गुवाहाटी: असम में स्कूल चलाने वाली एक संस्था के प्रमुख और एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के चांसलर को उनके द्वारा संचालित एक स्कूल में सीबीएसई परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. चांसलर पर अच्छे रिजल्ट का भरोसा देकर परीक्षार्थियों से पैसे ऐंठने का भी आरोप है. आरोपी चांसलर ने विश्वविद्यालय की स्थापना की और खुद ही आचार्य का पद संभाला.
लेकिन उनकी परेशानी उनके पैतृक पथरकंडी सेंट्रल पब्लिक स्कूल में हायर सेकेंडरी सीबीएसई बोर्ड भौतिकी परीक्षा के दौरान आई. पिछले शुक्रवार को असम के श्रीभूमि जिले के पाथरकंडी सेंट्रल पब्लिक स्कूल में सीबीएसई बोर्ड की भौतिकी की परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा केंद्र पर बैठे 255 छात्रों में से 214 मूल रूप से पाथरकंडी सेंट्रल पब्लिक स्कूल के छात्र थे, लेकिन वे असम की राजधानी गुवाहाटी शहर के पास मेघालय राज्य के एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ रहे थे.
संस्थान ने 214 परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान अच्छे परिणाम के लिए 30 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर देने का लालच दिया था. लेकिन परीक्षा के दौरान विद्यालय के केवल 41 छात्रों को ही यह सुविधा मिली. मेघालय में पढ़ने वाले सभी 214 छात्र इस अनुचित सुविधा से वंचित रह गए और परीक्षा केंद्र पर छात्रों का हंगामा शुरू हो गया और तोड़फोड़ शुरू हो गई.
घटना की खबर मिलते ही पुलिस समेत जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, छात्रों ने जिला प्रशासन के समक्ष पूरी बात बताई और शुक्रवार को मौखिक शिकायत दर्ज कराई. घटना के बाद यूनिवर्सिटी के चांसलर को असम पुलिस ने आधी रात को गुवाहाटी के घोरमारा स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर श्रीभूमि जिले में ले आई और इस स्कूल के पांच शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया.
श्रीभूमि के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रणब कलिता ने कहा, '214 छात्र मूल रूप से पथरकंडी सेंट्रल पब्लिक स्कूल के छात्र थे, लेकिन वे मेघालय के एक गैर-सरकारी संस्थान में पढ़ रहे थे. संस्थान ने 214 उम्मीदवारों को परीक्षा के दौरान अच्छे परिणाम के लिए 30 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्नों का उत्तर देने का लालच दिया था. परीक्षा के दौरान स्कूल के सभी 41 छात्रों को यह सुविधा मिली. मेघालय में पढ़ने वाले सभी 214 छात्र इस सुविधा से वंचित रह गए और फिर उन्होंने परीक्षा केंद्र का हंगामा हुआ.' बाद में उन्हें अन्य पांच आरोपियों के साथ श्रीभूमि के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया.
दूसरी ओर चांसलर की गिरफ्तारी के बारे में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने शनिवार को पत्रकारों से कहा, 'मैं लंबे समय से असम में एक बड़े रैकेट को देख रहा हूं. इसमें मेडिकल, इंजीनियरिंग और सीबीएसई परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों के परीक्षा केंद्र बदलना और उन्हें कुछ खास स्कूलों में भेजना शामिल है.
गोलपाड़ा, नागांव और कामरूप जिलों के कुल 247 छात्रों को सीबीएसई परीक्षा में 30 या उससे अधिक अतिरिक्त अंक देने का वादा करके बराक घाटी के पथरकंडी ले जाया गया था. बाद में जब इन छात्रों को ऐसी अनुचित सुविधाओं से वंचित किया गया, तो उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया. अब यह मामला प्रकाश में आया है.'