रामपुरःउत्तर प्रदेश में एक बार फिर ट्रेन पलटाने की साजिश सामने आई है. इस बार रामपुर में रेलवे ट्रैक पर लगभग 8 से 9 मीटर लंबा लोहे का खंभा रख गया था. हालांकि देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट की सूझ बूझ से हादसा टल गया. लोहे का खंभा देखते ही लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया. सूचना मिलते ही रेलवे के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की.
मुरादाबाद रेल एसपी आशुतोष शुक्ला. (Video Credit; ETV Bharat) जानकारी के मुताबिक, बुधवार रात (18 सितंबर) करीब 11 बजे बिलासपुर में उत्तराखंड बॉर्डर से सटी कॉलोनी के पीछे से गुजर रही रेलवे लाइन की पटरी पर अज्ञात व्यक्तियों ने लोहे के बिजली का एक पुराना खंभा रख दिया था. इस बीच यहां से देहरादून एक्सप्रेस (12091) गुजर रही थी. खंभा देखते ही ट्रेन के लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़े हादसे को टाल दिया. रेलवे ट्रैक पर खंभा रखे होने की सूचना पर जीआरपी और पुलिस प्रशासन के अधिकारी रात को ही मौके पर पहुंचे. खंभे को ट्रैक से हटाया और मामले की जांच में जुट गए. मुरादाबाद जीआरपी के पुलिस अधीक्षक ने घटनास्थल की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, इस घटना को लेकर जीआरपी पुलिस अलर्ट है. सूत्रों के हवाले से खबर मिली है के जीआरपी ने तीन संदिग्ध व्यक्तियों हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.रामपुर जीआरपी थाने के एसआई हेमराज सिंह ने बताया कि रुद्रपुर में एक चौकी रामपुर जीआरपी थाने के अंडर में आती है. इस चौकी के पास में रेलवे ट्रैक पर लोहे का खंभा किसी शरारती तत्व ने रख दिया था. लोको पायलट की सूझबूझ की वजह से बड़ा हादसा होने से बच गया. इसकी जांच की जा रही है.
मुरादाबाद मंडल जीआरपी एसपी आशुतोष शुक्ला ने बताया कि रुद्रपुर सिटी के पास में ट्रैक के बगल में घास में पुराना जर्जर बिजली का पोल पड़ा था. जिसे उठाकर ट्रैक पर रखा गया था. इस संबंध में बुधवार रात में 10:18 पर जीआरपी रामपुर को मेमो प्राप्त हुआ था. सूचना पर पुलिस, जीआरपी, आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची थी. घटनास्थल का गहराई से निरीक्षण किया गया था. उन्होंने बताया कि नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस इस ट्रैक से गुजर रही थी, तभी लोको पायलट ने लोहे के खंभे को देख लिया था. दूरदर्शित अपनाते हुए इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका, जिससे कोई दुर्घटना वहां पर नहीं हुई. रामपुर जीआरपी ने केस दर्ज कर जांच कर रही है. शीघ्र ही हम इस घटना का अनावरण किया जाएगा.
गौरतलब है कि कानपुर में 8 सितंबर को कांलिदी एक्सप्रेस को भी पलटाने की साजिश हुई थी. कानपुर से भिवानी जा रही कालिंदी एक्सप्रेस (14117) अनवरगंज-कासगंज रूट से गुजर रही थी. इस दौरान ट्रेन ने जैसे ही मुंडेरी क्रॉसिंग को पार किया, पटरी पर रखा एक एलपीजी सिलेंडर ट्रेन से टकरा गया. हालांकि हादसा होते-होते बच गया था. इसके अलावा गाजीपुर में रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रख दिया गया था, जो इंजन में फंस गया था. 16 अगस्त को कानपुर में गुजैनी से भीमसेन के बीच झांसी अपलाइन रुट पर साबरमती एक्सप्रेस डिरेल हुई थी, जिसमें ट्रेन के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. ट्रैक पर पुराना रेलवे पटरी का टुकड़ा रखा गया था. प्रयागराज में रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखकर ट्रेन पलटाने की नाकाम साजिश हुई थी. वहीं, 24 अगस्त को कासगंज-फर्रुखाबाद रेलवे ट्रैक पर भटासा रेलवे स्टेशन के पास लकड़ी का टुकड़ा रखा गया था. जो पैसेंजर ट्रेन के इंजन से टकरा गया था, जिसकी वजह से ट्रेन को रोकना पड़ा था.
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