शिमला: छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की राजधानी शिमला इन दिनों मस्जिद विवाद के कारण देश भर में चर्चा में आ गया है. बुधवार 11 सितंबर को शिमला के सबसे बड़े उपनगर संजौली में देवभूमि संघर्ष समिति और सिविल सोसायटी के आंदोलन में हालात यहां तक पहुंचे कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इसमें कई पुलिसकर्मी व प्रदर्शनकारी घायल हुए. देर शाम प्रदर्शन खत्म हो गया, लेकिन सवाल अभी भी बने हुए हैं. संजौली मस्जिद विवाद का दायरा अब कुसुम्पटी मस्जिद व मंडी के जेल रोड मस्जिद में हुए अवैध निर्माण तक फैल गया है. मंडी में भी 13 सितंबर को प्रदर्शन की कॉल है. ऐसे में राज्य सरकार ने सभी जिलों के एसपी व डीसी को अलर्ट रहने के आदेश जारी किए हैं.
संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन
बुधवार को संजौली में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए डीसी अनुपम कश्यप व एसपी संजीव गांधी मौके पर मौजूद रहे. मंगलवार देर रात डीसी व एसपी ने पुलिस की तैयारियों का जायजा लिया. विधानसभा का सेशन खत्म होने के बाद करीब 600 पुलिस कर्मियों को राज्य सरकार ने शिमला में ही रोक रखा था. उन्हें संजौली में तैनात किया गया था. साथ ही रिजर्व बटालियन के जवान भी लगाए गए थे. प्रदर्शनकारियों ने बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे का समय दिया था. पुलिस ने ढली सब्जी मंडी से लेकर संजौली चौक तक भारी बैरिकेडिंग की हुई थी. देवभूमि संघर्ष समिति व सिविल सोसायटी ने सभी से साढ़े दस बजे ढली सब्जी मंडी पहुंचने का आह्वान किया था. इस बीच, दस बजे के बाद हिंदू जागरण मंच के पूर्व प्रांत महामंत्री कमल गौतम संजौली चौक पहुंचे तो वहां पुलिस के साथ बहस और धक्का-मुक्की के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. दिन भर गौतम को पुलिस हिरासत में रखने के बाद देर शाम सात बजे के बाद उन्हें छोड़ा गया.
धीरे-धीरे जुटे प्रदर्शनकारी और हो गई भारी भीड़
प्रदर्शनकारी साढ़े दस बजे ढली सब्जी मंडी में जुटना शुरू हुए. पुलिस ने ढली से संजौली के लिए पुरानी टनल का एक हिस्सा बंद कर दिया था. वहां पर टीन के भारी स्ट्रक्चर से टनल का प्रवेश द्वार बंद किया गया था. साथ ही नई बनी टनल में भी बैरिकेडिंग की थी. प्रदर्शनकारियों ने ढली मंडी के पास पहले तो हनुमान चालीसा का पाठ किया और फिर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. धीरे-धीरे लोग आते गए और भारी भीड़ जुट गई. उसके बाद प्रदर्शनकारी संजौली चौक की तरफ बढ़ने लगे. उन्होंने रास्ते में सारे बैरिकेड हटा दिए. संजौली चौक से कुछ पहले एक निजी स्कूल से होकर रास्ता मस्जिद की तरफ जाता है. वहां पर भारी बैरिकेडिंग थी और बड़ी संख्या में हथियारबंद पुलिसकर्मी तैनात थे. वहां दोनों पक्षों के बीच भारी धक्का-मुक्की हुई और अंतत: प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग हटा दी. इसी दौरान एक महिला पुलिसकर्मी के ऊपर बैरिकेड गिरा और वो बुरी तरह से घायल हुई. अब सारा प्रदर्शन संजौली चौक तक केंद्रित हो गया था. वहीं, पर पुलिस पर पथराव हुआ और पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया. इस झड़प में कई पुलिसकर्मी व प्रदर्शनकारी घायल हुए. उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया गया.
स्कूलों में फंस गए बच्चे
जिला प्रशासन को ये अंदाजा नहीं था कि इतना बड़ा प्रदर्शन होगा. स्कूल व कॉलेज खुले थे. जब दोपहर दो बजे के करीब माहौल बहुत तनावपूर्ण हो गया तो जिला प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन से कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए उन्हें स्कूल में ही रोका जाए. इस आदेश के बाद से अभिभावकों में डर पैदा हो गया. वे स्कूलों में अपने बच्चों को लेकर चिंतित हो गए. कई बच्चों ने घर पर फोन कर कहा कि वे उन्हें जोर से भूख लगी है. वहीं, संजौली कॉलेज के छात्र-छात्राएं भी परेशान हो गए. किसी तरह चार बजे के बाद जब प्रदर्शन थोड़ा धीमा पड़ा तो बच्चे घरों तक पहुंचे. शाम पांच बजे के बाद संजौली-लक्कड़ बाजार रूट पर सरकारी टैक्सियां चलाई गईं.