रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में जिन सीटों पर कांग्रेस को हार मिली थी उन सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की हार की वजह अब रिपोर्ट के रूप में प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश को मिलने लगा है.
02 दिसंबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य के अलग अलग प्रमंडलों की 14 विधानसभा सीटों पर पार्टी को मिली हार की समीक्षा और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्रमंडल वार कमेटी का गठन किया. उत्तरी छोटानागपुर को छोड़कर बाकी सभी प्रमंडलों के अंतर्गत आने वाली उन विधानसभा सीटों की समीक्षा पूरी हो गयी है, जहां जहां कांग्रेस चुनाव हारी है.
जरमुंडी में बादल पत्रलेख की हार की वजह बने एक पूर्व मंत्री
संथाल परगना के अंतर्गत आने वाली जरमुंडी विधानसभा सीट पर पार्टी को हार मिली है. जिसकी समीक्षा रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंप दिया गया है. इसपर संयोजक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि अनुमान के उलट पूर्व कृषि मंत्री की चुनावी हार की वजह उनके खिलाफ बना माहौल नहीं रहा. ऐसा इसलिए क्योंकि विधानसभा चुनाव से करीब तीन महीने पहले बादल पत्रलेख को मंत्री पद से हटा दिया गया.
इसके अलावा दूसरी वजह ये रही कि पूर्व मंत्री हरिनारायण राय या उनके परिवार की ओर से किसी के चुनाव मैदान में नहीं उतरा गया. जिस वजह से बादल पत्रलेख अच्छा खासा वोट लाकर भी चुनाव हार गए. इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जिस तरह से भाजपा ने हरिनारायण राय को अपने पक्ष में किया उसका असर हुआ. क्योंकि लगातार दो बार से जिन वोटों के बिखराव का लाभ कांग्रेस को मिलता रहा था, वह इस बार नहीं मिला और इसका नुकसान कांग्रेस पार्टी को हुआ.
एक वायरल वीडियो ने बन्ना गुप्ता की मुश्किल कर दी राह
वहीं कोल्हान की दो महत्वपूर्ण सीट पूर्वी जमशेदपुर और पश्चिमी जमशेदपुर में कांग्रेस की हार की समीक्षा की गयी. समीक्षा कमेटी की सदस्य रमा खलखो ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि कोल्हान में मजबूती से चुनाव लड़ा. वहां पार्टी की हार की वजह कार्यकर्ताओं का अतिउत्साह के साथ साथ कई क्षेत्रों में संगठन की कमजोरी रही. साथ ही विपक्ष की रणनीति को समय रहते अनुमान नहीं लगाने के साथ साथ चुनाव से ठीक पहले एक वायरल वीडियो ने बन्ना गुप्ता की जीत को मुश्किल बना दिया.
धनबाद और झरिया में हार की यह रही वजह