चंडीगढ़:हरियाणा में वोटिंग के बाद अब कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री पद की रेस शुरू हो गई है. ये सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस में सीएम चेहरा कौन होगा. एक्जिट पोल में हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया जा रहा है. हरियाणा में फिलहाल मुख्यमंत्री पद के दो बड़े चेहरे दौड़ में दिखाई दे रहे हैं. एक तरफ कांग्रेस की पुरानी नेता और सांसद कुमारी सैलजा हैं तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा. हरियाणा में मुख्यमंत्री पद की रेस को लेकर एक बार फिर कुमारी सैलजा ने बयान दिया है.
कुमारी सैलजा ने दिल्ली में की प्रेस कॉन्फ्रेंस
सिरसा सांसद और हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने सोमवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उनसे मुख्यमंत्री बनने को लेकर सवाल किया गया. इसके जवाब में कुमारी सैलजा ने एक बार फिर अनुशासित सिपाही की तरह आलाकमान के फैसले पर भरोसा जताया. हलांकि इशारों-इशारों में कुमारी सैलजा सीएम पद पर महिला और दलित नेता का दवा भी ठोंका. लेकिन आखिर में उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला आलाकमान करेगा.
क्या हरियाणा में दोहराया जायेगा 2005 का इतिहास?
कुमारी सैलजा से जब ये पूछा गया कि क्या हरियाणा में 2005 का इतिहास दोहराया जायेगा, जब कई सीनियर नेताओं के बाद लोकसभा सांसद रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बना दिया गया था. इस सवाल के जवाब में कुमारी सैलजा ने कहा कि इस बारे में ना मैं कुछ कह सकती हूं, और ना कोई और कह सकता है. ये बात केवल हाईकमान की घोषणा के बाद ही पता चलेगी. 2005 का इतिहास दोहराने का मतलब हुआ कि कुमारी सैलजा को भी सीएम बनाया जा सकता है.
क्या है 2005 का इतिहास?
दरअसल हरियाणा विधानसभा चुनाव 2005 में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला और अकेले 67 सीटें जीती थीं. उस समय कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष थे और आदमपुर सीट से विधायक बने थे. लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने वरिष्ठता और गैर जाट चेहरे को दरकिनार कर भजनलाल की जगह जाट समुदाय से आने वाले लोकसभा सांसद भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बना दिया. हुड्डा सीएम बनने के बाद पहली बार गढ़ी सांपला किलोई सीट से विधायक बने. उन्हें विधायक बनाने के लिए श्री कृष्ण हुड्डा ने किलोई से इस्तीफा दिया था.