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केरल में इस तारीख को दस्तक दे रहा मानसून, जानिए इस बार देश में कितनी बारिश का है अनुमान - monsoon update - MONSOON UPDATE

IMD predicts monsoon : भीषण गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहतभरी खबर है. मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अनुमान जता दिया है. केरल में मानसून कब दस्तक देगा, इस साल जून में कैसी बारिश होने की संभावना है ये भी बताया है. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता सौरभ शर्मा की रिपोर्ट.

IMD predicts monsoon
बारिश प्रतीकात्मक फोटो (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 27, 2024, 10:10 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को भविष्यवाणी की कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ट्रैक पर है. मानसून और अगले पांच दिनों में केरल तट पर दस्तक दे सकता है. आईएमडी ने अपने पहले बुलेटिन में भविष्यवाणी की थी कि केरल में मानसून की शुरुआत 31 मई (+/-4) होगी.

एक वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि, 'पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मानसून वर्षा 4% की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी अवधि के औसत का 106% होने की संभावना है. इस प्रकार, सामान्य से ऊपर पूरे देश में बारिश की सबसे अधिक संभावना है.'

शीर्ष मौसम विज्ञानी ने कहा कि देश के अधिकांश वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों को कवर करने वाले भारत के मुख्य मानसून क्षेत्र में इस मौसम में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य देश के मुख्य मानसून क्षेत्र का निर्माण करते हैं जहां कृषि मुख्य रूप से वर्षा पर आधारित है.

कैसा रहेगा मानसून :इसी तरह देश के अन्य हिस्सों के लिए भी उन्होंने भविष्यवाणी की कि पूर्वोत्तर भारत में मानसून सामान्य से कम, उत्तर-पश्चिम में सामान्य और देश के मध्य और दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में सामान्य से ऊपर रहेगा. आईएमडी महानिदेशक ने कहा कि देश में जून में सामान्य वर्षा (लंबी अवधि के औसत 166.9 मिमी का 92-108%) होने की संभावना है.

इस बार अच्छी बारिश का अनुमान (ANI)

चूंकि देश के कई हिस्से चिलचिलाती गर्मी से जूझ रहे हैं, पहले दक्षिणी क्षेत्र के राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और उसके बाद उत्तर के क्षेत्र भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं, इस घोषणा से कृषि क्षेत्र में लगे लोगों के चेहरे पर मुस्कान आने की संभावना है.

भारत के कृषि परिदृश्य के लिए मानसून महत्वपूर्ण है, 52% शुद्ध खेती योग्य क्षेत्र इस पर निर्भर है. यह देश भर में बिजली उत्पादन के अलावा, पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों को फिर से भरने के लिए भी महत्वपूर्ण है.

हीट वेव का अनुमान :मौसम कार्यालय के अनुसार, 29 मई तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश सहित उत्तरी भारत में लू का प्रकोप जारी रहेगा और उसके बाद इसमें धीरे-धीरे कमी आएगी. देश के कई हिस्से मई में चिलचिलाती गर्मी की चपेट में हैं. दिल्ली-एनसीआर, दक्षिण हरियाणा और दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और पंजाब में 17 मई के बाद पांच-सात दिनों तक लू देखी गई, जिसमें पारा 44-48 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया.

सोमवार को दिल्ली के नजफगढ़ में तापमान 48.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. हालांकि, राजस्थान और गुजरात 9 से 12 लू वाले दिनों से सबसे अधिक प्रभावित हुए, जहां तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया. सोमवार को फलोदी में तापमान 49.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

आईएमडी ने पश्चिमी विक्षोभ के कारण 30 मई के बाद किसी भी रेड अलर्ट को वापस ले लिया है, जिससे कुछ नमी आ सकती है और मैदानी इलाकों में कुछ तूफान की गतिविधियां शुरू हो सकती हैं और तापमान में गिरावट आ सकती है.

डॉ. महापात्र ने कहा कि 'उत्तर-पश्चिम भारत के लिए यह असाधारण रूप से काफी गर्म सीजन रहा है, न केवल लू की आवृत्ति के मामले में, बल्कि महीने के अधिकांश भाग में रात के दौरान उच्च तापमान के मामले में भी. जून में भी लोगों को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि आर्द्रता के स्तर में वृद्धि के साथ-साथ दिन और रात के दौरान तापमान अधिक रहने की संभावना है.'

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