शिमला/कुल्लू/मंडी:गुरुवार की सुबह हिमाचल प्रदेश के लिए तबाही लेकर आई. खासकर तीन जिलों में बारिश और बादल फटने के बाद ऐसी तबाही मची की पिछले साल की यादें ताजा हो गई. बादल फटने के बाद तीनों जिलों में कुल 52 लोग लापता हैं जबकि दो लोगों की मौत हो चुकी है. बारिश, बादल फटने और फ्लैश फ्लड की वजह से नदी नाले और डैम उफान पर हैं और खतरे की घंटी बजा रहे हैं. निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं और कई लोगों के आशियानें, दुकानें तक बह गई हैं.
नदी नालों से दूर रहें
सरकार के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन की ओर से भी लोगों से अपील की गई है कि नदी नालों के किनारे ना जाएं. ब्यास से लेकर पार्वती नदी उफान पर है. निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. खासकर ब्यास नदी के किनारे कई इलाकों में पानी घुस गया है. इसलिये प्रशासन की ओर से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को नदी के किनारे ना जाने की हिदायत दी गई है.
डैम बजा रहे खतरे की घंटी
कुल्लू के मलाणा डैम से लेकर मंडी के पंडोह डैम भी लबालब भर गया, जिसके बाद पानी छोड़ा गया है. इसके अलावा सतलुज नदी का भी जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसे देखते हुए नाथपा बांध से अतिरिक्त पानी सतलुज नदी में छोड़ा जा रहा है. प्रशासन की ओर से नदी के किनारे न जाने और सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की गई है.
सबसे पहले कुल्लू में फटा बादल
हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक कुल्लू जिले के निरमंड में देर रात करीब डेढ बजे बादल फटा. जिसके बाद इलाके में बाढ़ जैसे हालात हो गए. यहां 7 लोग लापता हैं जबकि 2 पुल क्षतिग्रस्त हो गए. इसके अलावा 11 मकान और 6 दुकानें भी सैलाब में बह गई. एक सड़क भी इस दौरान क्षतिग्रस्त हुई, जहां फिलहाल आवाजाही बंद कर दी गई थी.