गुरुग्राम: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का निधन हो गया. 89 साल की उम्र में उन्होंने गुरुग्राम में अंतिम सांस ली. ओम प्रकाश चौटाला लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. उनकी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के कार्यकर्ता ने बताया कि आज सुबह 11.50 के करीब उनकी अचानक से तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया. यहां उन्होंने अंतिम सांस ली.
पीएम मोदी ने जताया शोक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओपी चौटाला के निधन पर शोक जताया. उन्होंने लिखा "हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। प्रदेश की राजनीति में वे वर्षों तक सक्रिय रहे और चौधरी देवीलाल जी के कार्यों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ॐ शांति।"
सीएम नायब सैनी ने दी श्रद्धांजलि: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पूर्व सीएम ओपी चौटाला को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा "इनेलो सुप्रीमो एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला जी का निधन अत्यंत दुःखद है। मेरी ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। उन्होंने प्रदेश और समाज की जीवनपर्यंत सेवा की।देश व हरियाणा प्रदेश की राजनीति के लिए यह अपूरणीय क्षति है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें। ॐ शांति।"
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने जताया दुख: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा "उन्होंने विधायक के तौर पर मुख्यमंत्री के तौर पर प्रदेश को सेवाएं दी. उनकी कमी को पूरी नहीं किया जा सकता. मेरे उनके साथ पारिवारिक और व्यक्तिगत संबंध थे."
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने जताया दुख (Etv Bharat) केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने दी श्रद्धांजलि: हरियाणा के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने भी ओपी चौटाला के निधन पर दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा "हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री, इनेलो प्रमुख श्री ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन का दुखद समाचार मिला। प्रदेश के विकास में उनके अहम योगदान को सदैव याद किया जाएगा। दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवार के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ॐ शांति!"
रणदीप सुरजेवाला ने जताया शोक: "हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री, चौधरी ओमप्रकाश चौटाला का निधन प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है ।परमात्मा दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे और परिवारजनों को दुःख सहने की शक्ति दे । मेरी विनम्र श्रद्धांजलि ॐ शांति ओम् ।"
किरण चौधरी ने दी श्रद्धांजलि: बीजेपी राज्यसभा सांसद किरण चौधरी ने सोशल मीडिया पर लिखा "हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला जी के निधन का दुःखद समाचार मिला। यह सिर्फ हरियाणा ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों व समर्थकों को इस कठिन समय में धैर्य एवं शक्ति दें। ॐ शांति।"
कुमारी सैलजा ने जताया दुख: कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने सोशल मीडिया पर लिखा "हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन की दुखद सूचना प्राप्त हुई। मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक-संतप्त परिवार को इस कठिन समय में धैर्य एवं संबल प्रदान करें।"
ओपी चौटाला का सियासी सफर:ओपी चौटाला का जन्म1 जनवरी 1935 को हरियाणा के सिरसा जिले के चौटाला गांव में हुआ. उनके पिता चौधरी देवी लाल हरियाणा के मुख्यमंत्री और देश के उप प्रधानमंत्री रहे. घर में राजनीति का माहौल था, जिसने उनकी आगे की जिंदगी का सफर भी पहले ही तय कर दिया था. पढ़ाई बीच में छोड़कर उन्होंने पिता के नक्शे कदम पर चलने का फैसला ले लिया था.
ओम प्रकाश चौटाला का नाम हरियाणा के कद्दावार नेताओं में शुमार था. वो अपने पिता की तरह ही हरियाणा के मुख्यमंत्री रहें. वो 7 बार विधायक रहे और 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बनें. मौजूदा वक्त में वो हरियाणा की क्षेत्रीय पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे.
सिर्फ एक बार किया सीएम का कार्यकाल पूरा:ओपी चौटाला भले 4 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हों, लेकिन वो सिर्फ एक बार ही 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए. चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल ने साल 2000 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, जो पूरे 5 साल चली और ओपी चौटाला इस दौरान मुख्यमंत्री रहे.
वैसे 1989 से 1991 के बीच एक वक्त ऐसा भी आया जब डेढ साल से कम के वक्त में वो 3 बार मुख्यमंत्री बन गए. दिसंबर 1989 में जब चौधरी देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने अपने बेटे ओपी चौटाला को बिना विधायक बने ही हरियाणा का मुख्यमंत्री बनवा दिया. देवीलाल की महम विधानसभा सीट खाली हुई तो 27 फरवरी 1990 को उपचुनाव के दौरान बूथ कैप्चरिंग से लेकर फायरिंग जैसी घटनाएं हुई जिसमें 8 लोगों की जान भी चली गई. जिसके बाद चुनाव रद्द हो गया.
बिना विधायक चुने बने रहे मुख्यमंत्री: करीब 3 महीने बाद 21 मई 1990 को महम सीट पर फिर उपचुनाव होना था, लेकिन एक उम्मीदवार की हत्या हो गई. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जज से मामले की जांच करवाई गई. केंद्र सरकार और उपप्रधानमंत्री देवीलाल पर दबाव बढ़ा तो ओम प्रकाश चौटाला का इस्तीफा दिलाया गया. 172 दिन मुख्यमंत्री रहने के बाद चौटाला ने इस्तीफा दिया, खास बात ये है कि इस दौरान वो बिना विधायक चुने ही मुख्यमंत्री बने रहे.
कभी 5 दिन तो कभी 15 दिन के सीएम- इसके बाद जनता दल ने बनारसी दास को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन वो सिर्फ 51 दिन सीएम रहे, 12 जुलाई 1990 को चौटाला फिर से सीएम की कुर्सी पर बैठ गए. कांग्रेस ने फिर से महम कांड को उठाया तो चौटाला को सिर्फ 5 दिन बाद 17 जुलाई को ही इस्तीफा देना पड़ा. 17 जून को हुकुम सिंह ने सीएम की कुर्सी संभाली लेकिन 248 दिन बाद चौटाला ने उन्हें कुर्सी से हटाकर फिर से 22 मार्च 1990 को मुख्यमंत्री बन गए. फिर विरोध हुआ तो 15 दिन बाद 5 अप्रैल को कुर्सी छोड़ दी. जिसके बाद हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लग गया.
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