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जल प्रबंधन सम्मेलन: कर्नाटक के डिप्टी सीएम बोले- राजनीतिक मतभेदों से उठकर जल सुरक्षा के लिए संयुक्त रणनीति अपनाएं राज्य - WATER VISION 2047

उदयपुर में जल सुरक्षा पर सम्मेलन हुआ, जहां जल बचाव, पुनर्चक्रण और विवाद समाधान पर चर्चा की गई.

उदयपुर में जल प्रबंधन सम्मेलन
उदयपुर में जल प्रबंधन सम्मेलन में शामिल हुए डीके शिवकुमार (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 19, 2025, 5:22 PM IST

उदयपुर : जल संसाधनों की सुरक्षा और सतत प्रबंधन को लेकर राजस्थान के उदयपुर में 18-19 फरवरी को अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार सहित विभिन्न राज्यों के मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे. इस सम्मेलन में जल जीवन मिशन (JJM) के तहत जल को सुरक्षित करने, पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के महत्व पर विशेष चर्चा की गई.

जल सुरक्षा पर केंद्रित रणनीतियां : सम्मेलन के बाद मीडिया से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कर्नाटक के जल संबंधी मुद्दों को रखते हुए अंतर्राज्यीय जल विवादों और नदी जोड़ो परियोजनाओं पर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "जल को सुरक्षित करना, पुनर्चक्रण करना, बर्बादी रोकना और पुन: उपयोग करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. हमने अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं और अन्य राज्यों से सहयोग मांगा है. हमें राजनीति से ऊपर उठकर जल संरक्षण के समाधान पर ध्यान केंद्रित करना होगा."

इसे भी पढ़ें- वाटर विजन-2047 : राष्ट्रीय जल प्रबंधन और संरक्षण कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन, पानी के संकट से निपटने के उपायों पर चर्चा

26 फरवरी को होगी महत्वपूर्ण बैठक : शिवकुमार ने यह भी घोषणा की कि 26 फरवरी को केंद्रीय मंत्री से एक और बैठक होगी, जिसमें वित्तीय सहायता, 30 मिलियन गैलन पानी के उपयोग की रणनीति, ढाल हटाने से प्रभावित जल आपूर्ति और तुंगभद्रा जल की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पहले घोषित की गई वित्तीय योजनाओं को पुनः लागू किया जाए, विशेष रूप से मोदाई और कृष्णा ट्रिब्यूनल अवॉर्ड से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाए.

जल विवादों के समाधान की अपील : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने राज्यों से आग्रह किया कि वे राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर जल सुरक्षा के लिए एक संयुक्त रणनीति अपनाएं. उन्होंने कहा, "हमने अपने प्रस्ताव दिए हैं, सभी मंत्रियों ने अपनी-अपनी समस्याएं उठाई हैं, लेकिन हमारा अनुरोध है कि जल विवादों को राजनीतिक दृष्टिकोण से न देखकर, सभी राज्यों को मिलकर इसका समाधान निकालना चाहिए."

इसे भी पढ़ें- वाटर विजन-2047: उदयपुर में जल संरक्षण पर मंथन, सीएम बोले- राम जल सेतु परियोजना बनेगी राजस्थान की जीवनरेखा

जल सुरक्षा के भविष्य को आकार देने की पहल : भोपाल में जनवरी 2023 में हुए पहले अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों के सम्मेलन के परिणामों के आधार पर यह दूसरा सम्मेलन भारत के जल सुरक्षा भविष्य को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. जल शक्ति मंत्रालय ने इस सम्मेलन को जल प्रबंधन नीतियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया है. जल संरक्षण, पुनर्चक्रण और सतत जल प्रबंधन को लेकर यह सम्मेलन एक प्रभावी मंच साबित हो सकता है, जो आने वाले वर्षों में भारत की जल सुरक्षा नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगा.

उदयपुर : जल संसाधनों की सुरक्षा और सतत प्रबंधन को लेकर राजस्थान के उदयपुर में 18-19 फरवरी को अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार सहित विभिन्न राज्यों के मंत्री और अधिकारी मौजूद रहे. इस सम्मेलन में जल जीवन मिशन (JJM) के तहत जल को सुरक्षित करने, पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के महत्व पर विशेष चर्चा की गई.

जल सुरक्षा पर केंद्रित रणनीतियां : सम्मेलन के बाद मीडिया से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कर्नाटक के जल संबंधी मुद्दों को रखते हुए अंतर्राज्यीय जल विवादों और नदी जोड़ो परियोजनाओं पर सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "जल को सुरक्षित करना, पुनर्चक्रण करना, बर्बादी रोकना और पुन: उपयोग करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. हमने अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं और अन्य राज्यों से सहयोग मांगा है. हमें राजनीति से ऊपर उठकर जल संरक्षण के समाधान पर ध्यान केंद्रित करना होगा."

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26 फरवरी को होगी महत्वपूर्ण बैठक : शिवकुमार ने यह भी घोषणा की कि 26 फरवरी को केंद्रीय मंत्री से एक और बैठक होगी, जिसमें वित्तीय सहायता, 30 मिलियन गैलन पानी के उपयोग की रणनीति, ढाल हटाने से प्रभावित जल आपूर्ति और तुंगभद्रा जल की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पहले घोषित की गई वित्तीय योजनाओं को पुनः लागू किया जाए, विशेष रूप से मोदाई और कृष्णा ट्रिब्यूनल अवॉर्ड से जुड़े मामलों को प्राथमिकता दी जाए.

जल विवादों के समाधान की अपील : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने राज्यों से आग्रह किया कि वे राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर जल सुरक्षा के लिए एक संयुक्त रणनीति अपनाएं. उन्होंने कहा, "हमने अपने प्रस्ताव दिए हैं, सभी मंत्रियों ने अपनी-अपनी समस्याएं उठाई हैं, लेकिन हमारा अनुरोध है कि जल विवादों को राजनीतिक दृष्टिकोण से न देखकर, सभी राज्यों को मिलकर इसका समाधान निकालना चाहिए."

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जल सुरक्षा के भविष्य को आकार देने की पहल : भोपाल में जनवरी 2023 में हुए पहले अखिल भारतीय राज्य जल मंत्रियों के सम्मेलन के परिणामों के आधार पर यह दूसरा सम्मेलन भारत के जल सुरक्षा भविष्य को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. जल शक्ति मंत्रालय ने इस सम्मेलन को जल प्रबंधन नीतियों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया है. जल संरक्षण, पुनर्चक्रण और सतत जल प्रबंधन को लेकर यह सम्मेलन एक प्रभावी मंच साबित हो सकता है, जो आने वाले वर्षों में भारत की जल सुरक्षा नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाएगा.

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