नई दिल्ली: दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने राजधानी में अपनी सभी प्रकार की संपत्तियों का मूल्यांकन (वैल्यूएशन) कराने का फैसला किया है. यह कदम कई वर्षों के बाद उठाया गया है, जिससे डीडीए को अपनी संपत्तियों की वास्तविक कीमत मिलेगी. डीडीए ने इस कार्य के लिए टेंडर जारी कर दिया है, जिसकी बोली जमा करने की अंतिम तिथि 25 फरवरी निर्धारित की गई है. इसके बाद वैल्यूएशन प्रक्रिया 31 मार्च 2024 की स्थिति के आधार पर होगी. इसे पूरा करने के लिए वैल्यूअर को ड्राफ्ट रिपोर्ट के लिए 60 दिन तथा फाइनल रिपोर्ट के लिए 30 दिन का समय मिलेगा.
वैल्यूएशन में क्या-क्या होगा शामिल: डीडीए के इस व्यापक मूल्यांकन में सिर्फ भूमि नहीं, बल्कि विभिन्न प्रकार की संपत्तियां शामिल होंगी, जिनमें खाली और निर्मित दोनों तरह की जमीन, आवासीय, व्यावसायिक और दुकानों की इमारतें, प्लांट्स और मशीनरी, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स व अन्य संपत्तियां शामिल हैं.
डीडीए की विशाल संपत्ति व उसकी अहमियत: डीडीए की दिल्ली में प्रमुख भूमि स्वामी एजेंसी (लैंड ओनिंग एजेंसी) है, अब तक 10 लाख फ्लैट्स, 650 कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, 22 इंडस्ट्रियल एस्टेट व 3500 से अधिक संस्थागत प्लांट्स विकसित कर चुका है. इसके अतिरिक्त लोगों के लिए 15 स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, 39 फिटनेस सेंटर, 2 गोल्फ कोर्स और 26 ग्रीन प्लेग्राउंड बनाए जा चुके हैं. लेकिन राजधानी में जमीन की बढ़ती कमी के चलते, डीडीए को अपनी संपत्तियों की सही स्थिति व मूल्य जानने की आवश्यकता महसूस हो रही है, जिससे उपलब्ध संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग किया जा सके.
डीडीए का ये अहम कदम क्यों: डीडीए के अधिकारियों के अनुसार यह मूल्यांकन कई महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति करेगा. इससे डीडीए को अपनी प्रॉपर्टी का वास्तविक मूल्य पता चलेगा और नीलामी (ऑक्शन) व लीज रेट निर्धारित करने में मदद करेगा. वैल्यूएशन से यह भी पता चलेगा कि डीडीए की कितनी जमीन पर अतिक्रमण है. इसे हटाने की रणनीति बनाई जा सकेगी. डीडीए यह तय कर सकेगा कि कौन-सी जमीन को किस प्रकार के विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. मूल्यांकन के आधार पर राजस्व के नए तरीके खोजे जाएंगे. यह भी पता चलेगा कि कौन-सी संपत्ति कितनी पुरानी है, उसकी उपयोगिता कितने समय तक बनी रह सकती है. डीडीए की इस पहल से दिल्ली के पुनर्विकास (रिडेवलपमेंट) व बुनियादी ढांचे के विस्तार में तेजी आने की उम्मीद है. इससे भविष्य में रिहायशी व व्यावसायिक योजनाओं को नए आयाम मिलेंगे.