नई दिल्ली: बाबा साहेब आंबेडकर पर शुरू हुआ झगड़ा अब संसद से सड़क तक पहुंच सकता है. एक तरफ कांग्रेस बार बार ये दावा कर रही की वो गृह मंत्री अमित शाह के आंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर चुप नहीं बैठेगी. कांग्रेस चाहती है कि, गृह मंत्री माफी मांगे. वहीं भाजपा का कहना है कि, कांग्रेस ने बाबा साहेब का समय समय पर अपमान किया जिसका जवाब हिंदुस्तान को उन्हें देना होगा. साथ ही राहुल गांधी ने संसद में धक्का मुक्की की ,उस पर भी वो विरोध जारी रखेगी.
बहरहाल, बाबा साहेब के नाम पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही काफी आक्रामक हैं. सत्र खत्म हो जाने के बाद भी यदि भाजपा की बात करें तो सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के खिलाफ वो पूरे देश में विरोध प्रदर्शन की योजना बना रही है. मगर मामला चाहे कुछ भी हो सत्ताधारी पार्टी हो या विपक्ष दोनों की नजर बाबासाहेब के बहाने दलित वोट बैंक पर है. दोनों ही पार्टियां इस मुद्दे पर एक दूसरे पर हावी हैं. बहरहाल गुरुवार को संसद में हुई धक्का मुक्की की घटना पर की गई भाजपा की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने जांच की शुरुआत कर दी है.
शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल को जेपीसी के पास चर्चा के लिए भेज दिया है. जेपीसी के लिए लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 12 सदस्य चुने गए.
देखा जाए तो शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसद एक-दूसरे से भिड़ते रहे. ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर भाजपा ने पुलिस केस दर्ज कराया है. उन पर भाजपा के दो सांसदों को गिराकर घायल करने का आरोप है. इसके बदले में कांग्रेस ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कर भाजपा सांसदों द्वारा मल्लिकार्जुन खड़गे को चोटिल करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने कहा कि, राहुल गांधी पर यह केस डॉ. आंबेडकर का सम्मान बचाने की लड़ाई लड़ने की वजह से लगाया गया है.
कुल मिलाकर लड़ाई बाबा साहेब को लेकर है और दोनों ही पक्ष इसे तूल देने के मूड में नजर आ रहे हैं. इस बीच इस सत्र में सरकार ने कई विधाई कार्य भी सम्पन्न करवाएं. देखा जाए तो सत्र के दौरान लोक सभा की 20 बैठकें हुईं, जो 62 घंटे तक चलीं. अठारहवीं लोक सभा के तीसरे सत्र के दौरान उत्पादकता 57.87 प्रतिशत रही.
सत्र के दौरान लोक सभा में पांच सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए और चार विधेयक पारित किए गए. शून्य काल के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए और नियम 377 के अंतर्गत 397 मामले उठाए गए.
भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा 13 दिसंबर, 2024 को शुरू हुई और 14 दिसंबर, 2024 को समाप्त हुई. सत्र के दौरान पांच सरकारी विधेयक पेश किए गए और चार विधेयक पारित किए गए. सरकार का कहना है कि, भले ही सदन में विपक्ष हंगामा करती रही और उनकी भागीदारी कम रही मगर सदन का काम रुका नहीं. साथ ही कई विधाई कार्यों को संपन्न किया गया, लेकिन विपक्ष ने जिस तरह से हंगामा किया उससे सदन के स्थगन की वजह से काफी पैसों की बर्बादी भी हुई.
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