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22 साल की उम्र में जैसलमेर के रविन्द्र ने किए चार अनोखे आविष्कार, मिला ग्लोबल स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर अवॉर्ड - four unique inventions

Four unique inventions, जैसलमेर के धोलिया ग्राम निवासी रविन्द्र विश्नोई ने मात्र 22 साल की आयु में चार आविष्कार किए और फिर उनको पेटेंट कराके अपने जिले का नाम रोशन किया है. वहीं, एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में रविन्द्र को ग्लोबल स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर अवॉर्ड से नवाजा गया.

Four unique inventions
Four unique inventions

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 2, 2024, 7:43 PM IST

जैसलमेर के रविन्द्र ने किए चार अनोखे आविष्कार

जैसलमेर.आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है. इस कहावत को जैसलमेर के रविन्द्र ने सही साबित किया है. जिले के धोलिया ग्राम निवासी रविन्द्र विश्नोई ने महज 22 साल की आयु में चार आविष्कार किए और सभी को उन्होंने अपने नाम पर पेटेंट कराके पूरे जिले को गौरवान्वित किया है. रविन्द्र ने 2021 में ऑटोमेटिक सपोर्ट स्टैंड एंड सिस्टम थिरियोफ का आविष्कार कर इसे पेटेंट कराया था. इसके बाद बीते 24 जनवरी को भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने उन्हें पेटेंट प्रमाणपत्र दिया. वहीं, बीते 20 जनवरी को राजधानी दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में रविन्द्र को ग्लोबल स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर अवॉर्ड से नवाजा गया. रविन्द्र ने बताया कि इस अवॉर्ड के साथ ही उन्हें एक लाख रुपए की राशि भी प्रदान की गई. वहीं, इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्हें ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने सम्मानित करते हुए कहा कि मुझे तुम में मेरी छवि दिखाई देती है.

पिता ने कही ये बात : रविन्द्र के पिता शिवरतन विश्नोई सेना में सेवारत हैं. उनका कहना है कि रविन्द्र शुरू से ही होनहार रहा है और उसकी विज्ञान में रुचि होने के चलते वो अक्सर स्कूल में आयोजित होने वाली विभिन्न मॉडल प्रतियोगिताओं में बड़े उत्साह के साथ हिस्सा लेता था. साथ ही हर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करता था. वहीं, रविन्द्र ने बताया कि उसने पहला आविष्कार कक्षा 10वीं में पढ़ने के दौरान किया था. उसके बाद से उसे नए-नए आविष्कार करने का जुनून चढ़ गया और इन आविष्कारों का नतीजा यह रहा कि अब तक वो अपने चार आविष्कारों को पेटेंट करवा चुका है.

ग्लोबल स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर अवॉर्ड से नवाजे गए जैसलमेर के रविन्द्र विश्नोई

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ऐसा आया आइडिया :ईटीवी भारत से बातचीत में रविन्द्र ने बताया कि अक्सर देखने को मिलता है कि कई बार लोग अपनी बाइक का साइड स्टैंड लगाना भूल जाते हैं, जिससे उनकी गाड़ी स्पीड में होने और विशेषकर चौक व मोड़ पर आने पर हादसे हो जाता है. इन हादसों में वो जख्मी हो जाते हैं तो कई बार लोगों की छोटी सी भूल उनकी जान ले लेती है. ऐसे में रविन्द्र ने विचार किया कि क्यों न ऐसा डिवाइस तैयार किया जाए, जो बाइक के स्टैंड को ऊपर कर दे. इससे दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा.

खुद से लग जाता है साइड स्टैंड :रविन्द्र ने आगे बताया कि इसी को लेकर उन्होंने अपना आविष्कार पेटेंट करवाया, जिसमें जैसे ही बाइक सवार अपनी बाइक को खड़ी करने के लिए दक्षिण दिशा में झुकाता है तो ऑटोमेटिक सपोर्ट स्टैंड एंड सिस्टम थिरियोफ उस गति का पता लगाकर माइक्रो कंट्रोलर को सिग्नल देता है. माइक्रो कंट्रोलर साइड स्टैंड को पीछे हटा देता है. वहीं, जब बाइक सवार बाइक को रोकता है तो बाइक सवार को स्टैंड लगाने की जरूरत नहीं होती है और ये सिस्टम स्वचालित रूप से साइड स्टैंड लगा देता है.

आविष्कार को कराया पेटेंट

मां बोली- बेटे ने किया गौरवान्वित :वहीं, बेटे की इस सफलता पर रविन्द्र की मां सुखी देवी ने कहा कि रविन्द्र की इस उपलब्धि से वो बहुत खुश हैं. साथ ही चौथे पेटेंट के साथ अवॉर्ड मिलने से वो और उनका पूरा परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है.

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पीएम मोदी भी कर चुके हैं रविन्द्र की सराहना :गत दिनों अटल इनोवेशन मिशन के तहत नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित कार्यशाला में स्कूल टू स्टार्टअप के तहत जैसलमेर के रविंद्र ने अपनी हॉर्न बैन आविष्कार को रिप्रजेंट किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविंद्र को शाबाशी देते हुए उसके आविष्कार की सराहना की थी. इस अवसर पर रविंद्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने हॉर्न बैन आविष्कार से अवगत करवाया था. साथ ही उसने प्रधानमंत्री को बताया कि यह आविष्कार उन्होंने अपनी स्कूल समय में किया था. इसके बाद उसने इसे पेटेंट करवाया और अपना स्टार्टअप शुरू कर चुका है. इस पर पीएम ने रविन्द्र की तारीफ करते हुए शाबाशी दी.

पीएम मोदी को अपने आविष्कार के बारे में बताते रविन्द्र

छोटी उम्र में किया बड़ी उपलब्धियों को हासिल : एक तरफ रविंद्र अभी तक पढ़ाई ही कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ उनके नाम से चार पेटेंट होने के अलावा वो एक कंपनी के सीईओ भी बन चुके हैं. साथ ही उन्हें केंद्र सरकार से 1 करोड़ रुपए का ग्रांट भी मिला है, जिससे वो अपने आविष्कारों को आमजन तक पहुंचा सके हैं.

ये तीन आविष्कार पेटेंट करा चुके हैं रविन्द्र विश्नोई

  1. होनहार रविन्द्र विश्नोई ने सबसे पहले तालाब की काई से एक आविष्कार किया था, जिसमें उन्होंने काई से ऑक्सीजन निकालने का एक प्रयोग किया था. उनका यह आविष्कार सफल भी हुआ. उन्होंने बताया कि उन्हें यह आइडिया मछली के जीवन से आया. रविन्द्र ने बताया कि आमतौर पर तालाबों में जमने वाली हरे रंग की काई वास्तव में ऑक्सीजन देने का काम करती है. उन्होंने इसी बात को मशीन इजाद कर बताई थी. साथ ही अपने आविष्कार को उन्होंने दिसंबर 2021 में पेटेंट करवाया था.
  2. अपने आविष्कार की कड़ी में अप्रैल 2022 में उन्होंने हॉर्न जैमर बनाया. उन्होंने बताया कि आमतौर पर मोबाइल जैमर का उपयोग किया जाता है तो यह आविष्कार भी उसी बेस पर आधारित है. इस डिवाइस की मदद से हम अपने आसपास हो रहे फिजूल के ध्वनि प्रदूषण को रोक सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस डिवाइस को स्कूल कॉलेज या अस्पताल के पास लगाया जा सकता है.
  3. रविन्द्र के तीसरे आविष्कार को पेटेंट विभाग ने गत 31 अक्टूबर, 2022 को रजिस्टर्ड किया गया. इसमें रविन्द्र ने मोटरसाइकिल स्टैंड से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक डिवाइस बनाया गया है. यह डिवाइस बाइक शुरू होने के साथ ही साइड स्टैंड को अपने आप ऊपर कर देता है.

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