लेह: लद्दाख अपने मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों और अनोखे सांस्कृतिक अनुभवों के लिए हमेशा पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थान रहा है. लेकिन 2024 में यहां पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है. लद्दाख के पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों की कुल संख्या 2023 में 5,25,374 थी, जो घटकर 2024 में 3,75,393 (20 दिसंबर 2024 तक) रह गई. यह 1,49,981 पर्यटकों की कमी को दर्शाता है.
21 दिसंबर को लेह में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, लद्दाख टूरिस्ट ट्रेड अलायंस के अध्यक्ष पीटी कुंजांग ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे पड़ोसी क्षेत्रों में पर्यटन में वृद्धि देखी गई, जबकि लद्दाख को अप्रत्याशित मंदी का सामना करना पड़ा.
उन्होंने कहा, "लद्दाख के प्रदर्शन के विपरीत, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों के आगमन में वृद्धि देखी गई. हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों की संख्या 2023 में 1.63 करोड़ से बढ़कर 2024 में 1.74 करोड़ पहुंच गई. इसी तरह, जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या 2023 में 2.10 करोड़ से बढ़कर 2024 में 2.11 करोड़ पहुंच गई, जो लगातार वृद्धि बनाए हुए है."
चुनावी वर्ष का प्रभाव
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रशासनिक सचिव विक्रम मलिक सिंह ने कहा कि चुनाव और लद्दाख को लेकर मीडिया रिपोर्ट के कारण पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है. उन्होंने कहा, "लद्दाख में बंद के बारे में कई खबरें प्रसारित की गईं और जब ऐसी खबरें पर्यटकों तक पहुंचती हैं, तो इससे उनकी सोच बदल जाती है. निस्संदेह स्थानीय घटनाएं पर्यटकों की धारणा को प्रभावित करती हैं. कुल मिलाकर, कई कारक हैं. सबसा पहला और सबसे महत्वपूर्ण, चुनावी वर्ष होने के कारण आवाजाही पर प्रतिबंध था. दूसरा, लद्दाख में बंद और विरोध प्रदर्शनों ने राष्ट्रीय मीडिया में काफी ध्यान आकर्षित किया, जिससे समग्र स्थिति और प्रभावित हुई."
उन्होंने कहा कि 2024 में, पर्यटन और संस्कृति विभाग ने फरवरी में मुंबई में ओटीएम और दिल्ली में एसएटीटीई में भाग लिया, और अब तक परिणाम दिखाई देने चाहिए थे.
ओटीएम और एसएटीटीई बंद
2024 में, केंद्र शासित प्रशासन ने इन आयोजनों में कोई लद्दाख मंडप नहीं बनाया, जो पर्यटन के लिए झटका था. कुंजांग ने कहा, "पिछले एक-दो वर्षों में हमने देखा है कि लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा उतना नहीं मिला है, जितना मिलना चाहिए. पिछले 20 वर्षों से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक व्यवस्था है, लेकिन धीरे-धीरे इसमें कमी आ रही है. लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से पिछले 2-3 वर्षों में कुछ अच्छे प्रचार-प्रसार के प्रयास हुए हैं, जैसे विंटर कॉन्क्लेव और लद्दाख लिटरेचर फेस्टिवल. हालांकि, ओटीएम और एसएटीटीई जैसे प्रमुख कार्यक्रम, जिनमें हम लद्दाख को बढ़ावा देने के लिए भाग लेते थे, इस साल बंद कर दिए गए हैं."
उन्होंने कहा, "पर्यटन विभाग ने पर्यटन में गिरावट के पीछे के कारणों को जानने के लिए हितधारकों के साथ एक भी समीक्षा बैठक नहीं की है. कारणों की पहचान करना महत्वपूर्ण है ताकि हम उन्हें संबोधित कर सकें और भविष्य में सुधार कर सकें. दुर्भाग्य से, उन्होंने इस साल प्रचार-प्रसार के कार्यक्रम और गतिविधियां भी बंद कर दी हैं, जिससे पर्यटन पर और असर पड़ा है."
हालांकि, विक्रम सिंह ने दावा किया कि कोई भी कार्यक्रम बंद नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, "एक कार्यक्रम जनवरी के लिए प्रस्तावित है, और दूसरा फरवरी के लिए प्रस्तावित है. फाइल प्रक्रिया में है, और हमें उम्मीद है कि इसे मंजूरी मिल जाएगी. हमने फाइल पहले ही आगे बढ़ा दी है. सच यह है कि हम पिछले 5-6 महीनों से इन कार्यक्रमों पर चर्चा कर रहे हैं और उन्हें अंतिम रूप दे चुके हैं. यह वर्तमान में उचित प्रक्रिया में है."