पटना:आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुरकी 100वीं जयंती है. समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम से लेकर पटना और दिल्ली तक उनका जन्म शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है. वहीं जयंती से एक दिन पहले भारत सरकार ने जननायक को भारत रत्न देने की घोषणा कर खुशी दोगुनी कर दी. भारत रत्न के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बेटे और जेडीयू के राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को फोन कर बधाई दी है. रामनाथ ठाकुर ने बताया कि सीएम ने 27 तारीख को दिल्ली बुलाया है.
बेटे रामनाथ ठाकुर ने जताया आभार: रामनाथ ठाकुर ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि आज हम सब के लिए बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कर देने का ऐलान किया है. इसके लिए कर्पूरी गांव और बिहार वासियों की तरफ से हमलोग कृतज्ञता व्यक्त करते हैं.
पीएम ने रामनाथ ठाकुर को किया फोन:इस दौरान सांसद रामनाथ ठाकुर ने बताया कि उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था. पीएम ने जननायक को भारत रत्न मिलने की बधाई दी. जेडीयू सांसद ने कहा कि मैंने भी पीएम का शुक्रिया अदा किया और उनको भी इसके लिए बधाई दी. उन्होंने कहा कि 27 जनवरी को वह दिल्ली जाएंगे और पीएम मोदी से मिलेंगे.
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोन आया था. मैंने उनको बधाई दी और कृतज्ञता व्यक्त किया. पीएम ने कहा कि आपलोग दिल्ली आइये और मिलिए. मैं 27 तारीख को दिल्ली जाऊंगा और उनसे मिलूंगा. हमलोग बहुत खुश हैं"- रामनाथ ठाकुर, कर्पूरी ठाकुर के बेटे और राज्यसभा सांसद
पीएम मोदी ने जननायक को किया याद:100वीं जयंती पर प्रधानमंत्री ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को याद करते हुए एक्स हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने लिखा, "मुझे कर्पूरी जी से कभी मिलने का अवसर तो नहीं मिला, लेकिन उनके साथ बेहद करीब से काम करने वाले कैलाशपति मिश्र जी से मैंने उनके बारे में बहुत कुछ सुना है. सामाजिक न्याय के लिए कर्पूरी बाबू ने जो प्रयास किए, उससे करोड़ों लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव आया. उनका संबंध नाई समाज, यानी समाज के अति पिछड़े वर्ग से था. अनेक चुनौतियों को पार करते हुए उन्होंने कई उपलब्धियों को हासिल किया और जीवनभर समाज के उत्थान के लिए काम करते रहे.
"हमारी सरकार निरंतर जननायक कर्पूरी ठाकुर जी से प्रेरणा लेते हुए काम कर रही है. यह हमारी नीतियों और योजनाओं में भी दिखाई देता है, जिससे देशभर में सकारात्मक बदलाव आया है. भारतीय राजनीति की सबसे बड़ी त्रासदी यह रही थी कि कर्पूरी जी जैसे कुछ नेताओं को छोड़कर सामाजिक न्याय की बात बस एक राजनीतिक नारा बनकर रह गई थी. मेरे जैसे अनेकों लोगों के जीवन में कर्पूरी बाबू का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष योगदान रहा है. इसके लिए मैं उनका सदैव आभारी रहूंगा. दुर्भाग्यवश, हमने कर्पूरी ठाकुर जी को 64 वर्ष की आयु में ही खो दिया."- नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत