गया: बिहार के गया पहुंचे जीतन राम मांझी ने पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर घूस लेने का आरोप लगाया है. मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर अंचल अधिकारियों से 50-50 लाख रुपए वसूले गए. हजारों करोड़ों रुपए कमाने के फिराक में थे लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने इसपर रोक लगा दी. इसलिए जनता के बीच जाकर ऊल-जलूल बोलते हैं.
"अंचल अधिकारियों से 50-50 लाख रुपए लेकर कमा लिए थे. हजारों करोड़ कमाना चाहते थे. बड़े पैमाने पर ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर रुपए लिए गए लेकिन मुख्यमंत्री ने ऐसा नहीं होने दिया. ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी. आज तेजस्वी यादव जनता के बीच जाकर ऊल-जलूल बात करते हैं कि उन्होंने शिक्षकों को नौकरी दी है. अरे बिना सीएम का कोई काम होता है क्या. जिसे संविधान का ज्ञान नहीं है वे वाहवाही कर रहे हैं, जिन्हें ज्ञान है वे तेजस्वी यादव पर हंस रहे हैं."-जीतन राम मांझी, संरक्षक, हम पार्टी
क्या है मामलाः यह मामला ज्यादा पुराना नहीं है. साल 2023 के जून माह में करीब 1000 कर्मचारी और अधिकारियों का तबादला किया गया था. राजस्व और भूमि सुधार विभाग में 480 अधिकारियों का तबादला हुआ. हालांकि आदेश पारित होने के 25 दिनों के अंदर सीएम नीतीश कुमार ने इसे रद्द कर दिया था. स्वास्थ्य विभाग में भी 500 तबादलों को रद्द किया गया. बता दें कि इस वक्त महागठबंधन की सरकार में राजद नेता आलोक मेहता भूमि एवं राजस्व विभाग में मंत्री थे और तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम के अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय का भी जिम्मा था.
विपक्ष में रहते हुए BJP ने लगाए थे आरोपः इसको लेकर सियासत शुरू हो गई थी. भाजपा नेताओं ने इस तबादले में लेन-देन का आरोप लगाया था. कहा था कि अधिकारियों और कर्मचारियों से तबादले के नाम पर लाखो रुपए वसूले जाते हैं. तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने भी आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार के मंत्री ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर उगाही कर रहे हैं. राजद कोटे के मंत्रियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. अब सरकार बदलने के बाद जीतन राम मांझी ने इसपर मुहर लगा दिया है.