इंदौर।देश का सबसे स्वच्छ शहर एक साथ 11 लाख पौधे लगाए जाने को लेकर पूरी तरह से तैयार है. रविवार की सुबह महा वृक्षारोपण अभियान के तहत 50 हजार से ज्यादा लोग शहर के रेवती रेंज की पहाड़ी पर पौधा लगाएंगे. मां के नाम एक पेड़ अभियान के तहत पौधारोपण के लिए गृहमंत्री अमित शाह के साथ देशभर के पर्यावरणविद् और कई सम्मानित लोग उपस्थित रहेंगे. इसको गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज किया जाएगा.
51 लाख पेड़ लगाने का है लक्ष्य
इंदौर में बढ़ते प्रदूषण और तापमान को नियंत्रित करने के लिए लाखों की संख्या में पौधा लगाने का अभियान प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की पहल पर शुरू हुआ, जिसके तहत 51 लाख पेड़ लगाए जा रहे हैं. इस अभियान की शुरुआत औपचारिक रूप से 7 जुलाई से ही हो गई थी. जिसके तहत अब तक शहर और उसके आसपास के इलाकों में 23 से 24 लाख पेड़ लग चुके हैं. इस अभियान को लेकर प्रयास यही रहा कि समाज का हर वर्ग और हर नागरिक पर्यावरण की दिशा में पहल करते हुए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें. यही वजह है कि, इंदौर में न केवल नगरीय प्रशासन विभाग बल्कि जिला प्रशासन, वन विभाग, नगर निगम और शहर के विभिन्न समाज और औद्योगिक वर्ग से जुड़े संगठन इस अभियान को लेकर सक्रिय रहे.
लोगों के सामुहिक प्रयास से हो रहा काम
पौधारोपण अभियान को सफल बनाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने सामूहिक प्रयास किया. देश के विभिन्न हिस्सों से पौधे एकत्र किए गए हैं. 20 करोड़ रुपये की लागत के पौधे दान में मिले हैं. इन पौधों को 300 ट्रकों में भरकर वृक्षारोपण स्थल तक लाया गया है. इस अभियान को लेकर कैलाश विजयवर्गीय बताते हैं कि, 'रेवती रेंज में जो वन आकार लेगा वह पूरे शहर की अनमोल संपत्ति होगी. इन वृक्षों से हमारे बच्चों का भविष्य जुड़ा हुआ है. आने वाले समय में यह इंदौर शहर और आसपास के इलाकों का बड़ा पिकनिक स्पॉट बनेगा.'
ऐसे बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए 11 लाख गड्ढे तैयार करने के लिए शनिवार शाम 6 बजे से गड्ढे खोदना शुरू कर दिए गए थे जो 14 जुलाई, सुबह 6 बजे तक खोदे गए. 11 लाख वृक्षारोपण के वर्ल्ड रिकॉर्ड पर 100 कैमरों से नजर रखी जाएगी. वृक्षारोपण के इस महा अभियान में प्रत्येक समाज के आराध्य देव और प्रत्येक संस्था के आदर्श के नाम पर वनों का नाम किया जाएगा. रेवती रेंज क्षेत्र को वृक्षारोपण के लिए 9 जोन में विभाजित किया गया है. 9 जोन जो 100 सबजोन में बंटा हुआ है. इनमें 1 लाख 21 हजार बड़े पेड़ और 4 लाख 50 हजार छोटे पेड़ लगाए जाएंगे. छोटे पेड़ 5 से 6 फीट के रहेंगे, जिनका सर्वाइवल रेट 90 प्रतिशत से ज्यादा है. वृक्षारोपण के बाद उसके रखरखाव की योजना भी तैयार की गई है.
वृक्षारोपड़ के दौरान पूरी व्यवस्था रहेगी