रांची: किसी के फोटो और वीडियो से छेड़छाड़ कर उसे अश्लील बनाकर सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल करने के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं. झारखंड में भी कई मासूम बच्चियों समेत कई वीआईपी के साथ ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं. कई के मामले थाने तक पहुंचे जिसमें गिरफ्तारियां भी हुईं लेकिन ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए अब झारखंड सीआईडी को बड़ा टास्क दिया गया है.
इन वजहों से लिया गया यह फैसला
झारखंड में सोशल मीडिया साइट पर फर्जी आईडी बनाकर ठगी, अश्लील फोटो, वीडियो वायरल करने के मामले सामने आए हैं. आम से लेकर खास तक इसके शिकार हुए हैं. कई बार तो सोशल साइट हैक करके अश्लील वीडियो वायरल कर ठगी भी की गई है. इन मामलों में पुलिसिया कार्रवाई भी हुई, आरोपियों को पकड़ा भी गया, लेकिन इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. इसी वजह से झारखंड पुलिस ने यह कदम उठाया है.
एक नजर डालते हैं हाल के चर्चित मामलों पर
- इसी साल दिसंबर महीने में झारखंड की एक पूर्व महिला विधायक का अश्लील वीडियो और फोटो सोशल साइट पर वायरल किया गया था, यह मामला काफी चर्चित हुआ था.
- 12 दिसंबर को पश्चिम बंगाल की नाबालिग लड़की को डरा धमकाकर और उसकी अश्लील फोटो खींचकर ब्लैकमेल करने के मामले में मालदा निवासी शुभेंदु मंडल, शांतनु मंडल, तमिलनाडु के अभिषेक दत्ता, अर्कापाराव दत्ता और सोमनाथ शर्मा के खिलाफ नगड़ी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.
- 10 अक्टूबर को झारखंड सरकार के झारगोव टीवी के फेसबुक और इंस्टाग्राम को अज्ञात साइबर अपराधियों ने एक साथ हैक कर लिया था. हैक करने के बाद उसमें अश्लील वीडियो और फोटो डाल दिए गए थे. मामले को लेकर रांची के गोंदा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
- 10 सितंबर को गिरिडीह में एक युवक ने फर्जी नाम से फेसबुक आईडी बनाकर पहले एक लड़की को प्रेम जाल में फंसाया. फिर वह लड़की का अश्लील वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी देकर उसका यौन शोषण करने लगा, इस मामले में गिरिडीह साइबर पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया था.
- इसी साल जनवरी में साइबर अपराधियों ने रांची के चुटिया इलाके की एक लड़की का अश्लील वीडियो वायरल कर उससे 2 लाख रुपये ठग लिए थे.
- नवंबर 2023 में रांची के सुखदेव नगर इलाके की एक लड़की के दोस्त ने उसे सेक्स वर्कर बताकर उसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था. मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.
सीआईडी को मिली जिम्मेदारी
सोशल साइट्स पर अश्लील वीडियो और फोटो पोस्ट करने की घटनाओं को लेकर झारखंड पुलिस मुख्यालय काफी गंभीर है. राज्य सरकार ने भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सीआईडी को बड़ी जिम्मेदारी दी है. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि किसी के अंतरंग पलों के वीडियो या फोटो या फोटो से छेड़छाड़ कर उसे अश्लील बनाकर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर दिया जाता है.
डीजीपी के मुताबिक ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने सीआईडी को जिम्मेदारी दी है. डीजीपी के मुताबिक अगर सोशल मीडिया पर कोई गलत चीज पोस्ट की जाती है और सीआईडी को लगता है कि यह गलत है तो सीआईडी की ओर से तुरंत उस सोशल साइट को नोटिस जारी किया जाएगा. नोटिस जारी करने के बाद भी अगर वह कंटेंट सोशल साइट से नहीं हटाया गया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी.
अश्लील वीडियो और फोटो बने चुनौती
सोशल मीडिया के जहां कई फायदे हैं, वहीं इसके कई बेहद गंभीर नुकसान भी हैं. इंटरनेट पर कई ऐसे ऐप हैं, जिनकी बदौलत कोई भी व्यक्ति फेसबुक या अन्य सोशल साइट से आपकी फोटो उठाकर उसे अश्लील बना सकता है और फिर वायरल कर सकता है. ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं. सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच से मिले आंकड़ों की बात करें तो झारखंड के विभिन्न जिलों से हर महीने औसतन एक दर्जन से अधिक अश्लील फोटो वायरल करने के मामले प्रकाश में आते हैं. इनमें से ज्यादातर मामले कॉलेज जाने वाली लड़कियों के साथ-साथ घरेलू और कामकाजी महिलाओं के होते हैं.
सोशल साइट पर भी दर्ज होगा केस
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि आईटी एक्ट में प्रावधान है कि इंटरमीडियट वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति फेसबुक पर अश्लील फोटो अपलोड करता है तो इस मामले के लिए फेसबुक जिम्मेदार नहीं होगा, बल्कि फोटो अपलोड करने वाला व्यक्ति जिम्मेदार होगा. कानून यही कहता है. लेकिन इसमें यह भी प्रावधान है कि जब पुलिस फेसबुक को नोटिस के जरिए बताएगी कि फोटो अश्लील है और इसे तुरंत सोशल साइट से हटा दिया जाना चाहिए, तो उसे हटाना होगा. इसके बावजूद अगर कोई सोशल साइट उस फोटो को नहीं हटाती है, तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 69 में एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है.
जारी की जा रही है ईमेल आईडी
झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि अश्लील कंटेंट पर रोक लगाने के लिए यह बहुत जरूरी है कि इसकी जानकारी पुलिस तक पहुंचे. इसके लिए सीआईडी की ओर से ऑफिशियल ईमेल आईडी जारी की जा रही है, जिसमें पीड़ित खुद सभी साक्ष्यों के साथ शिकायत करेगा और साइबर टीम मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए सोशल साइट से अश्लील कंटेंट को हटाएगी और मामले में जो भी आरोपी होगा, उसे गिरफ्तार भी किया जाएगा.
ऑफिस खोलना भी जरूरी
डीजीपी ने जानकारी देते हुए यह भी कहा कि नए आईटी एक्ट में यह प्रावधान है कि विदेशों से संचालित होने वाली सभी सोशल मीडिया साइट के लिए भारत में ऑफिस होना बहुत जरूरी है. अभी तक सोशल साइट से ऑफिस तक संदेश भेजने के लिए विदेश में ईमेल भेजना पड़ता है, लेकिन नए आईटी कानून के तहत जब सभी सोशल साइट के ऑफिस भारत में खुल जाएंगे, तो अश्लील कंटेंट पर रोक लगाना आसान हो जाएगा.
लगातार आते हैं मामले सामने
झारखंड में आम लोगों की बात तो छोड़िए, यहां तो पूर्व विधायक से जुड़ी अश्लील कंटेंट भी सोशल साइट पर डाल दी गई. हाल ही में झारखंड के हजारीबाग में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी. मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया था.
दो तरह के मामले आते हैं सामने
पहला सेक्सटॉर्शन
झारखंड में अश्लील कंटेंट से जुड़े दो तरह के मामले सामने आते हैं, एक में साइबर अपराधी सीधे तौर पर शामिल होते हैं, जबकि दूसरे में कोई करीबी व्यक्ति पूरी घटना का मास्टरमाइंड होता है. सेक्सटॉर्शन के जरिए साइबर अपराधी आम लोगों को डराकर उनसे पैसे ऐंठते हैं. पिछले एक साल में अकेले झारखंड से साइबर क्राइम ब्रांच के विभिन्न थानों में 100 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें करोड़ों रुपये की ठगी की गई है.
दूसरा, अपने ही लोग करते हैं ब्लैकमेल
सीआईडी के आंकड़े बताते हैं कि सोशल मीडिया पर असली अश्लील कंटेंट परोसने वाले लोग बहुत करीबी लोग ही होते हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामले प्रेमी-प्रेमिका के होते हैं. पिछले एक साल में राजधानी रांची में ही 50 से अधिक ऐसे मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें लड़कियों को उनके किसी करीबी ने अश्लील कंटेंट वायरल करने और फिर उसे हटाने के एवज में ब्लैकमेल किया.
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