रांची:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखकर झारखंड के तेनुघाट डैम से अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़े जाने की वजह से पश्चिम बंगाल में बाढ़ आने का आरोप लगाया था.अब इस मुद्दे पर झारखंड की राजनीति गरमा गई है.इस पर झारखंड में पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से प्रतिक्रिया दी गई है.
ममता बनर्जी का आरोप सही नहींः झामुमो
मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से कहा गया है कि ममता बनर्जी का आरोप सही नहीं है, क्योंकि पानी की प्रकृति ही ऊपर से नीचे की ओर बहना होता है.उन्होंने कहा कि रिहंद बांध का फाटक खुलने से हमारे यहां बाढ़ आता है तो उसका आरोप हम कहां दूसरे दलों पर लगाते हैं? नेपाल से पानी छोड़े जाने पर बिहार का बड़ा इलाका डूब जाता है. यह स्वभाविक है कि जब ऊपरी जगह पर भारी वर्षा होगी तो पानी नीचे ही जाएगा.
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि कोशिश यह होनी चाहिए कि कैसे लोगों को कम से कम परेशानी हो. झामुमो नेता ने कहा कि जब हम असम में बाढ़ प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति रख सकते हैं तो फिर अपने पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में बाढ़ आ जाए ऐसा हम क्यों सोचेंगे.
हम झारखंड का हित देख रहे हैं, ममता अपना देखें- कांग्रेस
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोप को बेबुनियाद करार देते हुए झारखंड कांग्रेस के प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि नेपाल के पानी छोड़ने से बिहार का बड़ा इलाका डूब जाता है. इस पर कहां कोई आरोप लगाता है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हम झारखंड के लोगों का हित देखते हुए फैसले लेते हैं,ममता बनर्जी अपने राज्य के लोगों के हित को देखें और आरोप न लगाएं.
क्या लिखा था बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पोस्ट में
दरअसल, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि अभी मैंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से बात की और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की.मैंने उनसे तेनुघाट से अचानक और भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के मामले पर चर्चा की है, जिससे बंगाल में बाढ़ आ गई है.मैंने उनसे कहा कि झारखंड का पानी बंगाल में बाढ़ ला रहा है और यह मानव निर्मित है! मैंने उनसे अनुरोध किया कि कृपया इसका ध्यान रखें. मैं इस बीच स्थिति पर नजर रख रही हूं और मैंने दक्षिण बंगाल के साथ-साथ उत्तर बंगाल के सभी संबंधित डीएम से बात की है. मैंने डीएम से अगले 3-4 दिनों में विशेष रूप से सतर्क रहने और आपदा की स्थिति का उचित ध्यान रखने को कहा है. मैंने उनसे सभी एहतियाती कदम उठाने को कहा है, ताकि कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो.