नई दिल्ली: रिटायरमेंट के बाद आपको वेतन मिलना बेशक बंद हो जाएगा, लेकिन खर्चे वैसे के वैसे ही बने रहेंगे. ऐसे में जरूरी है कि बुढ़ापे के लिए रेगुलर इनकम का इंतजाम कर लिया जाए, ताकि रिटायर्मेंट के बाद आपकी लाइफ बिना किसी आर्थिक परेशानी के बीत सके.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और एंप्लॉइज प्रोविडेंट फंड (EPF) जैसी योजनाएं इसी मकसद से बनाई गई हैं. ऐसे में अगर आप सही रणनीति के साथ इन दोनों विकल्पों में इंवेस्टमेंट करेंगे तो रिटायरमेंट के बाद आपको बेहतर इनकम का बंदोबस्त कर सकते हैं.
नेशनल पेंशन सिस्टम
बता दें कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक ऑप्शनल रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है, जिसे पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) रेगुलेट करती है. इस योजना में आप नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं. इस तरह से जमा हुए कॉर्पस का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा एन्युइटी खरीदने में इस्तेमाल करना होता है, जिससे आपको रेगूलर मंथली इनकम मिलती है. बाकी हिस्सा आप रिटायर होने पर लम्पसम यानी एकमुश्त निकाल सकते हैं. हालांकि, इसमें किए गए निवेश पर मिलने वाला रिटर्न फिक्स नहीं होता है, बल्कि मार्केट लिंक्ड होता है.
एंप्लॉईज प्रोविडेंट फंड
एंप्लॉईज प्रोविडेंट फंड (EPF) सरकार की ओर से संचालित एक रिटायरमेंट सेविंग्स स्कीम है, जिसमें सैलरी पाने वाले कर्मचारियों और उनके एंप्लॉयर की ओर से योगदान किया जाता है. इस स्कीम के तहत फिक्स ब्याज मिलती है और रिटायरमेंट के समय एकमुश्त निकाला जा सकता है.