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किसान बनकर मंडी पहुंचे जिला कलेक्टर, मौके पर ही PACS अधिकारियों को जारी किया नोटिस - BHADRAK DC

ओडिशा के भद्रक जिले में धान खरीद में अनियमितताओं की जांच के लिए कलेक्टर दिलीप राउतराय ने किमान का भेष धारण कर मंडी पहुंच गए.

Bhadrak DC Visits PACS Mandi posing as farmer exposes Irregularities In Paddy Procurement in odisha
किसान बनकर मंडी पहुंचे जिला कलेक्टर, मौके पर ही PACS अधिकारियों को जारी किया नोटिस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 3, 2025, 7:15 PM IST

भद्रक (ओडिशा) : टी-शर्ट और कैपरी पहने और गले में गमछा डाले भद्रक कलेक्टर दिलीप राउतराय ने जिले के धामनगर ब्लॉक के कटासाही मंडी का दौरा किया और किसानों को धान की कम कीमत दिए जाने के आरोपों की जांच की.

बीते शनिवार को कलेक्टर दिलीप ने अपनी गाड़ी मंडी से कुछ दूरी पर खड़ी की और टोपी और चेहरे पर मास्क लगाकर खुद को किसान बताते हुए कटासाही PACS (प्राथमिक कृषि ऋण समिति) पहुंचे. इसके बाद उन्होंने वहां किसानों से बातचीत की और खरीद प्रक्रिया को देखा. उन्होंने दूसरे किसान के टोकन का इस्तेमाल करके धान बेचने का भी प्रयास किया.

किसानों के आरोप तब सही साबित हुए जब सहकारिता अधिकारी ने कलेक्टर को बताया कि करीब 8 किलो धान बर्बादी के तौर पर काटा जाएगा. इसके बाद कलेक्टर ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

जिला प्रशासन की बैठकों में 'कटनी-छटनी' यानी पैसे काटने के खिलाफ निर्देशों के बावजूद PACS और मिलर्स के खिलाफ ऐसे आरोप लग रहे थे. इसके बाद कलेक्टर दिलीप राउतराय ने यह कदम उठाया.

कारण बताओ नोटिस
कारण बताओ नोटिस (ETV Bharat)

लगभग 3 घंटे तक मंडी में रहे कलेक्टर
कलेक्टर ने कहा, "किसान फसल संबंधी धोखाधड़ी का शिकार न हों, इसके लिए हमने मिलर्स सोसायटी सचिव, मंडी नोडल अधिकारी, धान खरीद प्रक्रिया में शामिल ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ विभिन्न चरणों में बैठकें की हैं. किसानों को लंबे समय से, डेढ़ महीने से, यह बताया जा रहा है कि एफएक्यू मानक धान क्या है, उन्हें एफएक्यू मानक धान मंडी में क्यों लाना है. इस संदर्भ में, शिकायतों की सच्चाई जानना जरूरी है. अंत में, मैं शनिवार को किसान की पोशाक में मंडी गया और लगभग 3 घंटे तक मंडी में रहा. मैंने देखा कि धान की खरीद कैसे की जा रही है."

उन्होंने आगे कहा, "पूरी प्रक्रिया देखने के बाद, मुझे लगा कि आरोपों में कुछ सच्चाई है. इसलिए, मैंने संबंधित मंडी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया."

किसानों को डरने की जरूरत नहीं...
कलेक्टर ने कहा, किसानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है. किसानों का धान खरीदा जाएगा. किसानों के टोकन को खत्म नहीं होने दिया जाएगा.

कटसाही पैक्स के सचिव को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, "आपके पैक्स के खिलाफ लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं और इसलिए आपसे कारण बताने को कहा जाता है कि आपके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों न की जाए."

संबंधित अधिकारियों को दो दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है. जवाब नहीं मिलने पर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें- बजट में सरकार ने किसानों के लिए खोल दिया पिटारा : कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी

भद्रक (ओडिशा) : टी-शर्ट और कैपरी पहने और गले में गमछा डाले भद्रक कलेक्टर दिलीप राउतराय ने जिले के धामनगर ब्लॉक के कटासाही मंडी का दौरा किया और किसानों को धान की कम कीमत दिए जाने के आरोपों की जांच की.

बीते शनिवार को कलेक्टर दिलीप ने अपनी गाड़ी मंडी से कुछ दूरी पर खड़ी की और टोपी और चेहरे पर मास्क लगाकर खुद को किसान बताते हुए कटासाही PACS (प्राथमिक कृषि ऋण समिति) पहुंचे. इसके बाद उन्होंने वहां किसानों से बातचीत की और खरीद प्रक्रिया को देखा. उन्होंने दूसरे किसान के टोकन का इस्तेमाल करके धान बेचने का भी प्रयास किया.

किसानों के आरोप तब सही साबित हुए जब सहकारिता अधिकारी ने कलेक्टर को बताया कि करीब 8 किलो धान बर्बादी के तौर पर काटा जाएगा. इसके बाद कलेक्टर ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

जिला प्रशासन की बैठकों में 'कटनी-छटनी' यानी पैसे काटने के खिलाफ निर्देशों के बावजूद PACS और मिलर्स के खिलाफ ऐसे आरोप लग रहे थे. इसके बाद कलेक्टर दिलीप राउतराय ने यह कदम उठाया.

कारण बताओ नोटिस
कारण बताओ नोटिस (ETV Bharat)

लगभग 3 घंटे तक मंडी में रहे कलेक्टर
कलेक्टर ने कहा, "किसान फसल संबंधी धोखाधड़ी का शिकार न हों, इसके लिए हमने मिलर्स सोसायटी सचिव, मंडी नोडल अधिकारी, धान खरीद प्रक्रिया में शामिल ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ विभिन्न चरणों में बैठकें की हैं. किसानों को लंबे समय से, डेढ़ महीने से, यह बताया जा रहा है कि एफएक्यू मानक धान क्या है, उन्हें एफएक्यू मानक धान मंडी में क्यों लाना है. इस संदर्भ में, शिकायतों की सच्चाई जानना जरूरी है. अंत में, मैं शनिवार को किसान की पोशाक में मंडी गया और लगभग 3 घंटे तक मंडी में रहा. मैंने देखा कि धान की खरीद कैसे की जा रही है."

उन्होंने आगे कहा, "पूरी प्रक्रिया देखने के बाद, मुझे लगा कि आरोपों में कुछ सच्चाई है. इसलिए, मैंने संबंधित मंडी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया."

किसानों को डरने की जरूरत नहीं...
कलेक्टर ने कहा, किसानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है. किसानों का धान खरीदा जाएगा. किसानों के टोकन को खत्म नहीं होने दिया जाएगा.

कटसाही पैक्स के सचिव को जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है, "आपके पैक्स के खिलाफ लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं और इसलिए आपसे कारण बताने को कहा जाता है कि आपके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों न की जाए."

संबंधित अधिकारियों को दो दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है. जवाब नहीं मिलने पर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें- बजट में सरकार ने किसानों के लिए खोल दिया पिटारा : कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी

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