधाम से मना क्रिसमस डे': 25 दिसंबर 2024 बुधवार को विश्वभर में क्रिसमस डे मनाया जा रहा है. जिले के रमना मैदान के समीप जज कोठी मोड़ स्थित द होली सेवियर चर्च में क्रिश्चियन भगवान ईशा मसीह से प्रार्थना कर रहे हैं. मंगलवार की रात 12 बजे ही चर्च में 'जिंगल बेल जिंगल बेल' की गूंज सुनाई देने लगी.
"हर साल ईसा मसीह का जन्मदिन मनाया जाता है. इसबार भी धूमधाम से इसका आयोजन किया गया है. सभी लोग कैंडल जलाने और भगवान की प्रार्थना करने के लिए पहुंते थे." -अनिल, पादरी
खुशियों का महीना है दिसंबर: छात्रा ज्योत्सना बताती हैं कि सिर्फ 25 दिसंबर ही नहीं हमलोग पूरे दिसंबर माह प्रभु ईसा मसीह का जन्मदिन मनाते हैं. हमलोगों के लिए दिसंबर खुशियों का महीना होता है. आम से लेकर खास सभी लोग चर्च आकर प्रार्थना करते हैं.
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