राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / bharat

जिंदगी मिली दोबारा ! दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चे हृदयांश को लगा दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन - Injection of 17 Crore Saved Baby

Spinal Muscular Atrophy, दुर्लभ बीमारी से ग्रसित हृदयांश को बचाने की मुहिम आखिरकार रंग लाई और मंगलवार को हो हुआ, जो एक सपने के साकार होने जैसा था. शायद जो असंभव था वो संभव हो गया. हृदयांश को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में 17.5 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगाया गया. यहां जानिए पूरी कहानी...

Injection of Rupees 17 Crores 50 Lakh
हृदयांश को लगा दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 14, 2024, 7:22 PM IST

जयपुर.दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी से पीड़ित बच्चा हृदयांश को दुनिया का सबसे महंगा साढ़े सत्रह करोड़ रुपये का इंजेक्शन मंगलवार को जयपुर के जेके लोन अस्पताल में लगाया गया. इसके बाद अब हृदयांश आम बच्चों की तरह जिंदगी जी सकेगा. जयपुर के जेके लोन अस्पताल के चिकित्सक डॉ. प्रियांशु माथुर ने हृदयांश को जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगाया.

दरअसल, क्राउड फंडिंग के माध्यम से यह पैसा इकट्ठा किया गया था. हृदयांश की मदद के लिए आमजन के साथ पुलिस विभाग भी आगे आया है. जोलगेनेस्मा इंजेक्शन अमेरिका से सोमवार को जेके लोन अस्पताल पहुंचा. इंजेक्शन लगने से पहले हृदयांश के प्री-टेस्ट और पेपर वर्क कंप्लीट किया गया.

पढ़ें :हृदयांश को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर चली मुहिम, एसपी ने की ये अपील

ऑब्जर्वेशन ने रखा जाएगा : डॉ. प्रियांशु माथुर का कहना है कि हृदयांश को इंजेक्शन लगा दिया गया है और अगले 24 घंटों तक चिकित्सकों के ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. दरअसल, स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक जेनेटिक बीमारी है. इसके कारण हृदयांश का कमर से नीचे का हिस्सा बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा था. समय के साथ-साथ शरीर में कई तरह के बदलाव आना शुरू हो जाते हैं और इस बीमारी से जान जाने का भी खतरा बना रहता है. इस बीमारी का इलाज 24 महीने की उम्र तक ही किया जाता है.

पढ़ें :20 माह के मासूम को मदद की आस, इलाज के लिए साढ़े 17 करोड़ के इंजेक्शन की दरकार

पढ़ें :हृदयांश को बचाने की मुहिम, सामाजिक संगठन ने बाजार में मांगी आर्थिक मदद

कई जगह इलाज करवाया : हृदयांश के पिता नरेश शर्मा राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और जब हृदयांश को परेशानी होने लगी तो परिवार ने जयपुर के अलावा दिल्ली समेत अन्य जगहों के चिकित्सकों को दिखाया. इस बीच जांच में अनुवांशिक बीमारी का पता चला, लेकिन परिवार की हालात ऐसी नहीं है कि वो आगे बच्चे का इलाज करा सके. परिजनों को बताया गया कि बच्चे का इलाज हो सकता है, लेकिन उस इंजेक्शन की कीमत करीब साढ़े 17 करोड़ है. ऐसे में अब पूरा परिवार सरकार के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों से मदद की आस लगाए बैठा था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details