रांचीः राजधानी रांची के थानों में अपनी फरियाद लेकर पहुंचने वाले फरियादियों की नहीं सुनने वाले पुलिस पदाधिकारियों पर अब नजर रखी जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि आखिर रांची के थाने में ऐसे कौन से पुलिस पदाधिकारी ऐसे हैं जो शिकायत लेकर थाने पहुंचने वाले लोगों की नहीं सुनते हैं. ऐसे पुलिस पदाधिकारियों को चिन्हित करने के बाद निलंबन की साथ-साथ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
पुलिस पदाधिकारियों पर गुप्त नजर
रांची में स्कूल छात्राओं के साथ छेड़खानी की घटना के बाद और मामले में पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों के द्वारा बरती गई लापरवाही के वजह से पुलिस के सीनियर अफसर बेहद नाराज हैं. लेकिन अब ऐसी लापरवाही पुलिस पदाधिकारियों को भारी पड़ने वाली है.भले इसकी शुरुआत छात्राओं के साथ हो रही छेड़खानी की वारदात के बाद हुई है, लेकिन अब रांची एसएसपी चंदन सिन्हा लापरवाह और असंवेदनशील पुलिस वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के मूड में आ चुके हैं.
जानकारी के अनुसार रांची के सभी थानों में कार्यरत थानेदार से लेकर मुंशी और ओडी अफसरों पर गुप्त नजर रखी जा रही है. ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि वरीय पुलिस अधिकारियों को लगातार यह सूचना मिल रही है कि पीड़ित जब थाने जाते हैं तो उनकी नहीं सुनी जाती है.
आठ पुलिस पदाधिकारियों पर गिरी गाज
पिछले एक सप्ताह के भीतर थाने पहुंचने वाले फरियादियों की शिकायत नहीं सुनने वाले रांची के आठ पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को एसएसपी ने निलंबित किया है. सूचना तो यह भी है कि पुलिस मुख्यालय के स्तर से भी स्पेशल ब्रांच के जरिए थानेदार और उनके जूनियर पुलिस पदाधिकारियों की कार्यशाली की जानकारी गुपचुप तरीके से जुटायी जा रही है. हालांकि इसकी पुष्टि किसी पुलिस अधिकारी ने नहीं की है.
क्यों रखी जा रही है गुप्त नजर
वरीय पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर उनके गुप्तचर लगातार थानों पर नजर बनाए हुए हैं. नजर इस बात पर रखी जा रही है कि किस थाने में कौन सा पुलिस पदाधिकारी या कर्मी थाने में अपनी कंप्लेन लेकर आने वाले लोगों को बेहद हल्के में लेते हैं और उन्हें बिना आवेदन लिए थाने से उन्हें भगा देते हैं.
रांची में फिलहाल सबसे ताजा और चर्चित मामला कोतवाली और महिला थाने से जुड़ा हुआ है. थाना क्षेत्र में पड़ने वाले एक गर्ल्स स्कूल की छात्राओं के साथ एक मनचला हर रोज छेड़खानी करता था. कई बार शिकायत करने के बावजूद भी ना तो कोतवाली थाना प्रभारी के द्वारा कोई कार्रवाई की गई और ना ही महिला थाना प्रभारी के द्वारा. मामला सामने आने के बाद कोतवाली थाना प्रभारी, महिला थाना प्रभारी सहित आठ पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को एसएसपी ने निलंबित कर दिया.
रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने स्पष्ट कर दिया है लापरवाह अफसर को हरगिज नहीं छोड़ेंगे. यह शुरुआत है. आगे कौन काम कर रहा है और कौन नहीं कर रहा है इसके लिए भी सिस्टम बनाया गया है. जो लापरवाही बरतते पाए जाएंगे उन पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी.
छेड़खानी मामले में पुलिस की लापरवाही
रांची के अपर बाजार कोतवाली थाना क्षेत्र के विद्यालय की लड़कियों के साथ छेड़खानी मामले में जब स्कूल प्रबंधन के द्वारा कोतवाली थाना और महिला थाना को सूचना दी गई थी तो वहां के पुलिस कर्मियों और पुलिस पदाधिकारी ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई. इस लापरवाही के लिए एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने महिला थाना प्रभारी पिंकी साव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
साथ ही कोतवाली थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक रंजीत कुमार सिन्हा के निलंबन और विभागीय कार्यवाही की अनुशंसा रांची डीआईजी से की गई है. एसएसपी के पत्र पर रांची डीआईजी ने बुधवार की शाम कोतवाली थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया. वहीं इसी मामले में आईजी रांची ने कोतवाली थाना के एएसआई सनातन हेंब्रम, मुंशी अविनाश कुमार, महिला थाना की उर्मिला कोरबा (थाना स्टाफ) और एएसआई उषा कुमारी को सस्पेंड कर दिया है.
थाना क्षेत्र के चक्कर में नहीं लिया आवेदन
वहीं 14 दिसंबर को बरियातू थाना के जमादार शंकर ठाकुर और मुंशी शशि कुमार को इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि एक मोबाइल गुम होने की शिकायत लेकर आवेदिका बरियातू थाना गई थी तो उन दोनों ने आवेदिका का आवेदन न लेकर मामला का क्षेत्राधिकार लालपुर थाना का बताते हुए लालपुर थाना जाने की सलाह दी थी. जबकि डीजीपी झारखंड का स्पष्ट निर्देश है कि थाना क्षेत्र अलग होने के बाद भी फरियादी अगर फरियाद लेकर अपने नजदीक के थाना में पहुंचता है तो वहां उसका आवेदन जरूर लिया जाए.
कार्रवाई नहीं करने पर गिरी थी गाज
इसी साल अगस्त महीने में रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बुढ़मू के तत्कालीन थानेदार रामजी और प्रभारी थानेदार संतोष यादव पर कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया था. दोनों पर आरोप था कि वे लोग सूचना देने के बावजूद कार्रवाई नहीं करते थे.
पुलिस वेरिफिकेशन में लापरवाही
इसी साल 14 अगस्त को बरियातू थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुरेश मंडल, सब इंस्पेक्टर आफताब अंसारी और जमादार उदयकांत का सीधे जिले से ही तबादला कर दिया गया था. मामला कैरेक्टर सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन में लापरवाही का था. पीड़ित थाने की दौड़ लगाता रहा, लेकिन उसका वेरिफिकेशन नहीं किया गया.
हत्या मामले में पुलिस की लापरवाही
12 अगस्त 2023 को रांची के बरियातू इलाके में दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले के छानबीन के क्रम में यह जानकारी मिली कि जिन दो लोगों की हत्या हुई थी उन लोगों ने लालपुर थाने में जाकर तत्कालीन इंस्पेक्टर ममता कुमारी से हत्या करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने पहुंचे थे, लेकिन न तो इंस्पेक्टर ममता कुमारी ने उनकी सुनी और ना ही लालपुर टीओपी प्रभारी सनी कुमार ने. नतीजतन दोनों ही फरियादियों की हत्या कर दी गई. इस मामले में तत्कालीन लालपुर इंस्पेक्टर ममता कुमारी और टीओपी प्रभारी सनी कुमार को निलंबित किया गया था.
एक्सट्रीम बार हत्याकांड में हुई थी कार्रवाई
27 मार्च 2024 को रांची के एक्सट्रीम बार में एक युवक ने नशे में धुत होकर बार टेंडर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मामले में चुटिया थाना प्रभारी की घोर लापरवाही सामने आई थी.एक्सट्रीम बार गोलीबारी मामले में पुलिस की लापरवाही की जांच का जिम्मा रांची के सिटी डीएसपी को दिया गया था.सिटी डीएसपी ने अपनी रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी थी. जिसके बाद एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा की रिपोर्ट पर रांची डीआईजी ने चुटिया थानेदार उमाशंकर को सस्पेंड कर दिया था. साथ ही मामले में कुछ पुलिसकर्मियों को एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने सस्पेंड किया था.
यह कुछ ऐसे मामले हैं जिनमें पुलिस कर्मियों की घोर लापरवाही सामने आई थी और उन्हें सस्पेंड किया गया था. लेकिन ऐसे कई मामले और भी हैं जो सामने नहीं आ पाते हैं. पीड़ित वरीय अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाता है और उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाता है. ऐसे लोगों को इंसाफ दिलवाने और सेवा के लिहाज से काम नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के लिए ही उनकी गुप्त निगरानी करायी जा रही है.
डीजीपी ने दिया है कड़ा निर्देश
आपको बता दें कि झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बेहद कड़ा निर्देश पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों के लिए जारी किया है. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि फरियादी चाहे किसी भी थाने में पहुंचे उसका आवेदन उस थानेदार को लेना ही पड़ेगा. बाद में भले ही थानेदार पड़ताल कर के जिस थाना क्षेत्र का मामला हो उसे फॉरवर्ड कर दें, लेकिन थाने में आए किसी भी फरियादी को लौटा देना एक क्राइम है. ऐसे पुलिस अफसरों को चिन्हित कर पुलिस मुख्यालय स्तर से भी कार्रवाई की जाएगी.
क्या कहते हैं सीनियर एसपी
वहीं हाल के दिनों में लापरवाही और अनुशासनहीनता बरतने वाले आठ अफसरों और कर्मियों को निलंबित करने वाले रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि थाने के हर कर्मचारी को यह समझना होगा कि वे थाने में पब्लिक की सेवा करने के लिए बैठे हैं, न की अपनी. लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा रही है और यह शुरुआत है. अगर पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेवारियों को नहीं समझेंगे तो उन्हें थाने में रहने भी नहीं दिया जाएगा.
रांची एसएसपी के अनुसार थानों में मॉनिटरिंग के लिए एक व्यवस्था बनाई गई है. थाने में पदस्थापित चाहे थानेदार हो या फिर मुंशी वह फरियादियों के साथ किस तरह का व्यवहार कर रहे हैं उसकी जानकारी सटीक तरीके से मिल रही है. जो कोई भी ऐसे मामलों में दोषी पाया जाएगा उसपर निलंबन के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
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