शिमला: देश के पहले परमवीर मेजर सोमनाथ शर्मा, मेजर धनसिंह थापा सहित करगिल युद्ध के दो परमवीरों कैप्टन विक्रम बत्रा (बलिदान उपरांत) और सूबेदार मेजर संजय कुमार की धरती हिमाचल के लिए 25 जनवरी का दिन बहुत पवित्र है. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश का गठन वैसे तो 15 अप्रैल 1948 को हो गया था, लेकिन इसे पूर्ण राज्य का दर्जा 25 जनवरी 1971 को मिला था. शिमला के रिज मैदान पर देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौजूदगी में हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई. उस समय मौसम सर्द था और आसमान से देवभूमि के लिए आशीष के रूप में श्वेत धवल फाहे उतर रहे थे. हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद इस पहाड़ी प्रदेश ने एक के बाद एक सफलताएं हासिल कीं. पहाड़ी प्रदेश हिमाचल के सीने पर सफलताओं के नगीने चमक रहे हैं. बात चाहे शिक्षा की हो, स्वास्थ्य की या फिर खेती-किसानी सहित आईटी सेक्टर की, हिमाचल ने अपनी उपलब्धियों से देश-दुनिया को चमत्कृत किया है. आइए, जानते हैं कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद हिमाचल ने किस तरह से सफलता की सीढ़ियां चढ़ी हैं.
राज्य छोटा, उपलब्धियां विशाल
सेहत अच्छी तो जीवन तो सफल. हिमाचल ने सेहत के मोर्चे पर कई शानदार उपलब्धियां अर्जित की हैं. हिमाचल के डॉक्टर्स ने अपनी प्रतिभा से सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है. डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. जगतराम, डॉ. राजबहादुर, डॉ. टीएस महंत, डॉ. अरुण शर्मा, डॉ. ओमेश भारती किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. डॉ. रणदीप गुलेरिया ने लंबे समय तक एम्स दिल्ली की कमान संभाली है. डॉ. टीएस महंत देश के टॉप के हार्ट सर्जन की सूची में उल्लेखनीय नाम हैं. डॉ. जगतराम विश्वविख्यात आई सर्जन और पीजीआईएमआर चंडीगढ़ के निदेशक रहे हैं. डॉ. अरुण शर्मा कार्डियो वस्कुलर रेडियोलॉजी एंड एंडोवस्कुलर इन्टरवेंशन (सीवीआर एंड ईआई) में सुपर स्पेशेलाइजेशन यानी डीएम डिग्री पाने वाले देश के पहले डॉक्टर हैं. इससे पहले ये सुपर स्पेशेलाइजेशन की डिग्री विदेश में होती थी. एम्स दिल्ली ने पहली बार इसे शुरू किया तो डॉ. अरुण ही इसके लिए सिलेक्ट हुए थे. डॉ. ओमेश भारती की खोज से रैबिज की रोकथाम का सबसे सस्ता उपाय देश व दुनिया को मिला. इस उपलब्धि के लिए उन्हें पदमश्री से सम्मानित किया गया. इसी तरह कोविड मैनेजमेंट का ब्लू प्रिंट तैयार करने वाले डॉ. वीके पाल भी हिमाचल के कांगड़ा जिले से हैं. वे नीति आयोग में सदस्य हैं. डॉ. वीके पाल विश्व के प्रतिष्ठित बाल रोग विशेषज्ञ भी हैं.
देश के अन्य राज्यों के लिए मिसाल हिमाचल
हिमाचल प्रदेश के खाते में एक नहीं अनेक शानदार उपलब्धियां हैं. सूचना व तकनीक के जमाने में देश-दुनिया के साथ कदमताल करते हुए हिमाचल ने कई चमकदार सफलताएं प्राप्त की हैं. संक्षिप्त में उन उपलब्धियों का जिक्र निम्न पंक्तियों में दर्ज किया जा रहा है.
- हर घर को नल से जल देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है. जलजीवन मिशन के तहत हिमाचल को शानदार काम करने के लिए कई पुरस्कार मिले हैं.
- भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. देश के लोकतंत्र को यहां के सदन गरिमा प्रदान करते हैं. इस कड़ी में हिमाचल का नाम इसलिए सबसे ऊपर है, क्योंकि यहां देश की पहली ई-विधानसभा स्थापित हुई.
- यही नहीं, देश में ई-बजट, ई-कैबिनेट की शुरुआत करने वाला भी हिमाचल पहला राज्य है.
- देश के पहले धुआं मुक्त राज्य होने का श्रेय भी हिमाचल के नाम है. यहां हर घर में गैस का चूल्हा है.
- हिमाचल खुले में शौच मुक्त वाला देश का पहला राज्य है. करीब एक दशक पहले ही यह देश का पहला ओडीएफ स्टेट बन चुका है.
- हिमाचल में हरा सोना प्रचुर मात्रा में है. हरे-भरे पेड़ों वाले इस राज्य का ग्रीन कवर निरंतर बढ़ रहा है. वर्ष 2014 में कार्बन क्रेडिट हासिल करने वाला हिमाचल एशिया का पहला राज्य है.
- बर्फानी तेंदुए व इसका शिकार बनने वाले जानवरों का अध्ययन करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है.
- हिमाचल प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के मामले में उल्लेखनीय कार्य हुआ है. यहां सामाजिक सुरक्षा पेंशन साठ साल से ही शुरू हो जाती है.
- कैंसर व अन्य रक्तजनित बीमारियों सहित गंभीर रूप से बीमार लोगों को सरकार हर माह 3000 रुपए की सहायता देती है. ऐसी योजना शुरू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है.
- हिमाचल में एम्स, रीजनल कैंसर सेंटर, छह मेडिकल कॉलेज अस्पताल, मेडिकल रिसर्च यूनिवर्सिटी, सुपर स्पेशिएलिटी मेडिकल इंस्टीट्यूट सहित डेंटल कॉलेज अस्पताल व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों का विशाल नेटवर्क है.
- हिमाचल में प्रति व्यक्ति बैंक शाखाओं का औसत देश में सबसे अधिक है.
- हिमाचल को एशिया का फार्मा हब कहा जाता है. यहां सालाना 45 हजार करोड़ से अधिक की दवाओं का उत्पादन होता है.
- हिमाचल को देश का एप्पल बाउल कहा जाता है. यहां 55 विदेशी किस्मों के सेब पैदा किए जाते हैं. जेएंडके, उत्तराखंड व अरूणाचल प्रदेश के बागवान हिमाचल की बागवानी सफलताओं का अध्ययन करने के लिए यहां आते हैं.
- हिमाचल को देश का उर्जा राज्य भी कहा जाता है. सौ फीसदी रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है.
देवभूमि हिमाचल को संवारने वाले राजनेता
अप्रैल 1948 में जब हिमाचल का गठन हुआ तो यहां 248 किलोमीटर सड़कें थीं. वर्ष 1971 में जब हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला तो यहां की जनसंख्या करीब 35 लाख थी. अब हिमाचल की जनसंख्या 70 लाख से अधिक है. हिमाचल 25 जनवरी 1971 को देश का 18वां राज्य बना था. इससे पहले करीब 35 छोटी-बड़ी रियासतों को मिलाकर 1948 में हिमाचल का गठन हुआ था. हिमाचल की मुख्य पहचान देवभूमि के रूप में है. यहां कई शक्तिपीठ हैं और हर जिले में देव परंपरा की अनूठी मान्यताएं हैं. इस पहाड़ी प्रदेश को संवारने की शुरुआत करने वाले हिमाचल निर्माता व प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार का नाम सभी आदर से लेते हैं. हिमाचल में अब तक डॉ. वाईएस परमार के अलावा रामलाल ठाकुर, वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल, जयराम ठाकुर के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम पद संभाल रहे हैं.
राज्यपाल और सीएम ने दी पूर्ण राज्यत्व दिवस की बधाई
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, पूर्व सीएम शांता कुमार व प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस की सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी है. कवि-संपादक नवनीत शर्मा के अनुसार, "आने वाले समय में हिमाचल के समक्ष रोजगार सृजन व आर्थिक मजबूती हासिल करने की चुनौती है. साथ ही नशे की बुराई के खिलाफ जागरूकता व सशक्त प्रतिरोध की जरूरत है. छोटे राज्य की उपलब्धियां बेशक बड़ी हैं, लेकिन चुनौतियों भी मुंह बाए खड़ी हैं. उनके खिलाफ प्रतिरोध का स्वर प्रबल करना है और साथ ही समाधान भी तलाशना है. हिमाचल को इस दिन की पवित्रता का मान सदैव रखना है."