बीजापुर में नक्सलियों के आईईडी धमाके में दो बच्चों की मौत, तेंदुपत्ता चुनने गए थे जंगल, सीएम ने नक्सलियों को दी बड़ी चेतावनी - Naxalite violence in Bastar - NAXALITE VIOLENCE IN BASTAR
बीजापुर में नक्सलियों की करतूत की सजा दो बच्चों को अपनी जान गंवाकर चुकानी पड़ी है. भैरमगढ़ के बोड़गा गांव में आईईडी धमाके में दोनों बच्चों की मौत हो गई. ये घटना उस वक्त हुई जब ये तेंदुपत्ता चुनने का काम कर रहे थे.
बीजापुर: बीजापुर में नक्सलियों के लगाए आईईडी की चपेट में दो मासूम बच्चे आ गए. धमाके में दोनों बच्चों की मौत हो गई. बीजापुर पुलिस के अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार को यह घटना भैरमगढ़ के बोड़गा गांव में हुई. लक्ष्मण ओयाम जिसकी उम्र 13 साल है और बोती ओयाम जिसकी उम्र 11 साल है, वे जंगल में तेंदुपत्ता तोड़ने गए थे. इस दौरान दोनों बच्चे आईईडी के संपर्क में आ गए और धमाका हो गया. धमाका इतना तेज था कि दोनों की उसमें मौत हो गई.
सिक्योरिटी फोर्स को निशाना बनाना था मकसद: बीजापुर पुलिस के अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों की तरफ से जंगल, पगडंडी और सड़क पर आईईडी लगाए जाते हैं. नक्सलियों का मकसद इन IED के जरिए सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचा होता है. कई बार इस तरह के आईईडी की चपेट में ग्रामीण और आम नागरिक भी आ जाते हैं. रविवार को हुई घटना में भी ऐसा ही हुआ और दो बच्चों की मौत हो गई.
सीएम साय ने बच्चों की मौत पर जताया दुख: छत्तीसगढ़ सीएम विष्णुदेव साय ने नक्सलियों के लगाए आईआईडी की चपेट में आने से 2 मासूम बच्चों की मौत पर दुख जताया है. सीएम ने कहा-" नक्सलवाद का काला साया हमारे बच्चों को निगल रहा है, जिसे किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. नक्सलियों को मासूमों के करुण मौत की कीमत चुकानी होगी."
बीते एक महीने में पांच लोगों की मौत: बीते एक महीने में आईईडी ब्लास्ट की इस तरह की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो चुकी है. 11 मई को गंगालूर में नक्सलियों के लगाए आईईडी की चपेट में आने से 25 साल की एक महिला की मौत हो गई. वह भी तेंदुपत्ता तोड़ने के लिए गई हुई थी. 20 अप्रैल को गंगालूर में एक शख्स की मौत आईईडी धमाके में हुई थी. इससे पहले 12 अप्रैल को सड़क निर्माण में लगे एक मजदूर की मौत IED ब्लास्ट में हुई. अब दो बच्चों की मौत इस तरह की घटना में हुई है.