मेरठ : जिले से हवाई यात्रा की जा सके इसके लिए बीते कई वर्षों से लगातार प्रयासरत बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ने एक पत्र मेरठ के मंडलायुक्त को लिखा है. पत्र में उन्होंने अपनी तकलीफ को बयां करते हुए एयरपोर्ट की जमीन की जरूरत को पूरा करने का तरीका सुझाया है. उन्होंने पत्र में सीएम योगी के मेरठ में एयरपोर्ट बनाने के वायदे का जिक्र करते हुए अपनी तकलीफ भी बयां की है. आइए जानते हैं बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डाॅ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने क्या कुछ दर्द बयां किया है?
यूपी के मेरठ में काफी वर्षों से एयरपोर्ट की मांग उठती चली आ रही है. आलम यह है कि फिलहाल मेरठ से छोटे 72 सीटर जहाज उड़ान भर सकें, इसको लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद लगातार प्रयासरत हैं. अब ताजा मामला यह है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता डाॅ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने मेरठ के मंडल आयुक्त से मेरठ में एयरपोर्ट के निर्माण के संबंध में चिट्ठी लिखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की है और उन्होंने सुझाव भी दिया है.
डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी की ओर से जारी पत्र में लिखा है कि मेरठ एयरपोर्ट के संबंध में 2014 में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ एक समझौता हुआ था, कि जमीन राज्य सरकार निशुल्क उपलब्ध कराएगी और फिर उसे विकसित करने का काम एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया करेगी.
पत्र में लिखा है कि दुर्भाग्य है कि हम आज तक एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को निशुल्क जमीन उपलब्ध कराकर उनके नाम नहीं चढ़ा पाए. लिखा है कि आज की स्थिति में जो जमीन उपलब्ध है उसमें 2280 मीटर लंबी 210 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी बना सकते हैं और उस पर ATR-72 उड़ सकता है, लेकिन हवाई पट्टी हेतु उपलब्ध जमीन में छह लोगों की छोटी-छोटी जमीनों के टुकड़े हैं जो केवल जमीन की कीमत के लिए ही न्यायालय में गए हुए हैं. उन्होंने जो कीमत मांगी है उस हिसाब से कुल जमीन की कीमत लगभग 23 करोड़ रुपये आती है.
राज्य सरकार से बराबर इस बात का प्रयास हो रहा है कि 23 करोड़ रुपया यदि मिल जाए तो उस धनराशि को न्यायालय में जमा कर दिया जाए और वहां से फिर भी जो जीतेगा वह उस धनराशि को प्राप्त कर लेगा और धनराशि जमा करने के बाद कागज पर जमीन उड़ान विभाग के नाम दर्ज करके और इस पर आगे एयरपोर्ट अथॉरिटी को काम करने की स्थिति निर्माण की जाए.
चिट्टी में लिखा है कि दुर्भाग्य यह है कि अभी तक भी राज्य सरकार से वह धनराशि उपलब्ध नहीं हो पाई है. शुरू से हवाई पट्टी के लिए जमीन उपलब्ध कराने, अधिग्रहण करने मे मेरठ विकास प्राधिकरण ने काम किया है. उन्होंने यह भी हवाला दिया कि अभी पिछले माह जो लखनऊ में बैठक हुई थी, उसमें मेरठ विकास प्राधिकरण को जो वन विभाग की जमीन को अधिग्रहण करने में पैसा लगा था उसकी वापसी भी हुई है.
पत्र में लिखा है कि इस दृष्टांत को आधार बनाकर मेरा वैकल्पिक प्रस्ताव यह है कि इस धनराशि को यदि मेरठ विकास प्राधिकरण तात्कालिक आधार पर जमा कर दे, बाद में शासन से आ जाए तो एयरपोर्ट बनने का काम आगे बढ़ सकेगा यह एक वैकल्पिक प्रस्ताव मेरे द्वारा है.
2017 में नगर निगम के चुनाव में प्रदेश के सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली रोड पर सार्वजनिक सभा में इस बात की घोषणा की थी यह बहुत शीघ्र मेरठ से एयरपोर्ट प्रारंभ हो जाएगा.
पत्र में लिखा है कि एक विषय जो बार-बार उठाया जा रहा है, अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का यह शायद उन्हें ऐसा लग रहा है कि मेरठ को एयरपोर्ट ना मिले उसके लिए यह स्थिति निर्माण की जा रही है, क्योंकि जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, छोटे एयरपोर्ट अलीगढ़, मुरादाबाद, सहारनपुर हिंडन यह सब होने के बाद मेरठ में किसी प्रकार के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की आवश्यकता नहीं है.
उनका आरोप है कि 23 करोड़ रुपये तो हम दे नहीं पा रहे हैं और 300 करोड़ की नई जमीन अधिग्रहण करके और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने का सपना मेरठ की जनता को दिखा रहे हैं, शायद मृग मरीचिका है.
चिट्ठी में लिखा है कि 'मेरा मत है कि ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी', इस कहावत को कम से कम मेरठ में ना लाया जाए.
उन्होंने मेरठ मंडल आयुक्त से मांग की है कि मेरठ विकास प्राधिकरण से 23 करोड़ रुपये उपलब्ध करवा दें, तो यह एक अच्छा प्रयास होगा मेरठ के विकास में एक नया आयाम जुड़ेगा.
बह्रहहाल सत्ताधारी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की चिट्ठी को लेकर यह माना जा रहा है कि, वर्षो पुरानी मांग को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुःखी हैं. यही वजह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक कोई सकारात्मक एक्शन दिखाई नहीं दे रहा है.