मुंबई: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को कहा कि दल-बदल रोधी कानून की समीक्षा के लिए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है.
बिरला ने यहां 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र के दौरान यह घोषणा की. विधायकों द्वारा बार-बार राजनीतिक दल बदलने पर अंकुश लगाने के लिए संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत दलबदल रोधी कानून बनाया गया था. इस कानून में ऐसे निर्वाचित विधायकों को विधायिका से अयोग्य घोषित करने का प्रावधान है यदि वे स्वेच्छा से दल बदल लेते हैं या पार्टी के निर्देश के विरुद्ध मतदान करते हैं.
हालांकि, जब किसी पार्टी के दो-तिहाई निर्वाचित सदस्य किसी अन्य पार्टी के साथ 'विलय' के लिए सहमत होते हैं, तो उन्हें अयोग्यता के प्रावधान से छूट दी जाती है.