मुंगेली:मुंगेली जिले के सरगांव ग्राम पंचायत के रामबोड़ गांव स्थित कुसुम प्लांट में गुरुवार दोपहर को गिरे साइलो को हटाने का काम अब भी जारी है. साइलो का वजन काफी ज्यादा होने के कारण उसे हटाने में काफी दिक्कत हो रही है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस प्रशासन सुरक्षित रेस्क्यू करने में लगा हुआ है.
गुरुवार दोपहर को अचानक गिरा साइलो: मुंगेली जिले के सरगांव ग्राम पंचायत के रामबोड़ गांव स्थित कुसुम प्लांट में गुरुवार दोपहर को अचानक एक साइलो गिर गया. (साइलो एक स्टील कंटेनर होता है). जिस दौरान ये हादसा हुआ, उस समय कई मजदूर उसके नीचे काम कर रहे थे. साइलो गिरने से मजदूर उसके नीचे दब गए. इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जो अब भी जारी है. साइलो का मलबा हटाने के लिए कई हैवी क्रेन मंगाई गई.
दोषियों पर होगी FIR, पीड़ितों को मुआवजा भी मिलेगा: विधायक धरमलाल कौशिक भी घटनास्थल पर पहुंचे हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्रशासन रेस्क्यू करने में लगा हुआ है. बड़े क्रेन लाए गए हैं, उम्मीद है जल्द रेस्क्यू पूरा हो जाएगा. दबे हुए लोगों को निकाल लिया जाएगा. इसमें जांच भी होगी. जांच में जो दोषी होगा, उस पर एफआईआर भी की जाएगी. पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि और नौकरी देने के लिए बात चल रहा है.
साइलो में क्या भरा है:ईटीवी भारत संवाददाता संजय यादव घटना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली. वहां से मिली जानकारी के मुताबिक फैक्ट्री में चिमनी से जो डस्ट या निकलती है वह चिमनी से होते हुए कनेव्टेड शैल कंटेनर या साइलो में गिर कर जमा होता रहता है. यह काफी गर्म होती है. जिसे समय समय पर खाली किया जाता है. कुसुम प्लांट में जो साइलो गिरा है उसका वजन 100 टन से ज्यादा बताया जा रहा है. जिस समय ये हादसा हुआ उस समय 80 टन डस्ट कंटेनर में भरी हुई थी. जिससे ज्यादा वजनी होने के कारण कंटेनर उठाने में काफी परेशानी आ रही है.
साइलो गिरने का कारण स्थानीय कर्मचारियों ने ये बताया:स्थानीय कर्मचारियों ने बताया कि साइलो को 15 से 20 दिन पहले ही इंस्टॉल किया गया था, जो ठीक से इंस्टॉल भी नहीं हुआ था. साइलो का पूरी तरह से इंस्टालेशन पूरा भी नहीं हुआ था कि फैक्ट्री में प्रोडक्शन स्टार्ट कर दिया गया. यही वजह रही कि बेस कमजोर और शेल टैंक कंटेनर क्षमता का 80 प्रतिशत डस्ट से भरा होने के कारण साइलो एक तरफ झुकते हुए भरभराकर गिर गया.