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क्या भारत में सफल हो पाएगी Tesla? कैसा है यहां का ईवी बाजार, जानें कंपनी का इतिहास - HISTORY OF TESLA

Tesla भारत में आने की योजना बना रही है. इसे लेकर एक बार फिर चर्चा गर्म है. लेकिन भारत में Tesla की क्या संभावना है?

Tesla Model 3
Tesla Model 3 (फोटो - Tesla)
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By ETV Bharat Tech Team

Published : Feb 23, 2025, 9:01 AM IST

हैदराबाद: अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार दिग्गज Tesla को लेकर हाल ही में जानकारी सामने आई थी कि कंपनी ने भारत में विभिन्न पदों के लिए आवेदन स्वीकार करना शुरू किया है, जिससे माना जा रहा है कि Tesla जल्द ही अपनी शुरुआत करने वाली है. Tesla लंबे समय से भारतीय बाजार में एंट्री करने की कोशिश कर रही है, लेकिन भारत सरकार द्वारा लगाई जाने वाली 115 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी के चलते यह मुमकिन नहीं हो पा रहा था.

लेकिन अब चूंकि भारत सरकार ने एक नई ईवी नीति लाने की घोषणा की है, तो इसके बाद अब Tesla को भारत में आने का मौका मिल गया है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या Tesla भारत में सफल हो पाएगी, क्योंकि यहां पहले से ही कई इलेक्ट्रिक ब्रांड मौजूद हैं और किफायती से लेकर प्रीमियम सेगमेंट तक कई इलेक्ट्रिक कारें मौजूद हैं. यहां हम Tesla के बारे में सारी जानकारी देने वाले हैं.

Tesla का इतिहास
इंजीनियर मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टारपेनिंग ने कैलिफोर्निया के सैन कार्लोस में साल 2003 में Tesla Motors की स्थापना की. कंपनी का नाम सर्बियाई-अमेरिकी आविष्कारक निकोला टेस्ला के नाम पर रखा गया था. कंपनी के सीईओ बनने से पहले Elon Musk शुरुआती निवेशक और बोर्ड के सदस्य थे.

Tesla के उत्पाद

Tesla Roadster: यह कंपनी का पहला उत्पाद था, जिसे साल 2008 में पहली बार लॉन्च किया गया. यह एक हाई परफॉर्मेंस वाली इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार है.

Tesla Model S: इस कार को साल 2012 में लॉन्च किया गया था, जोकि एक लक्जरी सेडान है और अपनी लंबी रेंज और हाई परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती है. इसे कंज्यूमर रिपोर्ट्स की बेस्ट ओवरऑल कार और मोटर ट्रेंड की अल्टीमेट कार ऑफ द ईयर जैसे कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं.

Tesla Model X: साल 2015 में लॉन्च हुई यह ऑल-इलेक्ट्रिक एसयूवी अपनी सुरक्षा के लिए जानी जाती है. यह राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन परीक्षणों में सभी श्रेणियों में 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग हासिल करने वाली पहली एसयूवी है.

Tesla Model 3: कंपनी ने इस कार को साल 2017 में लॉन्च किया था. यह एक मास-मार्केट इलेक्ट्रिक सेडान है, जो 320 मील से अधिक रेंज प्रदान करती है. इसे इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक दर्शकों के लिए सुलभ बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

Tesla Semi: इसे भी कंपनी ने साल 2017 में लॉन्च किया था. यह एक फुली इलेक्ट्रिक ट्रक है, जिसे ग्राहकों के लिए दीर्घकालिक परिचालन लागत को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे दस लाख मील की यात्रा में कम से कम 2,00,000 डॉलर का ईंधन बचाया जा सकता है.

Tesla Cybertruck: साल 2019 में लॉन्च होने वाले भविष्योन्मुखी इलेक्ट्रिक पिकअप ट्रक, जिसे स्पोर्ट्स कार जैसे परफॉर्मेंस के साथ पारंपरिक ट्रकों की तुलना में बेहतर युटिलिटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

Tesla Model Y: यह एक कॉम्पैक्ट एसयूवी है, जिसे साल 2020 में लॉन्च की गई थी, जो रेंज, परफॉर्मेंस और उपयोगिता का संतुलन प्रदान करती है, जिसकी ग्राहकों को डिलीवरी 2020 की शुरुआत में शुरू हुई थी.

Tesla वाहनों की बिक्री
टेस्ला की वैश्विक बिक्री साल 2013 से तेजी से बढ़ी है, जो 22,477 यूनिट्स से बढ़कर साल 2023 में 1.75 मिलियन हो गई है. Tesla Model Y साल 2024 में दुनिया भर में बिकने वाले इलेक्ट्रिक वाहन मॉडलों में सबसे आगे रही है. साल 2024 में इस कार के दुनिया भर में लगभग 1.2 मिलियन यूनिट्स की बिक्री दर्ज हुई. इसके अलावा बीते वर्ष Tesla के Model 3 और Model Y की लगभग 1.68 मिलियन यूनिट्स की बिक्री हुई.

टेस्ला की तकनीकी इनोवेशन और डिजाइन विशेषताएं
Tesla तकनीकी रूप से और डिजाइन के मामले में भी अधिक इनोवेशन करती रही है. Tesla कारों की कई विशेषताएं उन्हें आम कारों और यहां तक कि अन्य इलेक्ट्रिक कारों से भी अलग बनाती है.

परफॉर्मेंस: Tesla वाहनों के लिए परफॉर्मेंस ही सब कुछ है. उदाहरण के लिए, Model 3 परफॉरमेंस ट्रिम में 460 हॉर्सपावर की ताकत मिलती है और यह मात्र 2.9 सेकंड में 0-100 किमी/घंटा की रफ़्तार पकड़ लेती है, जो आज बाज़ार में सबसे तेज़ इलेक्ट्रिक सेडान में से एक है.

फीचर्स की भरमार: Tesla ऑटोपायलट में ट्रैफ़िक-अवेयर क्रूज़ कंट्रोल जैसे फीचर्स मिलते हैं, जिसमें यह अपने आस-पास के ट्रैफ़िक के आधार पर कार की गति को अपने आप बदल देता है. फुल सेल्फ-ड्राइविंग पैकेज एक वैकल्पिक ऐड-ऑन सुविधा है, जो पार्किंग, हाई-वे ड्राइविंग और मानव चालक के किसी भी हस्तक्षेप के बिना लेन के ऑटोमेटिक केंद्रीकरण जैसे और भी एडवांस फीचर्स प्रदान करती है.

सॉफ्टवेयर अपडेट: टेस्ला के बारे में एक रोचक तथ्य यह है कि सॉफ्टवेयर अपडेट का उपयोग करके इसे ओवर-द-एयर अपडेट किया जा सकता है. इसका मतलब है कि टेस्ला के मालिकों को अपनी कार के सॉफ्टवेयर को ठीक करवाने, नए फीचर्स या सुधार लाने के लिए सर्विस सेंटर जाने की आवश्यकता नहीं होती है. सॉफ्टवेयर को दूर से ही अपडेट किया जा सकता है, और केंद्र पर फिजिकल रूप से जाए बिना कार के परफॉर्मेंस, सेफ्टी और क्षमता में सुधार किया जा सकता है.

मिनिमलिस्ट इंटीरियर डिज़ाइन: मिनिमलिस्ट इंटीरियर डिज़ाइन भी टेस्ला कारों की एक बड़ी USP है. उदाहरण के लिए, Model 3 में एक विशाल 15.4-इंच का सेंटर कंसोल स्क्रीन मिलता है, जो कार में लगभग हर चीज़ को नियंत्रित करता है. Model 3 में 8-इंच की रियर-सीट पैसेंजर स्क्रीन भी मिलती है, जिस पर यात्री यात्रा के दौरान अपना मनोरंजन कर सकते हैं.

एडवांस्ड इंफोटेनमेंट सिस्टम: टेस्ला वाहनों में प्रीमियम इंफोटेनमेंट सिस्टम मिलते हैं, जिसमें वीडियो स्ट्रीमिंग, कराओके और वीडियो गेम के रूप में मनोरंजन शामिल है. वाहनों में यात्रियों को बेहतरीन ऑडियो एक्सपीरिएंस प्रदान करने के लिए प्रीमियम 17-स्पीकर साउंड सिस्टम भी शामिल है.

क्लाइमेट कंट्रोल: Tesla क्लाइमेट सिस्टम को हर समय आराम को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. उदाहरण के लिए, कुछ मॉडल ऐसे हैं, जो ट्राई-ज़ोन तापमान नियंत्रण के साथ आते हैं, जिसका अर्थ है कि यात्रियों को वाहन के विभिन्न हिस्सों के लिए अनुकूलित क्लाइमेट परिस्थितियां मिलती हैं. कुछ मॉडलों में HEPA फ़िल्टर शामिल हैं, जो कार में हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं.

इनोवेटिव स्टीयरिंग व्हील डिजाइन: Tesla Model X में नया योक स्टीयरिंग व्हील मिलता है, जो आगे की सड़क का अधिक स्वच्छ, भविष्योन्मुखी दृश्य प्रदान करता है, तथा कार की ड्राइविंग डायनामिक्स और स्टाइलिंग में सुधार करता है.

भारत में Tesla के लिए चुनौतियां और अवसर

ज्यादा इम्पोर्ट ड्यूटी: वैसे तो भारत सरकार ने प्रीमियम इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती की है, लेकिन शुल्क अभी भी बहुत ज्यादा है, विशेषकर 40,000 डॉलर से कम कीमत वाले वाहनों के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी ज्यादा है.

चार्जिंग स्टेशन: भारत में चार्जिंग बुनियादी ढांचे का अभाव इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने में एक बड़ी बाधा बनती है.

उपभोक्ता विकल्प: भारतीय उपभोक्ताओं ने कभी भी महंगी गाड़ियां नहीं चुनीं हैं, और दीर्घावधि में असली परीक्षा यह है कि लोग महंगी कीमत वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर रुख करेंगे या नहीं.

Tesla के लिए अवसर: Tesla की एंट्री कंपनी के लिए भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्रांति के लिए एक गति-निर्धारक बनने का एक रोमांचक अवसर है. सरकार द्वारा प्रोत्साहित, ईवी नीतियों में बदलाव और ग्रीन ट्रैवल के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती आकांक्षा के कारण, टेस्ला भारत में ईवी की बढ़ती मांग का लाभ उठा सकती है.

भारत में कैसा है इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि: सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल से मिले आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में भारत की ईवी बिक्री 1.95 मिलियन यूनिट्स की रही, जबकि वर्ष 2023 में यह बिक्री 1.53 मिलियन यूनिट्स की थी. इसमें से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री साल 2024 में 1.15 मिलियन यूनिट्स थी, जबकि वर्ष 2023 में 8,60,418 यूनिट्स की थी.

भारत में बड़े इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता: भारत में प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनियों की बात करें तो इस लिस्ट में Tata Motors, Ola Electric, Ather Energy, Bajaj Auto, Okinawa Autotech, JBM Auto और Olectra Greentech शामिल हैं.

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का भविष्य: भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में 43 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जो 2030 तक 9,32,000 यूनिट्स तक पहुंच जाएगी. इसमें से 61 प्रतिशत मांग इलेक्ट्रिक एसयूवी से आने की उम्मीद है. इसकी तुलना में, 2024 में ईवी की बिक्री 1,07,000 यूनिट्स थी, जबकि पूरे भारत में सेडान और एसयूवी सहित लगभग 4.3 मिलियन कारें बेची गईं थीं.

भारत में ईवी पॉलिसी में हुआ बदलाव: बता दें कि 2025-26 के केंद्रीय बजट में 40,000 डॉलर से ज़्यादा कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क 100 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है. हालांकि, 40,000 डॉलर से कम कीमत वाले वाहनों पर शुल्क 70 प्रतिशत पर बना हुआ है.

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार अपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात की नीतियों में और बदलाव कर सकती है, खास तौर पर अमेरिका से संभावित पारस्परिक शुल्कों के मद्देनजर. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Tesla के सीईओ एलन मस्क के बीच एक अहम बैठक के बाद हुआ है, जहां उन्होंने मोबिलिटी, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी सहयोग पर चर्चा की.

हैदराबाद: अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार दिग्गज Tesla को लेकर हाल ही में जानकारी सामने आई थी कि कंपनी ने भारत में विभिन्न पदों के लिए आवेदन स्वीकार करना शुरू किया है, जिससे माना जा रहा है कि Tesla जल्द ही अपनी शुरुआत करने वाली है. Tesla लंबे समय से भारतीय बाजार में एंट्री करने की कोशिश कर रही है, लेकिन भारत सरकार द्वारा लगाई जाने वाली 115 प्रतिशत की इम्पोर्ट ड्यूटी के चलते यह मुमकिन नहीं हो पा रहा था.

लेकिन अब चूंकि भारत सरकार ने एक नई ईवी नीति लाने की घोषणा की है, तो इसके बाद अब Tesla को भारत में आने का मौका मिल गया है. लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या Tesla भारत में सफल हो पाएगी, क्योंकि यहां पहले से ही कई इलेक्ट्रिक ब्रांड मौजूद हैं और किफायती से लेकर प्रीमियम सेगमेंट तक कई इलेक्ट्रिक कारें मौजूद हैं. यहां हम Tesla के बारे में सारी जानकारी देने वाले हैं.

Tesla का इतिहास
इंजीनियर मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टारपेनिंग ने कैलिफोर्निया के सैन कार्लोस में साल 2003 में Tesla Motors की स्थापना की. कंपनी का नाम सर्बियाई-अमेरिकी आविष्कारक निकोला टेस्ला के नाम पर रखा गया था. कंपनी के सीईओ बनने से पहले Elon Musk शुरुआती निवेशक और बोर्ड के सदस्य थे.

Tesla के उत्पाद

Tesla Roadster: यह कंपनी का पहला उत्पाद था, जिसे साल 2008 में पहली बार लॉन्च किया गया. यह एक हाई परफॉर्मेंस वाली इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार है.

Tesla Model S: इस कार को साल 2012 में लॉन्च किया गया था, जोकि एक लक्जरी सेडान है और अपनी लंबी रेंज और हाई परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती है. इसे कंज्यूमर रिपोर्ट्स की बेस्ट ओवरऑल कार और मोटर ट्रेंड की अल्टीमेट कार ऑफ द ईयर जैसे कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं.

Tesla Model X: साल 2015 में लॉन्च हुई यह ऑल-इलेक्ट्रिक एसयूवी अपनी सुरक्षा के लिए जानी जाती है. यह राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन परीक्षणों में सभी श्रेणियों में 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग हासिल करने वाली पहली एसयूवी है.

Tesla Model 3: कंपनी ने इस कार को साल 2017 में लॉन्च किया था. यह एक मास-मार्केट इलेक्ट्रिक सेडान है, जो 320 मील से अधिक रेंज प्रदान करती है. इसे इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक दर्शकों के लिए सुलभ बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

Tesla Semi: इसे भी कंपनी ने साल 2017 में लॉन्च किया था. यह एक फुली इलेक्ट्रिक ट्रक है, जिसे ग्राहकों के लिए दीर्घकालिक परिचालन लागत को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे दस लाख मील की यात्रा में कम से कम 2,00,000 डॉलर का ईंधन बचाया जा सकता है.

Tesla Cybertruck: साल 2019 में लॉन्च होने वाले भविष्योन्मुखी इलेक्ट्रिक पिकअप ट्रक, जिसे स्पोर्ट्स कार जैसे परफॉर्मेंस के साथ पारंपरिक ट्रकों की तुलना में बेहतर युटिलिटी प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

Tesla Model Y: यह एक कॉम्पैक्ट एसयूवी है, जिसे साल 2020 में लॉन्च की गई थी, जो रेंज, परफॉर्मेंस और उपयोगिता का संतुलन प्रदान करती है, जिसकी ग्राहकों को डिलीवरी 2020 की शुरुआत में शुरू हुई थी.

Tesla वाहनों की बिक्री
टेस्ला की वैश्विक बिक्री साल 2013 से तेजी से बढ़ी है, जो 22,477 यूनिट्स से बढ़कर साल 2023 में 1.75 मिलियन हो गई है. Tesla Model Y साल 2024 में दुनिया भर में बिकने वाले इलेक्ट्रिक वाहन मॉडलों में सबसे आगे रही है. साल 2024 में इस कार के दुनिया भर में लगभग 1.2 मिलियन यूनिट्स की बिक्री दर्ज हुई. इसके अलावा बीते वर्ष Tesla के Model 3 और Model Y की लगभग 1.68 मिलियन यूनिट्स की बिक्री हुई.

टेस्ला की तकनीकी इनोवेशन और डिजाइन विशेषताएं
Tesla तकनीकी रूप से और डिजाइन के मामले में भी अधिक इनोवेशन करती रही है. Tesla कारों की कई विशेषताएं उन्हें आम कारों और यहां तक कि अन्य इलेक्ट्रिक कारों से भी अलग बनाती है.

परफॉर्मेंस: Tesla वाहनों के लिए परफॉर्मेंस ही सब कुछ है. उदाहरण के लिए, Model 3 परफॉरमेंस ट्रिम में 460 हॉर्सपावर की ताकत मिलती है और यह मात्र 2.9 सेकंड में 0-100 किमी/घंटा की रफ़्तार पकड़ लेती है, जो आज बाज़ार में सबसे तेज़ इलेक्ट्रिक सेडान में से एक है.

फीचर्स की भरमार: Tesla ऑटोपायलट में ट्रैफ़िक-अवेयर क्रूज़ कंट्रोल जैसे फीचर्स मिलते हैं, जिसमें यह अपने आस-पास के ट्रैफ़िक के आधार पर कार की गति को अपने आप बदल देता है. फुल सेल्फ-ड्राइविंग पैकेज एक वैकल्पिक ऐड-ऑन सुविधा है, जो पार्किंग, हाई-वे ड्राइविंग और मानव चालक के किसी भी हस्तक्षेप के बिना लेन के ऑटोमेटिक केंद्रीकरण जैसे और भी एडवांस फीचर्स प्रदान करती है.

सॉफ्टवेयर अपडेट: टेस्ला के बारे में एक रोचक तथ्य यह है कि सॉफ्टवेयर अपडेट का उपयोग करके इसे ओवर-द-एयर अपडेट किया जा सकता है. इसका मतलब है कि टेस्ला के मालिकों को अपनी कार के सॉफ्टवेयर को ठीक करवाने, नए फीचर्स या सुधार लाने के लिए सर्विस सेंटर जाने की आवश्यकता नहीं होती है. सॉफ्टवेयर को दूर से ही अपडेट किया जा सकता है, और केंद्र पर फिजिकल रूप से जाए बिना कार के परफॉर्मेंस, सेफ्टी और क्षमता में सुधार किया जा सकता है.

मिनिमलिस्ट इंटीरियर डिज़ाइन: मिनिमलिस्ट इंटीरियर डिज़ाइन भी टेस्ला कारों की एक बड़ी USP है. उदाहरण के लिए, Model 3 में एक विशाल 15.4-इंच का सेंटर कंसोल स्क्रीन मिलता है, जो कार में लगभग हर चीज़ को नियंत्रित करता है. Model 3 में 8-इंच की रियर-सीट पैसेंजर स्क्रीन भी मिलती है, जिस पर यात्री यात्रा के दौरान अपना मनोरंजन कर सकते हैं.

एडवांस्ड इंफोटेनमेंट सिस्टम: टेस्ला वाहनों में प्रीमियम इंफोटेनमेंट सिस्टम मिलते हैं, जिसमें वीडियो स्ट्रीमिंग, कराओके और वीडियो गेम के रूप में मनोरंजन शामिल है. वाहनों में यात्रियों को बेहतरीन ऑडियो एक्सपीरिएंस प्रदान करने के लिए प्रीमियम 17-स्पीकर साउंड सिस्टम भी शामिल है.

क्लाइमेट कंट्रोल: Tesla क्लाइमेट सिस्टम को हर समय आराम को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. उदाहरण के लिए, कुछ मॉडल ऐसे हैं, जो ट्राई-ज़ोन तापमान नियंत्रण के साथ आते हैं, जिसका अर्थ है कि यात्रियों को वाहन के विभिन्न हिस्सों के लिए अनुकूलित क्लाइमेट परिस्थितियां मिलती हैं. कुछ मॉडलों में HEPA फ़िल्टर शामिल हैं, जो कार में हवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं.

इनोवेटिव स्टीयरिंग व्हील डिजाइन: Tesla Model X में नया योक स्टीयरिंग व्हील मिलता है, जो आगे की सड़क का अधिक स्वच्छ, भविष्योन्मुखी दृश्य प्रदान करता है, तथा कार की ड्राइविंग डायनामिक्स और स्टाइलिंग में सुधार करता है.

भारत में Tesla के लिए चुनौतियां और अवसर

ज्यादा इम्पोर्ट ड्यूटी: वैसे तो भारत सरकार ने प्रीमियम इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती की है, लेकिन शुल्क अभी भी बहुत ज्यादा है, विशेषकर 40,000 डॉलर से कम कीमत वाले वाहनों के लिए इम्पोर्ट ड्यूटी ज्यादा है.

चार्जिंग स्टेशन: भारत में चार्जिंग बुनियादी ढांचे का अभाव इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने में एक बड़ी बाधा बनती है.

उपभोक्ता विकल्प: भारतीय उपभोक्ताओं ने कभी भी महंगी गाड़ियां नहीं चुनीं हैं, और दीर्घावधि में असली परीक्षा यह है कि लोग महंगी कीमत वाली इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर रुख करेंगे या नहीं.

Tesla के लिए अवसर: Tesla की एंट्री कंपनी के लिए भारत की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्रांति के लिए एक गति-निर्धारक बनने का एक रोमांचक अवसर है. सरकार द्वारा प्रोत्साहित, ईवी नीतियों में बदलाव और ग्रीन ट्रैवल के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती आकांक्षा के कारण, टेस्ला भारत में ईवी की बढ़ती मांग का लाभ उठा सकती है.

भारत में कैसा है इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि: सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल से मिले आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में भारत की ईवी बिक्री 1.95 मिलियन यूनिट्स की रही, जबकि वर्ष 2023 में यह बिक्री 1.53 मिलियन यूनिट्स की थी. इसमें से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री साल 2024 में 1.15 मिलियन यूनिट्स थी, जबकि वर्ष 2023 में 8,60,418 यूनिट्स की थी.

भारत में बड़े इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता: भारत में प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनियों की बात करें तो इस लिस्ट में Tata Motors, Ola Electric, Ather Energy, Bajaj Auto, Okinawa Autotech, JBM Auto और Olectra Greentech शामिल हैं.

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का भविष्य: भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में 43 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जो 2030 तक 9,32,000 यूनिट्स तक पहुंच जाएगी. इसमें से 61 प्रतिशत मांग इलेक्ट्रिक एसयूवी से आने की उम्मीद है. इसकी तुलना में, 2024 में ईवी की बिक्री 1,07,000 यूनिट्स थी, जबकि पूरे भारत में सेडान और एसयूवी सहित लगभग 4.3 मिलियन कारें बेची गईं थीं.

भारत में ईवी पॉलिसी में हुआ बदलाव: बता दें कि 2025-26 के केंद्रीय बजट में 40,000 डॉलर से ज़्यादा कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क 100 प्रतिशत से घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है. हालांकि, 40,000 डॉलर से कम कीमत वाले वाहनों पर शुल्क 70 प्रतिशत पर बना हुआ है.

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सरकार अपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात की नीतियों में और बदलाव कर सकती है, खास तौर पर अमेरिका से संभावित पारस्परिक शुल्कों के मद्देनजर. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और Tesla के सीईओ एलन मस्क के बीच एक अहम बैठक के बाद हुआ है, जहां उन्होंने मोबिलिटी, अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी सहयोग पर चर्चा की.

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