श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के सुदूरवर्ती गांव बधाल में तीन संबंधित परिवारों के 13 बच्चों समेत 17 लोगों की रहस्यमयी मौत के बाद कई सप्ताह तक भय और अनिश्चितता का माहौल रहा, जिसके बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है. 7 दिसंबर 2024 से 19 जनवरी 2025 के बीच हुई इन मौतों ने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है.
यहां तक कि बुधाल गांव के 300 से अधिक निवासी अभी भी बुधाल गांव से 55 किलोमीटर दूर राजौरी अस्पताल में क्वारंटीन निगरानी में हैं, जहां भोजन तैयार करने के दौरान सीसीटीवी निगरानी समेत सख्त निगरानी और सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं.
तीन हफ्ते से कोई मामला सामने नहीं आया
सहायक जिला विकास आयुक्त कोटरंका ने कहा कि पिछले 3 सप्ताह में रहस्यमयी बीमारी का कोई नया मामला सामने नहीं आया है और सभी बीमार मरीज पूरी तरह ठीक हो गए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, लेकिन हमने राजौरी में ग्रामीणों को क्वारंटीन कर दिया है. उन्होंने ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और जीएमसी राजौरी को सभी जांच नमूनों के परिणाम मिल गए हैं, स्वास्थ्य विभाग जल्द ही अंतिम निष्कर्षों का खुलासा करेगा.
उन्होंने आगे बताया कि रविवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली की एक टीम ने गांव का दौरा किया था. उन्होंने लोगों की जीवनशैली देखी, ये लोग कैसे रह रहे हैं और क्या खाते हैं. एडीसी ने बताया कि एम्स की टीम ने भोजन और अन्य खाद्य पदार्थों का नमूना भी लिया है. बुधाल गांव के सरपंच मोहम्मद फारूक ने ईटीवी भारत को बताया कि गांव में अब स्थिति सामान्य है. उन्होंने कहा कि गांव में जो असहज शांति थी, वह अब खत्म हो गई है.
मौतों की गहन जांच की गई
17 मौतों की अस्पष्ट प्रकृति ने गांव में व्यापक दहशत पैदा कर दी थी, जिसके कारण अधिकारियों को क्षेत्र को नियंत्रण क्षेत्र घोषित करना पड़ा और मौतों की गहन जांच शुरू करनी पड़ी. इसके बाद पुलिस की विशेष जांच टीम ने जांच शुरू की. मौतों के इर्द-गिर्द रहस्य ने गांव पर गहरा असर डाला है, लेकिन निवासियों को उम्मीद है कि न्याय मिलेगा और जीवन पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा.
मौतों का कारण जानने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के स्वास्थ्य अधिकारियों और गृह मंत्रालय (MHA) के निदेशक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी टीम को गांव भेजा गया.
संक्रामक रोगों की संभावना को खारिज
राजौरी स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) के डॉक्टरों ने व्यापक जांच के बाद संक्रामक रोगों की संभावना को खारिज कर दिया था, जिससे संभावित विषाक्तता की ओर ध्यान केंद्रित हो गया था. टॉक्सिलॉजिकल एनालिसिस से पीड़ितों के बायोलॉजिकल सैंपल में न्यूरोटॉक्सिन की मौजूदगी का पता चला, जिससे रहस्य और गहरा गया.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कई मंत्रियों के साथ पिछले महीने बधाल का दौरा किया था. हाल के दिनों में कोई नया मामला सामने नहीं आने के कारण समुदाय में सुधार होने लगा है. हालांकि, अधिकारी 300 से अधिक ग्रामीणों को क्वारंटीन करके स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं.