रांची: झारखंड की राजनीति में अब सबकी नजर इस बात पर है कि चंपाई सरकार में आलमगीर आलम की जगह कांग्रेस कोटे से कौन मंत्री बनेगा और झारखंड कांग्रेस के विधायक दल का नेता कौन होगा. झारखंड के ग्रामीण विकास, पंचायती राज और संसदीय कार्य मंत्री के साथ-साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने ईडी की कार्रवाई में जेल भेजे जाने के बाद सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. आलमगीर आलम के इस्तीफे के बाद अब राज्य की राजनीति में इस बात को लेकर कयासबाजी तेज हो गई है कि आलमगीर आलम का उत्तराधिकारी कौन होगा? इस रेस में कांग्रेस के कौन से विधायक आगे हैं, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं.
डॉ इरफान अंसारी को मिलेगा मंत्री पद!
चंपाई सोरेन सरकार में नंबर-2 मंत्री रहे आलमगीर आलम के इस्तीफे के बाद कांग्रेस और पार्टी के प्रदेश कार्यालय में चर्चा है कि जामताड़ा से कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी को मंत्री बनाया जाएगा. इन अटकलों पर अपनी सहमति देते हुए झारखंड की राजनीति को करीब से देखने और समझने वाले पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि इरफान अंसारी को मंत्री बनाए जाने की अटकलों के पीछे उनका अलपसंख्यक समुदाय से आना एक बड़ी वजह है.
"डॉ इरफान अंसारी के पक्ष में पहली बात तो यह है कि वे अल्पसंख्यक (मुस्लिम) समुदाय से आते हैं. आलमगीर आलम के बाद अब वे एकमात्र मुस्लिम विधायक हैं. दूसरी बात यह है कि जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी सत्तारूढ़ दल के उन चंद विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में अपने-अपने क्षेत्र में इंडिया गठबंधन उम्मीदवारों को बढ़त दिलाई. इरफान अंसारी के पक्ष में एक और बात यह है कि लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक से कोई अल्पसंख्यक उम्मीदवार नहीं था, इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि मुस्लिम वोटों को साधने के लिए कांग्रेस इरफान को मंत्री बनाए." - सतेंद्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार
दीपिका पांडेय सिंह भी रेस में
आलमगीर आलम के उत्तराधिकारी के तौर पर दीपिका पांडेय सिंह का नाम भी मंत्री बनने की चर्चा में है. इसकी एक वजह लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिलना भी है. गोड्डा सीट से पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाने के बाद टिकट वापस ले लिया था. फिर वहां से प्रदीप यादव को प्रत्याशी बनाया गया.
इस घटना के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि दीपिका पांडेय नाराज हैं. लेकिन उन्होंने शांत भाव से अपनी नाराजगी की खबरों का सिरे से खंडन कर दिया. यहीं नहीं महागामा विधानसभा क्षेत्र, जहां से दीपिका पांडेय विधायक हैं, उस क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार को बढ़त मिली. ऐसे में अगर पार्टी हाईकमान उन्हें मंत्री बनाता है तो विधानसभा चुनाव में आधी आबादी को खुश करने में मदद मिल सकती है.
ये बन सकते हैं कांग्रेस विधायक दल का नेता