लखनऊ/लखीमपुर खीरी: कहते हैं किस्मत हर मोड़ पर इम्तिहान लेती है. ये इम्तिहान इतने कड़े होते हैं कि जो इनको पास कर ले गया उसने दुनिया पर राज कर लिया. ऐसे ही इम्तिहानों से गुजरकर उत्तर प्रदेश के एक युवा ने कामयाबी हासिल की और आज देश-दुनिया में उसका नाम है. ये युवा हैं मुनीर खान, जो यूपी के लखीमपुर खीरी के छोटे से गांव गौरिया के रहने वाले हैं और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके साइंटिस्ट बन गए हैं.
साइंटिस्ट बनकर मुनीर ने सबसे पहले नेत्रहीन लोगों के लिए काम किया. आज उन्होंने एक ऐसा चश्मा इजाद कर दिया है, जिसके जरिए नेत्रहीन भी दुनिया को देख सकते हैं. यानी नेत्रहीन की जिंदगी को रोशन करने के लिए महज 28 साल के मुनीर खान ने कदम उठाया है. उनका ये खास चश्मा AI तकनीक पर बना है. ऐसे व्यक्ति जो देख ना सकते हों या फिर जिनकी दृष्टि बेहद कमजोर है, उनको यह चश्मा 50 मीटर के दायरे में हो रही गतिविधियों का विश्लेषण करके लगातार जानकारी देता है.
चश्मे का अमेरिका में ट्रायल रहा सफल:मुनीर के इस खास चश्मे का अभी अमेरिका में ट्रायल रन हुआ है. ये अनोखी डिवाइस अभी अपने पहले चरण में है. अमेरिका के 800 लोगों पर हुए ट्रायल का रिजल्ट 87 फीसद सफल रहा है. आगे इसका ट्रायल भारत में भी किया जाएगा और मशीन लर्निंग प्रोसेस की मदद से भारतीय कंडीशन के हिसाब से इसे तैयार किया जाएगा.
खास चश्मे की कीमत भी होगी खास:मुनीर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि वह इस प्रोडक्ट को काफी सस्ता रखेंगे, जिससे यह आम लोगों की पहुंच में रहे. सभी ट्रायल पूरे होने के बाद इसकी कीमत का निर्धारण किया जाएगा. यह चश्मे भारत में करीब 8000 से 15000 रुपए के बीच रहेंगे. चश्मे को पहली बार आईआईटी बॉम्बे के टेकफेस्ट में 16 और 17 दिसंबर 2024 को प्रदर्शित किया जाएगा.
मुनीर के चश्मे को देखने के लिए आएंगे देश के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा:मुंबई में होने वाली प्रदर्शनी को लेकर मुनीर काफी उत्साहित हैं. क्योंकि, इस डिवाइस को खास देखने किए भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा वहां मौजूद होंगे. मुनीर खान फिलहाल अमेरिका में हैं और इस कार्यक्रम में उनकी टीम शामिल होगी. अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से सेंसर प्रणाली पर रिसर्च कर रहे मुनीर की इस डिवाइस को खाद्य एवं दवा प्रशासन(FDA) की भी मंजूरी मिल चुकी है और भारत में पेटेंट भी फाइल किया जा चुका है.