महिलाएं और पुरुष दोनों ही ब्यूटी पार्लर में जाते हैं. क्योंकि, ब्यूटी पार्लर में कई तरह की कॉस्मेटिक सेवाएं मिलती हैं, जिनसे आपका रूप-रंग निखरता है और आत्मविश्वास बढ़ता है. इसके साथ ही ब्यूटी पार्लर स्पा और मसाज जैसी सेवाओं से शरार को आराम भी मिलता है और मांसपेशियों में तनाव से राहत मिलती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ब्यूटी पार्लर का में मिल रही यह सुविधाएं और आराम कितना खतरनाक हो सकता है?
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम
जी हां, आपने सही पढ़ा! ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम (BPSS) के कारण इमरजेंसी मेडिकल केयर की जरूरत पड़ सकती है. यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें सैलून में बाल धोते समय गर्दन की नसें दब जाती हैं और दिमाग तक खून पहुंचने में दिक्कत होती है. इससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. यह कंडिशन पुरुषों और महिलाओं दोनों को हो सकती है.
हैदराबाद में एक महिला को हुआ स्ट्रोक
ब्यूटी पार्लर से होने वाला स्ट्रोक एक रियलिटी है, अलग-अलग चिकित्सा साहित्य में कई ऐसी घटनाओं का जिक्र किया गया है, जो हम सभी के लिए एक चिंता का विषय बन सकती हैं. हाल ही में हैदराबाद में 50 साल की एक महिला को ब्यूटी पार्लर में बाल धुलवाते समय स्ट्रोक का सामना करना पड़ा है. इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि सैलून में मसाज करते समय महिला के मस्तिष्क की नसों के दबा गई जिससे ब्लड सप्लाई पर प्रभाव पड़ा और स्ट्रोक आ गया.
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम क्या है?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम, जिसे हेयरड्रेसर से संबंधित इस्केमिक सेरेब्रोवास्कुलर इवेंट (HICE) या वर्टेब्रल-बेसिलर इस्केमिया (VBI) के रूप में भी जाना जाता है. यह गर्दन में वर्टेब्रल धमनियों के संपीड़न विच्छेदन (Compression amputation) या आंसू के कारण होता है, जो दिमाग में ब्लड फ्लो को रोक सकता है या कम कर सकता है जिससे पैरालायसिस या स्ट्रोक हो सकता है.
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम के कारण
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम एक प्रकार का स्ट्रोक है जो गर्दन में वर्टिब्रल धमनी को नुकसान बाधा के कारण होता है. यह धमनी मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली प्रमुख रक्त वाहिकाओं में से एक है. लंबे समय तक या अत्यधिक गर्दन का हाइपरएक्सटेंशन, जैसे कि बाल धोने के लिए सैलून सिंक में पीछे की ओर झुकना, कभी-कभी वर्टिब्रल धमनी के संपीड़न या फटने का कारण बन सकता है. इससे खून के थक्के या ब्लड फ्लो में कमी भी हो सकती है, और इसलिए, स्ट्रोक हो सकता है.
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम के लक्षण
लक्षण तुरन्त या कुछ सप्ताह बाद दिखाई दे सकते हैं जैसे कि
- अचानक से चक्कर आना
- मतली या उल्टी आने की समस्या
- धुंधली दिखाई देना और दोहरी दृष्टि
- संतुलन की हानि
- सिर चक्कराना
- चेहरे पर सुन्नपन
- अंगों की कमजोरी
- बोलने में लड़खड़ाना
- चिड़चिड़ापन
रिस्क क्या है?
हालांकि, अपने ब्यूटी ट्रीटमेंट के लिए पार्लर जाने को लेकर चिंता न करें. यह सिंड्रोम काफी रेयर है और हर किसी को प्रभावित नहीं करता. हालांकि, कुछ हेल्थ प्रोब्लेम्स है जो स्ट्रोक के खतरे को किसी व्यक्ति में बढ़ाती है. उनमें शामिल हैं...
- धमनी में पहले आंशिक बाधा
- गर्दन की एक्सटेंडेड पोजिशन का अधिक समय तक बने रहना
- small vertebral arteries की उपस्थिति
- लगातार स्मोकिंग करना
- अनकंट्रोल डायबिटीज
- हाई ब्लड प्रेशर
- गर्दन की रीढ़ की हड्डी का गठिया
इलाज
ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम का इलाज आमतौर पर अन्य स्ट्रोक की तरह किया जाता है जो मस्तिष्क में खराब रक्त आपूर्ति या इस्केमिया के कारण होता है. एंटी-प्लेटलेट दवाएं और रक्त पतला करने वाली दवाएं निर्धारित की जाती हैं जो रोगी को स्थिति को बिगड़ने से बचाने में मदद कर सकती हैं. यदि स्थिति गंभीर है तो कुछ रोगियों को Rehabilitation therapy की भी आवश्यकता हो सकती है.
कैसे करें बचाव
ब्यूटी पार्लर जाते समय, ब्यूटी-पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम के खतरे को रोकने के लिए इन आसान उपायों में से कुछ का पालन करने का प्रयास करें...
सुनिश्चित करें कि आपके बाल धोते समय आपकी गर्दन आरामदायक स्थिति में हो, आपकी गर्दन 20 डिग्री से अधिक पीछे की ओर नहीं झुकनी चाहिए.
अनवांटेड रिस्क को कम करने के लिए गर्दन को अतिरिक्त सहारा देने के लिए कहें.
यदि आपको स्ट्रोक होने का कोई खतरा है तो अपने ब्यूटीशियन को बताएं, फिर अपने बालों को ऊपर की ओर देखने के बजाय नीचे की ओर मुंह करके धोना सबसे अच्छा है.
यदि आपको ब्यूटी पार्लर स्ट्रोक सिंड्रोम के कोई भी लक्षण दिखाई दें तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें और तत्काल चिकित्सा सहायता लें.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)