गुवाहाटी: अमेरिका द्वारा भारत में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए तय 2.1 करोड़ अमरीकी डॉलर के फंड को रद्द करने के फैसले के बाद बीजेपी लगातार इस मुद्दे को उठा रही है. बीजेपी ने रविवार को आरोप लगाया कि यूपीए के कार्यकाल में अमेरिका द्वारा कथित तौर पर वोटिंग बढ़ाने के नाम पर भारतीय संस्थानों में घुसपैठ किया गया. इसपर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि इसमें रत्ती-भर सच्चाई नहीं है.
बता दें कि अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग ने फंड रोकने का फैसला किया है. भाजपा नेता नलिन कोहली ने इसपर बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी एजेंसी भारत में चुनाव संबंधी कार्यों के लिए 2.1 करोड़ अमरीकी डॉलर क्यों देना चाहेगी? क्या यह भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं होगा?'
“The report in a section of Media about an MoU by ECI in 2012 when I was CEC , for funding of certain million dollars by a US
— Dr. S.Y. Quraishi (@DrSYQuraishi) February 16, 2025
agency for raising voter turnout in India does not have an iota of fact . 1/2
कोहली ने कहा, 'हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं. यहां स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होते हैं. संस्थागत रूप से ऐसे तंत्र हैं जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करते है जिसमें भारत का चुनाव आयोग भी शामिल है.'
आरोप कांग्रेस ने कैम्ब्रिज एनालिटिका जैसे संगठनों के साथ काम किया
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के उदाहरण अतीत में भी देखे गए हैं, जहां कांग्रेस ने देश की चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए प्रभाव बनाने के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका जैसे संगठनों के साथ काम किया था. ये चुनाव प्रक्रिया में बदलाव या हस्तक्षेप हो सकता है. निश्चित रूप से यदि किसी ने इसके तहत धन प्राप्त किया है तो उसे स्पष्ट किया जाना चाहिए. यदि ऐसा कुछ रोका जा रहा है तो यह लोकतंत्र की स्वतंत्रता के व्यापक हित में है.'
जेठमलानी ने कहा यूएसएआईडी के खातों को जब्त करना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और भाजपा सांसद महेश जेठमलानी ने कहा कि देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने की शक्ति रखने वाली भारतीय एजेंसियों को भारत में यूएसएआईडी (USAID's ) के खातों को जब्त करना चाहिए.
जेठमलानी की पोस्ट में लिखा गया, 'भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने की शक्ति रखने वाली हमारी एजेंसियों पर यह दायित्व है कि वे भारत में यूएसएआईडी के खातों को जब्त करें और मतदाता मतदान परियोजना के लिए निर्धारित 21 मिलियन डॉलर के वितरण का पता लगाएं.
साथ ही डेमोक्रेटिक डीप स्टेट के हिमायतियों का पता लगाएं. इसके बाद उन पर भारत को नष्ट करने के लिए कानून के तहत पूरी ताकत से कार्रवाई की जानी चाहिए जिसे आम बोलचाल में देशद्रोह कहा जाता है.' अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने दावा किया कि यूएसएआईडी मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला था.
एक्स पर एक पोस्ट में सान्याल ने लिखा, 'यह जानना अच्छा लगेगा कि भारत में मतदान प्रतिशत सुधारने के लिए खर्च किए गए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर और बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर किसने प्राप्त किए. यूएसएआईडी मानव इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है.'
एसवाई कुरैशी ने कहा आरोपों में रत्ती भर भी तथ्य नहीं है
बहस का जवाब देते हुए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि 2012 में प्रशिक्षण के लिए इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स के साथ एक समझौता ज्ञापन हुआ था, लेकिन इसमें कोई फंडिंग शामिल नहीं था. कुरैशी ने एक्स पर लिखा, 'जब मैं मुख्य चुनाव आयुक्त था तब 2012 में ईसीआई द्वारा एक एमओयू के बारे में मीडिया के एक वर्ग में रिपोर्ट आई थी. इसमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक अमेरिकी एजेंसी द्वारा कुछ मिलियन डॉलर के वित्तपोषण के लिए एक समझौता ज्ञापन किया गया था. इस बात में रत्ती भर भी तथ्य नहीं है.