जयपुर.दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी से पीड़ित बच्चा हृदयांश को दुनिया का सबसे महंगा साढ़े सत्रह करोड़ रुपये का इंजेक्शन मंगलवार को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में लगाया गया. इसके बाद अब हृदयांश आम बच्चों की तरह जिंदगी जी सकेगा. जयपुर के जेके लोन अस्पताल के चिकित्सक डॉ. प्रियांशु माथुर ने हृदयांश को जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगाया.
दरअसल, क्राउड फंडिंग के माध्यम से यह पैसा इकट्ठा किया गया था. हृदयांश की मदद के लिए आमजन के साथ पुलिस विभाग भी आगे आया है. जोलगेनेस्मा इंजेक्शन अमेरिका से सोमवार को जेके लोन अस्पताल पहुंचा. इंजेक्शन लगने से पहले हृदयांश के प्री-टेस्ट और पेपर वर्क कंप्लीट किया गया.
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ऑब्जर्वेशन ने रखा जाएगा : डॉ. प्रियांशु माथुर का कहना है कि हृदयांश को इंजेक्शन लगा दिया गया है और अगले 24 घंटों तक चिकित्सकों के ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. दरअसल, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक जेनेटिक बीमारी है. इसके कारण हृदयांश का कमर से नीचे का हिस्सा बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा था. समय के साथ-साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आना शुरू हो जाते हैं और इस बीमारी से जान जाने का भी खतरा बना रहता है. इस बीमारी का इलाज 24 महीने की उम्र तक ही किया जाता है.
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कई जगह इलाज करवाया : हृदयांश के पिता नरेश शर्मा राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और जब हृदयांश को परेशानी होने लगी तो परिवार ने जयपुर के अलावा दिल्ली समेत अन्य जगहों के चिकित्सकों को दिखाया. इस बीच जांच में अनुवांशिक बीमारी का पता चला, लेकिन परिवार की हालात ऐसी नहीं है कि वो आगे बच्चे का इलाज करा सके. परिजनों को बताया गया कि बच्चे का इलाज हो सकता है, लेकिन उस इंजेक्शन की कीमत करीब साढ़े 17 करोड़ है. ऐसे में अब पूरा परिवार सरकार के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों से मदद की आस लगाए बैठा था.