प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी परिजनों को राहत देते हुए जिला प्रशासन की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रशासन स्वतंत्र है, लेकिन परिजनों को बेघर करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति डी रमेश की कोर्ट ने शमा बेगम व अन्य की याचिका पर अधिवक्ता राय साहब यादव को सुन कर दिया है.
मामला प्रयागराज के कोरांव थाना क्षेत्र का है. याची का भाई पॉक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म के आरोप में बंद है. पीड़िता के परिजन प्रशासन पर आरोपी का मकान गिराने का दबाव बना रहे हैं. इस डर से घर छोड़ चुके परिजनों ने हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई है.
याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि अपराधिक कानून में आरोपी के लिए सजा और सजा दिए जाने की प्रक्रिया निर्धारित है. किसी कानून में आरोपी का घर गिराने की सजा का प्रोविजन नहीं है. कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से 7 फरवरी तक मामले की विस्तृत जानकारी तलब कर याचियों की घर से बेदखल करने व घर को गिराने की करवाई पर रोक लगा दी.
हाथरस में किशोरी के साथ दुष्कर्म, आरोपी भेजा गया जेल : हाथरस गेट कोतवाली क्षेत्र के इगलास रोड स्थित एक गेस्ट हाउस से शादी के दौरान एक शादीशुदा युवक किशोरी को बहला फुसला कर अपने साथ गेस्ट हाउस से बाहर ले गया. वहां उसने डरा धमका कर उसके साथ दुष्कर्म किया. सीओ योगेंद्र कृष्ण नारायण ने कहा इस मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़िता का डॉक्टरी परीक्षण भी कराया गया है.
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