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शंभू बॉर्डर पर जमकर हुआ बवाल, दिल्ली मार्च कर रहे किसानों को पुलिस ने रोका, आंसू गैस के गोले दागे, वाटर कैनन का किया इस्तेमाल - FARMERS DELHI MARCH

Farmers Delhi March: जैसे ही किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की, पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इस दौरान टकराव की स्थिति देखने को मिली.

Farmers Delhi March
Farmers Delhi March (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 14, 2024, 8:17 AM IST

Updated : Dec 14, 2024, 2:19 PM IST

अंबाला: दिल्ली कूच कर रहे किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच शंभू बॉर्डर पर जमकर बवाल हुआ. जैसे ही पंजाब के किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक लिया. पुलिस ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान दिल्ली जाने की जिद पर अड़े रहे. जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की. इसके बाद पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे.

शंभू बॉर्डर पर बवाल: शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने सड़क पर कीलें और कंक्रीट की दीवार बनाकर मल्टी लेयर बैरिकेडिंग की हुई है. जैसे ही किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की, तो पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया. पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे इसके अलावा वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. इस बीच किसानों में भगदड़ मच गई. जिसके चलते कई किसानों के घायल होने की खबर है.

किसानों का दिल्ली कूच: किसानों ने दो बार दिल्ली कूच की कोशिश की है, लेकिन दोनों ही बार किसान नाकाम रहे हैं. हरियाणा पुलिस ने किसानों को शंभू बॉर्डर से आगे ही बढ़ने नहीं दिया. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने सरकार को बातचीत का समय दिया है, लेकिन सरकारी हमारी मांग नहीं सुन रही. इसलिए हमने पैदल दिल्ली कूच का फैसला किया है. हम शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन हमें दिल्ली जाने से रोक रहा है.

इंटरनेट सेवा बंद: किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए अंबाला में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. आज रात 12 बजे से अंबाला में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. 17 दिसंबर तक इंटरनेट सवाओं को बंद किया गया है. आज किसान तीसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच की कोशिश करेंगे.

दातासिंह वाला बॉर्डर पर भी सुरक्षा कड़ी: जींद और पंजाब के दातासिंह वाला बॉर्डर पर भी सुरक्षा कड़ी की गई है. दातासिंह वाला बॉर्डर फिलहाल सील है. किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए फोर्स की तैनाती को बढ़ा दिया गया है. किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान के चलते उझाना तथा नरवाना सिरसा ब्रांच नहर पर नाके लगाए हैं.

आमरण अनशन पर हैं किसान नेता: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर 26 नवंबर से आमरण अनशन कर रहे हैं. किसानों के मुताबिक उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है. उनके अनशन को पूरे 19 दिन हो चुके हैं. फिलहाल भारतीय किसान यूनियन. डल्‍लेवाल के आमरण अनशन को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने भी उनके आंदोलन को समर्थन दिया है.

क्या हैं किसान संगठनों मांगे? किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि सभी फसलों की MSP पर खरीद का गारंटी का कानून बने. डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसल की कीमत तय हो. डीएपी खाद की कमी को दूर किया जाए. किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.

इसके अलावा किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए. नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए. संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.

ये भी पढ़ें- BJP सांसद का विवादित बयान, बोले- किसान नशे के सौदागर, आंदोलन की जगह से 700 लड़कियां गायब, इनकी हैसियत क्या है? - BJP MP CONTROVERSIAL STATEMENT

ये भी पढ़ें- राकेश टिकैत ने बताई दिल्ली को घेरने की रणनीति, जांगड़ा के विवादित बयान पर भी किया पलटवार - RAKESH TIKAIT ON FARMERS

अंबाला: दिल्ली कूच कर रहे किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच शंभू बॉर्डर पर जमकर बवाल हुआ. जैसे ही पंजाब के किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक लिया. पुलिस ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान दिल्ली जाने की जिद पर अड़े रहे. जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई और किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की. इसके बाद पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे.

शंभू बॉर्डर पर बवाल: शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने सड़क पर कीलें और कंक्रीट की दीवार बनाकर मल्टी लेयर बैरिकेडिंग की हुई है. जैसे ही किसानों ने दिल्ली कूच की कोशिश की, तो पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया. पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे इसके अलावा वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. इस बीच किसानों में भगदड़ मच गई. जिसके चलते कई किसानों के घायल होने की खबर है.

किसानों का दिल्ली कूच: किसानों ने दो बार दिल्ली कूच की कोशिश की है, लेकिन दोनों ही बार किसान नाकाम रहे हैं. हरियाणा पुलिस ने किसानों को शंभू बॉर्डर से आगे ही बढ़ने नहीं दिया. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने सरकार को बातचीत का समय दिया है, लेकिन सरकारी हमारी मांग नहीं सुन रही. इसलिए हमने पैदल दिल्ली कूच का फैसला किया है. हम शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन हमें दिल्ली जाने से रोक रहा है.

इंटरनेट सेवा बंद: किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए अंबाला में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. आज रात 12 बजे से अंबाला में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं. 17 दिसंबर तक इंटरनेट सवाओं को बंद किया गया है. आज किसान तीसरी बार शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच की कोशिश करेंगे.

दातासिंह वाला बॉर्डर पर भी सुरक्षा कड़ी: जींद और पंजाब के दातासिंह वाला बॉर्डर पर भी सुरक्षा कड़ी की गई है. दातासिंह वाला बॉर्डर फिलहाल सील है. किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए फोर्स की तैनाती को बढ़ा दिया गया है. किसानों के दिल्ली कूच के आह्वान के चलते उझाना तथा नरवाना सिरसा ब्रांच नहर पर नाके लगाए हैं.

आमरण अनशन पर हैं किसान नेता: किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल किसानों की मांगों को लेकर 26 नवंबर से आमरण अनशन कर रहे हैं. किसानों के मुताबिक उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही है. उनके अनशन को पूरे 19 दिन हो चुके हैं. फिलहाल भारतीय किसान यूनियन. डल्‍लेवाल के आमरण अनशन को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने भी उनके आंदोलन को समर्थन दिया है.

क्या हैं किसान संगठनों मांगे? किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि सभी फसलों की MSP पर खरीद का गारंटी का कानून बने. डॉक्टर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसल की कीमत तय हो. डीएपी खाद की कमी को दूर किया जाए. किसान-खेत मजदूरों का कर्जा माफ हो, पेंशन दी जाए. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.

इसके अलावा किसान आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा, सरकारी नौकरी मिले. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम, 700 रुपए दिहाड़ी दी जाए. नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर कड़ा कानून बनाया जाए. मिर्च, हल्दी एवं अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए. संविधान की 5 सूची को लागू कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.

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Last Updated : Dec 14, 2024, 2:19 PM IST
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