बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का 'सीई-20 क्रायोजेनिक इंजन' अंतरिक्षयात्री वाले गगनयान मिशन के लिए अंतिम परीक्षणों में सफल साबित हुआ है. इसे इसरो के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है. क्रायोजेनिक इंजन, गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए एलवीएम प्रक्षेपणयान के 'क्रायोजेनिक चरण' को शक्ति प्रदान करता है.
अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा कि इसरो का सीई-20 क्रायोजेनिक इंजन मानव मिशन के लिए अंतिम परीक्षणों में सफल रहा. इसने कहा कि कठिन परीक्षण से इंजन की क्षमता का पता चलता है. इसरो के मुताबिक, पहली मानव रहित उड़ान 'एलवीएम3 जी1' के लिए पहचाना गया सीई-20 इंजन आवश्यक परीक्षणों से गुजरा. इसने कहा कि अंतिम परीक्षण उड़ान स्थितियों का जायजा लेने के लिए 'इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स' महेंद्रगिरि में 13 फरवरी को किया गया जो इस श्रृंखला का सातवां परीक्षण था.