नई दिल्ली: देश में इस वक्त चुनावों की चर्चा है, त्योहारों की रौनक है रमजान का पाक महीना चल रहा है तो नवरात्रि की तैयारी भी शुरू हो चुकी है. दिल्ली खरीदादारों की पहली पसंद हैं यहां हर तरह किसी के लिए, हर तरह का फैशन मौजूद है. वैसे ही चुनाव, ईद और नवरात्रि के बीच कुर्ते पायजामे की डिमांड काफी बढ़ गई है. कह सकते हैं कि मार्केट में कुर्तों का क्रेज अचानक बढ़ गया है और कुर्ता पायजामा व्यापारियों के चेहरे पर अच्छी बिक्री की खुशी अलग ही देखी जा सकती है.
बाजार में कुर्ता पायजामे के कपड़े और रेडिमेड कुर्ता पायजामा बेचने वालों का बिजनेस भी जोर पकड़ रहा है. चुनावी लहर के साथ, रमजान का पाक महीना चल रहा है, वहीं 8 अप्रैल से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. दिल्ली का करोलबाग रेडीमेड कुर्तों का अच्छा बाजार हैं. यहां कई तरह के ब्रांडेड और लोकल कुर्ता पायजामा मिलते हैं. बीते 40 वर्षों से रेडीमेड कुर्ते पायजामे की सेल करने वाले विनोद मोंगा ने बताया कि इन दिनों सफेद के संग भगवा और पीले कुर्ते की भी डिमांड बढ़ रही है.
चुनावों के लिए सफेद कुर्ते पायजामे की बढ़ी मांग
जनरल इलेक्शन गर्मियों में हैं, ऐसे में सफेद सूती कुर्ते पायजामे सबसे अधिक बिकने की उम्मीद दुकानदारों ने जताई है. उनका कहना है कि हमें उम्मीद है कि भगवा और पीले रंग के कुर्ते-पायजामे की सेल भी जमकर होगी. कुर्ते में 36 से 46 इंच का साइज मुख्य होता है. ये कुर्ते सभी उम्र और ढील-डोल के कार्यकर्ताओं और नेताओं को फिट बैठ जाते हैं. यदि थोड़ा बहुत अलर्टेरेशन करवाना पड़े, तो तुरंत बगैर चार्ज लिए सुविधानुसार करवा दिया जाता है. कुर्ते के साथ रेडिमेड जैकेट भी दुकानों पर मौजूद है. ये कई रंगों के साथ चिकन और प्रिंटेड डिजाइन में भी मिलेगी. बाजार में 585 से 3000 रुपये तक कुर्ता-पायजामा और जैकेट 1600 से 2500 रुपये तक खरीदी जा सकती है. करोल बाग से बहुत से नेता कुर्ता-पायजामा खरीद चुके हैं.
वहीं, चांदनी चौक बाजार के कटरा अशर्फी में जेंट्स फेब्रिक के होलसेल-रिटेल विक्रेता केदानाथ एंड कंपनी के ओनर अभिषेक गनेड़ीवाला ने बताया कि उनके पास कुर्ता-पायजामे के कपड़ों की ढेर सारी वैरायटी है.
इलेक्शन अनाउंस हो गए हैं दिल्ली में कैंपेन तेज हो रहा है. कार्यकर्ताओं से लेकर पॉलिटिकल पार्टी के पदाधिकारी, प्रत्याशी और बड़े नेताओं को कुर्ता पायजामा खासा पसंद होता है. ये पहनने में आसान और आरामदायक है. बाजार में लेनिन, कॉटन और खादी के कुर्तों की सेल बढ़ी है. रैली से लेकर पॉलिटिकल प्रोग्राम में नेता और कार्यकर्ता कुर्ता-पायजामा पहनकर जाते हैं.
आम तौर पर लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में पड़ते हैं. ये गर्मी का समय है. ऐसे में सूती, लेनिन और खादी का कुर्ता आरामदायक रहता है. दुकानदारोंं की मानें तो (अभिषेक) ने बताया कि कोई भी कार्यकर्ता और नेता कम से कम कुर्ते-पायजामे के 3 से 4 सेट तो बनवाता ही है. रोजाना पहनने की वजह से एक सेट दिनभर में गंदा हो जाता है. अगले दिन दूसरा पहनना पड़ता है. ऐसे में कपड़ा व्यवसायियों का कारोबार बढ़ रहा है. नेताओं को दो तरह के डिजाइन ज्यादा पसंद होते हैं. पहला, फुल लेंथ कुर्ता विद चूड़ीदार पायजामा और दूसरा, शॉर्टकट कुर्ता विद ट्राउजर (पेंटनुमा पायजामा)