नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सभी सांसदों से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देश के भविष्य के लिए काम करने के लिए एक साथ आने की अपील की. संसद के बजट सत्र से पहले प्रेस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने नकारात्मक राजनीति करने वाले विपक्षी दलों से पिछली कड़वाहट को दूर करने और एक साथ आने की अपील की.
बजट सत्र से पहले प्रेस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नकारात्मक राजनीति करने वाले विपक्षी दलों से अतीत की कड़वाहट को भुलाकर एक साथ आने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं सभी सांसदों से अनुरोध करना चाहूंगा कि वे सदन में होने वाली सभी चर्चाओं में हिस्सा लें, चाहे वे वैचारिक रूप से कितने भी विरोधी क्यों न हों."
उन्होंने कहा कि विपरीत विचारधाराएं बुरी नहीं होतीं, लेकिन नकारात्मक विचारधाराएं बुरी होती हैं. यहीं पर विचारों की सीमा समाप्त हो जाती है. देश को नकारात्मकता की जरूरत नहीं है. सभी सांसदों से प्रगतिशील विचारधारा रखने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को एक प्रगतिशील विचारधारा की जरूरत है जो विकास को बढ़ावा दे और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाए.
'प्रधानमंत्री की आवाज दबाने की कोशिश'
पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि संसद के उद्घाटन सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार और प्रधानमंत्री की आवाज को दबाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद पहले सत्र में उन्होंने अलोकतांत्रिक तरीकों से देश की 140 करोड़ जनता द्वारा चुनी गई सरकार की आवाज को दबाने की कोशिश की. ढाई घंटे तक उन्होंने देश के प्रधानमंत्री की आवाज को दबाने की कोशिश की. देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों में इसकी कोई जगह नहीं है. उन्हें (विपक्ष) इसका पश्चाताप भी नहीं है और वे इससे आहत भी नहीं हैं."