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वक्फ जमीनों पर न कोई कॉलेज है और न कोई अस्पताल: जगदंबिका पाल - JAGDAMBIKA PAL

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर को लेकर JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने ईटीवी भारत की संवाददाता अनामिका रत्ना से बात की.

jagdambika pal
जगदंबिका पाल (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2025, 10:18 PM IST

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा में पेश की गई. जिसपर विपक्ष ने हंगामा किया और सदम से वॉक आउट कर गया. इसको लेकर ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी (JPC) के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्ष के सारे नोट ऑफ डिसेंट को शामिल किया गया है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष मात्र हंगामा करना चाहता है और वक्फ बिल के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा. जगदंबिका पाल ने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना से बात करते हुए कहा, " पूरी कमेटी की बैठक में जिस तरह हंगामा बरपा, मुझपर बोतल फेंकी गई. मगर जिस तरह भगवान शंकर ने विष पिया था, उसी तरह मैंने भी जहर पी लिया. स्पीकर साहब ने मुझे जो काम सौंपा था. मैंने वही किया."

ईटीवी भारत से बात करते जगदंबिका पाल (ETV Bharat)

'जेपीसी बैठक के दौरान विपक्ष ने लगातार हंगामा किया'
जेपीसी के चेयरमैन ने कहा कि पूरे जेपीसी बैठक के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा. यहां तक कि आज भी जब विपक्षी नेताओं ने स्पीकर साहब से मुलाकात कर कहा कि नोट ऑफ डिसेंट में हमारी बातें शामिल नहीं हुई तो स्पीकर ने आज भी कहा कि अगर आप और नोट ऑफ डिसेंट देना चाहते हैं तो उसे भी शामिल करने के लिए हम तैयार हैं. इसरके बावजूद विपक्षी पार्टियों ने सदन से वॉकआउट किया.

'मुझे जो काम सौंपा गया, मैंने वही किया'
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का संतोष है कि मुझे जो काम दिया गया था. मैंने उसे बखूबी निभाया ताकि गरीब गुरबत और जरूरतमंदों को फायदा मिल सके. मगर विपक्ष मात्र राजनीति कर रहा है. जब उनसे पूछा गया कि विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि उन्होंने चेयरमैन के संबंध में कही गई बातों को शामिल नहीं किया है तो इस पर जगदंबिका पाल ने कहा कि रिपोर्ट में सिर्फ मात्र वो बातें नहीं शामिल की गईं जो संसदीय गरिमा के खिलाफ थीं.

उन्होंने कहा कि विपक्ष की सारी बातें शामिल की गईं है और सभी ने देखा है कि विपक्ष हमेशा से सरकार का तो विरोध करता था. मगर स्पीकर की बात तक नहीं मानी जो संसदीय गरिमा के अनुकूल नहीं है. पाल ने आगे कहा कि वक्फ जमीनों पर न कोई कॉलेज है और न कोई अस्पताल. इससे मुसलमानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है.

यह भी पढ़ें- वक्फ बिल विवाद: विपक्ष क्यों कर रहा है इसका विरोध और सरकार का क्या है स्पष्टीकरण ? जानें

नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा में पेश की गई. जिसपर विपक्ष ने हंगामा किया और सदम से वॉक आउट कर गया. इसको लेकर ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी (JPC) के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्ष के सारे नोट ऑफ डिसेंट को शामिल किया गया है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष मात्र हंगामा करना चाहता है और वक्फ बिल के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा. जगदंबिका पाल ने ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवादाता अनामिका रत्ना से बात करते हुए कहा, " पूरी कमेटी की बैठक में जिस तरह हंगामा बरपा, मुझपर बोतल फेंकी गई. मगर जिस तरह भगवान शंकर ने विष पिया था, उसी तरह मैंने भी जहर पी लिया. स्पीकर साहब ने मुझे जो काम सौंपा था. मैंने वही किया."

ईटीवी भारत से बात करते जगदंबिका पाल (ETV Bharat)

'जेपीसी बैठक के दौरान विपक्ष ने लगातार हंगामा किया'
जेपीसी के चेयरमैन ने कहा कि पूरे जेपीसी बैठक के दौरान विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा. यहां तक कि आज भी जब विपक्षी नेताओं ने स्पीकर साहब से मुलाकात कर कहा कि नोट ऑफ डिसेंट में हमारी बातें शामिल नहीं हुई तो स्पीकर ने आज भी कहा कि अगर आप और नोट ऑफ डिसेंट देना चाहते हैं तो उसे भी शामिल करने के लिए हम तैयार हैं. इसरके बावजूद विपक्षी पार्टियों ने सदन से वॉकआउट किया.

'मुझे जो काम सौंपा गया, मैंने वही किया'
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का संतोष है कि मुझे जो काम दिया गया था. मैंने उसे बखूबी निभाया ताकि गरीब गुरबत और जरूरतमंदों को फायदा मिल सके. मगर विपक्ष मात्र राजनीति कर रहा है. जब उनसे पूछा गया कि विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि उन्होंने चेयरमैन के संबंध में कही गई बातों को शामिल नहीं किया है तो इस पर जगदंबिका पाल ने कहा कि रिपोर्ट में सिर्फ मात्र वो बातें नहीं शामिल की गईं जो संसदीय गरिमा के खिलाफ थीं.

उन्होंने कहा कि विपक्ष की सारी बातें शामिल की गईं है और सभी ने देखा है कि विपक्ष हमेशा से सरकार का तो विरोध करता था. मगर स्पीकर की बात तक नहीं मानी जो संसदीय गरिमा के अनुकूल नहीं है. पाल ने आगे कहा कि वक्फ जमीनों पर न कोई कॉलेज है और न कोई अस्पताल. इससे मुसलमानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है.

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