रायपुर: 2000 करोड़ से अधिक के शराब घोटाला केस में पूर्व आबकारी मंत्री से पूछताछ हुई. कवासी लखमा को पूछताछ के लिए शुक्रवार की सुबह प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर बुलाया गया था. प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पूर्व मंत्री कवासी लखमा सुबह लगभग 11:00 बजे गए थे. रात 8:00 बजे तक उनसे पूछताछ की गई. 9 घंटे की लंबी पूछताछ के दौरान कवासी लखमा से प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कई सवाल पूछे. कुछ दस्तावेज उनकी पत्नी, बेटी और बड़े बेटे के नाम से मांगे गए.
कवासी लखमा से 9 घंटे चली पूछताछ: पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि ईडी की पूछताछ के दौरान फिलहाल कोई बात साबित नहीं हुआ. कवासी लखमा से मीडिया ने सवाल किया कि क्या आपको किसी और का नाम लेने के लिए कहा गया इस सवाल के जवाब में कवासी लखमा ने कहा कि अंदर जो भी बात हुई है, उसे अभी सार्वजनिक करना अच्छी बात नहीं है. कानून को कानून जैसा ही मानना है. कानून को मानने वाली कांग्रेस पार्टी है और मैं उसका सदस्य हूं .
''बस्तर की आवाज उठाई तो सजा मिली'': कवासी लखमा ने आगे कहा कि जानबूझकर भारतीय जनता पार्टी ने 4 दिन के विधानसभा में बस्तर के गरीब लोगों के लिए आवाज आवाज उठाया. सलवा जुडूम के समय भी मैंने लड़ाई लड़ा. वर्तमान समय में बस्तर सुरक्षित नहीं है. मैं गरीब व्यक्ति हूं आदिवासी हूं ऐसे मैं विधानसभा में गरीब आदिवासियों के लिए संविधान है. मैंने आवाज उठाई इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने नाराज होकर मुझे परेशान करने के उद्देश्य से मुझे इस मामले में फंसाया. सच की लड़ाई मैं आखिरी तक लडूंगा जब तक जिंदा रहूंगा. बस्तर के आदिवासियों के लिए लड़ता रहूंगा.
ईडी ने पूछे कई सवाल: कवासी लखमा ने बताया कि मैंने प्रवर्तन निदेशालय से एक छोटा सा सवाल किया और कहा कि घोटाला हुआ मुझे पता नहीं मैं घोटाला कबूल नहीं कर रहा हूं, लेकिन जांच हो रही है. कुछ अधिकारी अंदर हैं शराब नकली है और दो नंबर का दारू बेचा गया है. शराब अधिकारी के घर में नहीं बनता था. शराब बनाने वाली कंपनी के ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. लखमा का कहना है कि शराब बनाने वाली कंपनी के खिलाफ जांच होनी चाहिए.